क्रिया योग का अर्थ योगासन नहीं, ईश्वर की प्राप्ति हैः ईश्वरानन्द गिरि
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर यह जानना जरूरी है कि जिसे आज विश्व अपना रहा है, वह क्रिया योग है क्या और इसकी महिमा क्या है? जो लोग इसे अपना चुके हैं, वे निश्चय ही जानते होंगे कि यह हठ योग जैसा कुछ भी नहीं है, अपितु यह एक जीवन शैली है। जिससे आधुनिक विश्व को परमहंस योगानन्द ने परिचय कराया था। योगानन्द ने आम भारतीय को इससे अवगत कराने के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल के आसनसोल के निकट दिहिका में योग विद्यालय की स्थापना 1917 में की,
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