अपनी बात

बेटी वहीं ब्याहेंगे, जिस घर में शौचालय पायेंगे, पर CM के अधिकारी शौचालय में ताला लटकवायेंगे

धिक्कार जामताड़ा के विधायक को, धिक्कार जामताड़ा नगर पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को, धिक्कार जिला प्रशासन को, जिन्होंने जामताड़ा बस स्टैंड पर बने सुलभ शौचालय में ताला लटका कर रख दिया है, जिसके कारण महिलाएं इस सुलभ शौचालय का इस्तेमाल नहीं कर पा रही और उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं।

एक ओर पूरे देश में खुले में शौच मुक्त कार्यक्रम जोर-शोर से चलाया जा रहा है, हर जगह खुले में शौच मुक्त के समाचार प्रमुखता से प्रकाशित और प्रसारित किये जा रहे है, और दुसरी ओर जामताड़ा के बस स्टैंड में जो शौचालय बना हुआ है, उसी में ताला लटका कर रख दिया हैं। जिस कारण महिलाओं को भारी परेशानी का करना पड़ रहा है.

आश्चर्य इस बात की है कि इसी शौचालय की दीवारों पर एक नारा लिखा है –“बेटी वहीं ब्याहेंगे, जिस घर में शौचालय पायेंगे।” पर ये नारा लिखवाने वाले भूल गये कि बेटी की सम्मान के लिए जहां भी कहीं शौचालय निर्मित है, वहां ताला लटकाना एक अपराध भी है, महिलाओं के साथ अन्याय भी है, उनके सम्मान के साथ खेलना भी हैं।

आप जब भी जामताड़ा बस स्टैंड जायेंगे तो यहां सुलभ शौचालय के आस-पास पियक्कड़ों-जुआरियों की धमा-चौकड़ी देखेंगे, यहीं नहीं सुलभ शौचालय में ताला लटके रहने से इसके चौखटों पर लोगों को आराम करते पायेंगे, अब सवाल उठता है कि जिस देश में खुले में शौच पर रोक लगाने के लिए तरह-तरह के अभियान चल रहे हो, वहां सुलभ शौचालय में ताला लटकाना क्या इस मुहिम को समाप्त करने की योजना नहीं हैं।

सोशल साइट फेसबुक पर सर्वप्रथम पं. बजरंगी पांडेय ने इस मुद्दे को उठाया है, जिसका सभी ने समर्थन किया है। देवजीत देवगढ़िया कहते है कि वे इस मुद्दे को वहां के विधायक के संज्ञान में लाने का वे प्रयास कर रहे हैं। ललित मुर्मू ने कहा कि यह बहुत घटिया रवैया है, तुरंत ताला खुलना चाहिए। अमित शांडिल्य कहते है कि नरेन्द्र मोदी तो मंदिर से ज्यादा शौचालय को महत्व देते है, और यहां ऐसी दुर्दशा।