अपनी बात

भाजपा के हिन्दुत्व को ठिकाने लगाने में लगे कांग्रेसी, राहुल को बताया असली ब्राह्मण एवं शिवभक्त

इधर पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी के लोगों को हिन्दुत्व खुब रास आने लगा  हैं। पूर्व में कहीं अल्पसंख्यक न बिदक जाये, तुष्टिकरण को ही सब कुछ मानकर चलनेवाली, कांग्रेस को आजकल ब्राह्मण बहुत प्रिय लगने लगे हैं, उनके दिलों में गोभक्ति भी उड़ेल मार रही हैं और रही बात कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की कैलाश मानसरोवर यात्रा की, तो इसके माध्यम से यह भी दिखाने की कोशिश की जा रही हैं कि राहुल गांधी से बड़ा आज तक शिवभक्त किसी राजनीतिक दल में हुआ ही नहीं।

इधर दूसरे दलों में शामिल घाघ नेता, जो कभी कांग्रेस को एक भी सीट अपने इलाके से जीतने नहीं देंगे, का दंभ भरते थे, उन्हें राहुल गांधी के कैलाश मानसरोवर यात्रा में, पं. नेहरु की धर्मनिरपेक्षता और समभाव दिखाई देने लगा हैं, वे अपने फेसबुक व सोशल साइट पर खुब जमकर राहुल गांधी की दिव्यता का बखान कर रहे हैं, कुछ कांग्रेस के कट्टर समर्थक पत्रकारों को इसमें भी लगा दिया गया है कि वे राहुल गांधी के पक्ष में कैलाश मानसरोवर यात्रा में भी धर्मनिरपेक्षता का पुट निकाल लें, ताकि उनका अल्पसंख्यक वोट न बिदक पाये और लगे हाथों, मूर्ख हिन्दूओं और कुछ बुद्धिमान हिन्दुओं को इसी बहाने अपने पक्ष में कर लिया जाये, हालांकि इसमें कितनी कामयाबी मिली, अभी कहना मुश्किल हैं, पर राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जहां धार्मिक भावनाएं ज्यादा हृदय में उड़ेल मारती हैं, वहां काग्रेसियों ने भाजपा की काट के लिए बड़ा ही सुंदर तिकड़म भिड़ा दिया हैं, जिसमें भाजपाइयों के सामने दिक्कत तो नहीं, पर समस्याएं तो जरुर आ खड़ी हुई हैं।

बेचारी भाजपा, उसे तो लगता था कि हिन्दुत्व की दुकानदारी करने का विशेषाधिकार सिर्फ उसी को हैं, उसे क्या पता? कि कांग्रेस वाले उसी की दुकानदारी छीनने का प्रयास करेंगे और उसमें कामयाबी पाने का सूत्र भी निकाल लेंगे। कांग्रेस तो खुश है कि एससी-एसटी एक्ट पर, उसने दलितों को अपने पक्ष मे कर लिया हैं, सवर्ण ऐसे भी इस मुद्दे पर भाजपा से नाराज हो चले हैं, हालांकि इसकी संभावना शत प्रतिशत नहीं दिखती, पर कुछ तो नाराज जरुर हुए हैं और इसका फायदा देर-सवेर कांग्रेस को ही मिलना है, क्योंकि अगर कुछ प्रतिशत भी सवर्ण नाराज हो गये, तो खामियाजा भाजपा को ही उठाना पड़ेगा।

जरा देखिये, कैसे कांग्रेस के लोग ब्राह्मणों को बरगलाने में लग गये हैं, हालांकि वे भी जानते है कि वे जो बोल रहे हैं, उसे लागू कर पाना टेढ़ी खीर हैं, फिर भी राज नेता तो राज नेता होता हैं, उसे जूमले बोलने, झूठ बोलने और जनता को मूर्ख बनाने का लाइसेंस तो जरुर प्राप्त हैं, जरा देखिये कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने पिछले दिनों हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन में क्या कह दिया – डायलॉग नं. 1 – कांग्रेस के डीएनए में ब्राह्मण समाज का खून है। डायलॉग नं. 2 – सरकार में आते ही कांग्रेस ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन करेगी। डायलॉग न. 3 – ब्राह्मणों को दस फीसदी आरक्षण दिया जायेगा। डायलॉग नं. 4 – ब्राह्मण युवाओं को चार फीसदी ब्याज पर छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी। डायलॉग नं. 5 – भगवान परशुराम के नाम पर संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की जायेगी। डायलॉग न. 6 – हरियाणा के एमडी यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र और सिरसा में पंडित परशुराम, पंडित लक्ष्मीचंद और पंडित भगवान दयाल शर्मा के नाम पर तीन चेयर की स्थापना कराने का भी कराया जायेगा और डायलॉग नं. 7 – कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष ब्राह्मणों का बेटा है।

यहीं नहीं सूरजेवाला ने भाजपा को यह कहकर दानव बता दिया कि राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर हैं और जैसे किसी शिव भक्त की आध्यात्मिक यात्रा पर दानव खलल डाला करते थे, ठीक उसी प्रकार भाजपा भी राहुल गांधी की इस आध्यात्मिक यात्रा पर खलल डाल रही है, और इधर राहुल बाबा को देख लीजिये, ये सचमुच आध्यात्मिक संत की तरह पेश आ रहे हैं, टवीट कर रहे हैं कि मानसरोवर का पानी मंद और शांत है, कोई भी यहां का पानी पी सकता है, यहां द्वेष नहीं हैं, यहीं कारण है कि भारत में इस पानी की पूजा करते हैं, इसके पूर्व भी उन्होंने टवीट किया था कि जब बुलावा आता है तब कोई व्यक्ति कैलाश जाता है, रवाना होने से पहले उन्होंने लिखा – असतो मा सदगमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मांअमृतगमय, यानी राहुल बाबा सचमुच पंडित जी हो गये।

जब सभी लोग ब्राह्मणों की जय-जय करने लगे, ब्राह्मणों को राहुल गांधी से जोड़ने लगे तो भला छिंदवाड़ा के धाकड़ नेता विशुद्ध कांग्रेसी कमलनाथ पीछे कैसे रहते, लगे हाथों, उन्होंने गोभक्ति दिखा दी। कमलनाथ ने ऐलान कर दिया सत्ता में आने पर राज्य के हर पंचायत में उनकी पार्टी गोशाला बनवायेंगी। भाजपा गोमाता को लेकर बड़ी-बड़ी बात करती हैं, पर गोमाता के लिए कुछ करती ही नहीं।