हाहाहाहाहाहाहाहाहा, ये यूनियन/क्लब के लोग मिलकर पत्रकारों की दशा और दिशा सुधारेंगे?
भाई, मेरा तो साफ मानना है कि उस व्यक्ति अथवा संस्था की दशा और दिशा कोई नहीं सुधार सकता, जो व्यक्ति अथवा संस्था अपनी दशा और दिशा सुधारने को खुद उत्सुक न हो। नेताओं-सरकारों या किसी यूनियन की वैशाखियों या टुकड़ों पर किसी भी व्यक्ति अथवा संस्था की दशा या दिशाएं आज तक नहीं सुधरी। कल तक हमने केवल यहीं सुना था कि आज का विषय है – “पत्रकारिता की दशा और दिशा” पर आज समय बदला है। चालाक लोगों ने विषय ही बदल डाले हैं। विषय हो गया – पत्रकारों की दशा और दिशा।
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