दलित एक्ट के विरोध व आरक्षण की मांग को लेकर बिहार की सड़कों पर उतरे सवर्ण

दलित एक्ट के विरोध एवं निर्धन सवर्णों को भी आरक्षण मुहैया करने की मांग को लेकर बिहार मे कई स्थानों पर सवर्ण युवकों ने सड़क जाम की, आगजनी किये तथा कुछ जगहों पर पुलिस के साथ युवाओं की हिंसक झड़प भी हुई। सवर्ण युवकों का कहना था कि स्वतंत्रता के बाद इन 70 सालों में काफी परिवर्तन हुए हैं, आप यह नही कह सकते कि जो आज से 70 साल पहले दलितों की स्थिति थी, वह आज भी हैं, आज दलितों की जिंदगी में भी बेहतर सुधार हुआ हैं, जबकि कई स्थानों में सवर्ण परिवारों की आर्थिक स्थिति दयनीय भी हुई हैं।

सवर्ण युवकों का कहना था, केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकार, जब आप जनता का मत प्राप्त करते हैं, तो आपको सबके लिए सोचना होगा, आप ये नहीं कह सकते कि आप एक वर्ग के लिए सोचेंगे और दुसरे वर्ग पर ध्यान नहीं देंगे, अगर आरक्षण ही बेहतर जिंदगी का आधार हैं, तो फिर सवर्णों को आरक्षण से वंचित क्यों रखा गया हैं? उन्हें भी आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाय, तथा एससी-एसटी एक्ट का जो बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा हैं, जैसे हाल ही में राजस्थान के एक पत्रकार दुर्ग सिंह राजपुरोहित और नोएडा यूपी में एक अवकाश प्राप्त कर्नल के साथ, एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग किया गया, इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगाई जाये, नहीं तो समाज में बिखराव होगा, समाज में एकरुपता-समरसता नहीं आयेगी।

आज इन्हीं विषयों को लेकर इन सवर्ण युवकों ने बिहार बंद बुलाया था, जिसके कारण आरा के नासरीगंज-सकड्डी राजमार्ग पर सवर्णों ने चक्का जाम कर दिया, जिससे पटना और बक्सर जानेवाली गाड़ियों का लंबा जाम लग गया, स्थिति की नाजुकता को समझते हुए स्थानीय पुलिस ने बुद्धिमानी से काम लिया तथा युवाओं को समझा-बुझाकर जाम को हटाने में सफलता प्राप्त की।

वहीं गया के मानपुर में स्थानीय पुलिस को आंदोलनकारियों के साथ दो-दो हाथ करना पड़ा, यहां पुलिस ने लाठियां भी भांजी। बताया जाता है कि गया के मानपुर में आंदोलनकारियों ने उग्र रुप धारण कर लिया था, इधर पटना के खुसरुपुर में भी स्टेट हाइवे को जाम करने की कोशिश की गई। मुजफ्फरपुर के बैरिया में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर आगजनी कर सड़क जाम करने की कोशिश की। लखीसराय और बेगुसराय में सड़क जाम कर बिहार बंद करने की कोशिश की गई।