पुरानी पेंशन योजना लागू करें मोदी, नहीं तो 2019 में अपनी बोरिया-बिस्तर बांधने को तैयार रहे

पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर जब देश भर के लाखों कर्मचारी कल दिल्ली के राम लीला मैदान में रैली कर रहे थे, उस वक्त देश के ज्यादातर गोदी मीडिया और गोदी अखबार भाजपा नेताओं के फालतू बयानों में अपना सर खपाते हुए, अपने-अपने मीडिया और अखबारों में उसे जगह दे रहे थे। इन बेशर्म गोदी मीडिया को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव और गुजरात के मुख्यमंत्री रुपाणी में देश की समस्याएं हल होता दीख रहा था।

दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटे इन लाखों कर्मचारियों का कहना था कि दरअसल न्यू पेंशन स्कीम बाजार आधारित स्कीम है, इससे कर्मचारियों का भला नहीं होनेवाला है, वर्षों तक देश की सेवोपरांत अवकाश प्राप्त करने के बाद, वे ठीक से जी भी नहीं पायेंगे। इस न्यू पे स्कीम में फैमिली पेंशन को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया है। जीपीएफ को भी समाप्त कर दिया गया है। जो कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम में भाग नहीं लेता, उसकी सैलरी नहीं बनाई जाती, जबकि इस देश में कोई भी नेता, अगर सांसद या विधायक बन जाता है, तो उसे और उसके परिवार को सारी सुविधाएं आज भी मिल रही है, आखिर ये नेता क्या है? जिसे सारी सुविधा, पुरानी पेंशन योजना, फैमिली पेंशन मिल रही है और कर्मचारियों को नहीं।

लोगों का कहना था कि इस देश में कोई भी दल हो, चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस या वामपंथी पार्टियां, सभी ने देश में कार्यरत कर्मचारियों के साथ छल किया और खुद सारी सुविधा उठाते रहे। अब पूरे देश के कर्मचारी इस पुरानी पेंशन योजना को लेकर उठ खड़े हुए है, संघर्ष कर रहे हैं, तो ऐसे में एक न एक दिन संघर्ष रंग लायेगा, सरकार को झूकना पड़ेगा, नहीं तो आनेवाले 2019 की चुनाव में हमलोग इस मोदी सरकार को बदल देंगे।

कमाल की बात है कि इतने बड़े मुद्दे को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में लाखों कर्मचारी बिना किसी बैनर के जूटे, और देश की प्रमुख मीडिया गोदी मीडिया के चक्कर में इस बड़े न्यूज को डकार गई, उन्हें लगा कि ऐसा कर वे उनकी आवाज को दबा देंगे, और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इमेज बरकरार रखेंगे, जबकि सच्चाई यह हैं कि पूरे देश में न्यू पेंशन स्कीम के खिलाफ तथा केन्द्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एक माहौल बनता जा रहा है, अगर यहीं हाल रहा तो आनेवाले समय में गोदी मीडिया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ एक ऐसा बवंडर उठेगा, कि भाजपा और उनसे चिपके दल, तथा देश के और खद्दरधारी नेता याद रखेंगे कि ऐसा भी स्वतःस्फूर्त जनांदोलन होता है, जिससे अच्छे-अच्छों की हवा निकल जाती है। हां, हम एनडीटीवी की इस पहल की सराहना करते है, कि उसने न्यू पेंशन स्कीम के खिलाफ कल हुए दिल्ली की प्रदर्शन को अपने यहां स्थान दिया तथा मोदी सरकार को कटघरे में रखते हुए अपने पत्रकारिता धर्म का निर्वहण किया।

ज्ञातव्य है कि इस जनविरोधी न्यू पेंशन स्कीम को पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न कहे जानेवाले अटल बिहारी वाजपेयी ने लागू किया था, जिससे देश की नई पीढ़ी जो 2004 के बाद से नौकरी में आ रही है, वह पूरी तरह तबाह हो रही है, पर भाजपा और अन्य दलों के नेताओं के चेहरे पर तनिक शिकन तक नहीं आई, क्योंकि भ्रष्ट नेताओं का समूह, आज भी अपने लिए  विधानसभा और लोकसभा से अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर पेंशन और फैमिली पेंशन पाने का विधेयक ध्वनिमत से पारित करवा ले रहे हैं और परमानन्द-ब्रह्मानन्द की प्राप्ति कर रहे है।

कमाल है, जिस पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बंद कर दी, आज वहीं पुरानी पेंशन स्कीम का फायदा लेते हुए स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं, पर देश में रहनेवाले, देश की सेवा करनेवाले अपने केन्द्रीय कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम देकर भगवान भरोसे छोड़ दिया, बाजार भरोसे छोड़ दिया, शेयर मार्केट के आगे नाक रगड़ने को छोड़ दिया, यानी जनता रोती रहे और हम आजीवन परमानन्द को प्राप्त करते रहे, ब्रह्मानन्द को प्राप्त करते रहे, ऐसे हैं भाजपा के नेता, ऐसे हैं हमारे देश के भारत रत्न प्राप्त करनेवाले नेता अटल बिहारी वाजपेयी। हालांकि देश भर से आये केन्द्रीय कर्मचारियों ने दिल्ली में रैली कर मोदी को चेता दिया कि 2019 आ रहा है, आप अपना खटिया ठीक-ठाक कर लीजिये, क्योंकि इस रैली में युवाओं की आई जमात को वे बढ़िया से पहचान लें।