अपराध

प्रभात खबर में फिर निकला फर्जी विज्ञापन, बेरोजगार युवक रहे सावधान

प्रभात खबर में पिछले 22 अगस्त को धनबाद संस्करण में झारखण्ड एजुकेशन डेवलेपमेंट द्वारा एक फर्जी विज्ञापन निकाला गया है। जिसमें ग्रामीण शिक्षक/शिक्षिका के लिए 2234 पद, ब्लॉक कार्डिनेटर के लिए 224 पद, जिला कार्डिनेटर के लिए 24 पद, राज्य कार्डिनेटर के लिए 2 तथा लेखापाल के लिए दो पद रिक्त बताये गये है। जिसका परीक्षा शुल्क 230 रुपये निर्धारित है। आश्चर्य है झारखण्ड एजूकेशन डेवलेपमेंट, इन्द्रपुरी रोड नं. 1, रातू रोड, रांची 834005 की ओर से संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा 2018 आयोजित की जा रही है, जिसे ऐसा करने का अधिकार ही नहीं है।

आश्चर्य इस बात की भी है कि खुद को अखबार नहीं आंदोलन बतानेवाला अखबार ही इस प्रकार के फर्जी विज्ञापन को सिर्फ पैसों के लिए प्रकाशित कर दे रहा है, जिससे झारखण्ड के सामान्य व गरीब अभ्यर्थी ठगी के शिकार हो जा रहे हैं। कमाल यह भी है कि यहीं अखबार जब विज्ञापन छापने के बाद, जब लोगों को ठगी का शिकार होता देखता है तो अपने अखबार में इस समाचार को विस्तार से जगह भी देता है।

अब सवाल उठता है कि कोई ठगी का समाचार ही न बने, इसके लिए प्रभात खबर को क्या प्रयास नहीं करना चाहिए? आखिर वह ऐसे विज्ञापन छापकर, आम जनता के हितों के साथ खिलवाड़ क्यों कर रहा है? शायद इसका जवाब न तो संपादक के पास है और न ही इसके मालिक के पास। स्थानीय पुलिस प्रशासन भी ऐसे फर्जी विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए कुछ नहीं कर रहा, जिससे कई फर्जी संगठन, इन विज्ञापन लोभियों अखबारों के माध्यम से अपनी उल्लू सीधा कर रहे हैं तथा बेरोजगार युवकों को ठग रहे हैं।

इस ठगी और फर्जी विज्ञापनों के खिलाफ कई जंग लड़ चुके विष्णु राजगढ़िया ने कहा कि झारखण्ड में इस प्रकार की घटनाएं खूलेआम हैं, पर दुर्भाग्य है कि न तो राज्य सरकार, न पुलिस प्रशासन और न ही अखबार इस मुद्दे पर सही कार्य कर रहे हैं। इसी प्रकरण पर अमित झा को जैसे ही जानकारी मिली, उन्होंने राज्य के सभी बेरोजगार युवकों को आगाह किया कि वे इस प्रकार की फर्जी विज्ञापनों के चक्कर में नहीं आये।

अमित झा का कहना था कि आज के अखबारों में झारखण्ड एजूकेशन डेवलेपमेंट रातू रोड रांची का जो एड छपा है, और इसमें जो परीक्षा शुल्क की मांग की गई है। जिसे संयुक्त स्नातकस्तरीय परीक्षा बताई जा रही है, ऐसी प्रतियोगिता परीक्षा कराने का अधिकार किसी एनजीओ संस्था को है ही नहीं। विद्यार्थी और बेरोजगार युवक भूल से भी इसे न भरे, बल्कि लोकल थाना, एसडीओ के यहां इसके खिलाफ ठगी का केस दायर करें।