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रांची में चिकनगुनिया और डेंगू का प्रकोप, सर्वाधिक मरीज रांची के हिंदपीढ़ी में

रांची के मेन रोड स्थित के बी एकेडमी में चल रहे त्रिदिवसीय रक्त जांच शिविर के पहले दिन ही 27 चिकनगुनिया एवं दो डेंगू के मरीज पाये गये। ये रक्त जांच शिविर लहू बोलेगा टीम की ओर से रिम्स की मदद से चल रहा हैं, जो 4 अगस्त तक चलेगा। लहू बोलेगा टीम के संयोजक नदीम खान ने विद्रोही 24. कॉम को बताया कि चिकनगुनिया व डेंगू के ज्यादातर मरीज हिंदपीढ़ी के स्लम बस्तियों के हैं।

उन्होंने कहा कि 2 अगस्त को पचास मरीजों के रक्त की जांच की गई थी, जिसमें से 27 मरीजों में चिकनगुनिया और 2 मरीजों में डेंगू के लक्षण पाये गये। आज जैसे ही रिम्स की पहले दिन की रिपोर्ट आई, लोग अवाक रह गये, आज रक्त जांच शिविर के दूसरे दिन 15 लोगों के रक्त को लिया गया और उसे जांच के लिए रिम्स भेज दिया गया।

नदीम खान ने कहा कि रांची में चिकनगुनिया/डेंगू जैसी बीमारी महामारी का रुप हफ्तों पहले ले चुकी हैं, अगर लहू बोलेगा टीम रक्त जांच शिविर नहीं लगाती तो पता भी नहीं चलता, ये तो सौभाग्य हिंदपीढ़ी के लोगों का है कि रिम्स ने इस संबंध में मदद की और वहां से एक जांच टीम, यहां के लोगों के रक्त का जांच कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह महामारी कितना विकराल रुप धारण कर चुकी है, यह इसी से पता चलता है कि पचास मरीजों में 29 मरीज इन बीमारियों से प्रभावित हैं।

उन्होंने कहा कि रांची सिविल सर्जन को 20 दिन पूर्व इसकी सूचना दी गई, पर उन्होंने कोई गंभीर पहल नहीं की, जिससे कि इस महामारी की रोकथाम की जा सके। उन्होंने जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, रांची नगर निगम, एवं झारखंड सरकार से अनुरोध किया कि वे इस ओर शीघ्र पहल करें, तथा हिंदपीढ़ी, चर्च रोड, मेन रोड, कर्बला चौक, आजाद बस्ती, थड़पखना, डोरंडा, कडरु, पुरानी रांची, गाड़ीखाना, चुटिया आदि इलाकों में विशेष सफाई अभियान चलाएं, रक्त जांच शिविर लगाएं तथा गरीबों को मुफ्त दवाएं तथा स्वच्छ जल अविलम्ब उपलब्ध कराएं।

उन्होंने कहा कि आज दूसरे दिन शिविर के माइक्रोबॉयलॉजी/पैथोलॉजी से जुड़े डाक्टरों व तकनीशियनों की टीम ने डा. सीमा के नेतृत्व में विशेष जांच प्रारम्भ की। डा. सीमा के साथ डा. खालिद, डा. भुवन, जुल्फिकार अली भुट्टो, निकेश सिन्हा, श्रीकांत आदि मौजूद थे, जबकि लहू बोलेगा टीम के डा. असलम परवेज, नदीम खान, अरशद कुरैशी, सरवर खान, जमील गद्दी, मो. तबरेज की भूमिका प्रशंसनीय थी।