नहीं मानी भाजपा कार्यकर्ताओं ने दीपक प्रकाश की बात, रांची में भाजपाइयों के घर नहीं दिखी पार्टी का झंडा, भाजपा स्थापना दिवस से बनाई दूरी

पांच अप्रैल का भाजपा झारखण्ड का व्हाट्सएप ग्रुप देखिये। इस व्हाट्सएप ग्रुप में दीपक प्रकाश का बयान छपा है। जिसमें कई हेडिंग दी गई है। ताकि अखबार/मीडियावाले अपनी सुविधानुसार कोई भी हेडिंग छापकर भाजपा की बल्ले-बल्ले कर दें। कल के व्हाट्सएप ग्रुप में एक हेडिंग है – जिला अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष, बूथ अध्यक्ष सहित लाखों कार्यकर्ता अपने घरों पर लगायेंगे पार्टी का ध्वज।

अब दीपक प्रकाश के इस बयान में कितना दम है। इनके कार्यकर्ता इनके बयान को कितना हाथो-हाथ लिये हैं, इसकी जांच के लिए विद्रोही24 ने भाजपा के गढ़ चुटिया इलाके का सर्वेक्षण किया। सच्चाई यह है कि बार-बार जब भाजपा संकट में आती हैं, चाहे वो लोकसभा का चुनाव हो तो या विधानसभा का, चुटिया ही इलाका भाजपा का बेड़ा-पार लगाती है।

अगर इसकी सही जानकारी प्राप्त करनी हो, तो पूर्व में विधानसभाध्यक्ष, नगर विकास मंत्री का पद संभाल चुके, वर्तमान रांची के विधायक सीपी सिंह से ही पूछ लीजिये। सच्चाई तो यह है कि लोग कहते है कि चुटिया इलाके में तो स्थिति ऐसी है कि हर घर में आपको भाजपा का एक न एक कार्यकर्ता मिल ही जायेगा। यानी ऐसी स्थिति में जहां हर घर में भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता मिलने की बात हो, और वहां के भाजपा कार्यकर्ता अपने ही प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की बातों को मानने से इनकार कर दें और अपने घरों पर भाजपा का झंडा वो भी भाजपा के 44वें स्थापना दिवस न लगायें तो इसका मतलब क्या है? समझते रहिये।

अपर चुटिया का भीड़-भाड़वाला इलाका, जहां महावीरी ध्वजा, भगवा झंडे, चप्पे-चप्पे पर हैं, पर भाजपा का झंडा कहीं नहीं दिख रहा

सच्चाई यह है कि ऐसी स्थिति में जहां का भाजपा कार्यकर्ता इतना नाराज है कि वो भाजपा का झंडा तक अपने घरों में नहीं लगा रहा, यहां तक की अपने प्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आज भाषण भी नहीं सुना तो यह स्थिति भाजपा के लिए आनेवाले झारखण्ड विधानसभा व लोकसभा चुनाव के लिए भी खतरे की घंटी हैं। रांची से दिल्ली तक के लोगों को समझ लेना चाहिए कि दीपक प्रकाश के रहते भाजपा किसी भी कीमत पर झारखण्ड में नहीं आ सकती। ले-देकर मोदी जी को ही कुछ करना पड़ेगा।

चुटिया का दूसरे क्षेत्र का फोटो, यहां भी महावीरी ध्वजा, भगवा झंडे, चप्पे-चप्पे पर हैं, पर भाजपा का झंडा कहीं नहीं दिख रहा

राजनीतिक पंडित तो यह भी कहते है कि दीपक प्रकाश दिल्ली में बैठक करते हैं और कहते है कि 11 अप्रैल को प्रोजेक्ट बिल्डिंग में हम जनसैलाब लायेंगे। अरे भाई आप जनसैलाब कैसे लायेंगे, जब आपका भाजपा कार्यकर्ता अपनी ही पार्टी के जन्मदिन पर, आपकी ही बातों को नहीं मान रहा, अपने घर पर झंडा तक नहीं लगा रहा, तो इसका मतलब साफ है कि भाजपा के ये कार्यकर्ता मन बना रहे हैं, कि इस बार भाजपा और उनके नेताओं को सबक सिखा देना है।

जरा देखिये, ये हैं विक्की सिंह। कट्टर भाजपा कार्यकर्ता। इनका घर चुटिया थाने के ठीक सामने हैं। इनके घर पर तो हमेशा भाजपा का झंडा लगा रहता था। अपनी जान से भी ज्यादा पार्टी को प्यार करनेवाला यह कार्यकर्ता आज दुखी है। जब विद्रोही24 ने पूछा कि भाई आप तो कोरोना काल में भी भाजपा का झंडा लगाना नहीं भूलते थे। आपके घर की पहचान ही भाजपा के झंडे से होती थी। आज शाम ढलने को आये। आपके घर पर भाजपा का झंडा नहीं दिख रहा।

ये घर हैं चुटिया थाने के ठीक सामने रहनेवाले विक्की सिंह का, जिनके घर पर हमेशा भाजपा का झंडा लगा रहता था, पर आज भाजपा का झंडा नहीं दिखा।

वे बहुत ही मायूस होते हैं। वे कहते है कि मेरा क्या, यहां तो पूरे चुटिया में किसी भाजपा कार्यकर्ता या उसके अधिकारी के घर में झंडे नहीं हैं। इसका मतलब क्या है। भाजपा के प्रदेश के नेताओं को सोचना चाहिए, चिन्तन करना चाहिए, मनन करना चाहिए। पर यहां फुर्सत किसको हैं। सभी पता नहीं किस मुगालते में रहते हैं। हम तो आज सबेरे से ही दुखी है।

वे बड़े ही दुखी मन से बातचीत के क्रम में, भाजपा का झंडा निकालते है। विद्रोही24 को दिखाते हैं। कहते हैं कि आपने मेरे मन को झकझोर दिया। जा रहा हूं, घर पर भाजपा का झंडा लगाने। बाद में कहीं से मेरे पास मोबाइल पर फोन आता है कि भैया, विक्की भैया के घर में भाजपा का झंडा लग गया। मतलब रांची के चुटिया में सिर्फ एक घर में भाजपा का झंडा दिखा, वो भी विद्रोही24 के पहुंचने पर।

और उधर क्या हुआ। प्रदेश पार्टी कार्यालय में वे सारे लोग जुटे, जिनका कोई जनाधार नहीं। जो एक वोट भी अपनी ताकत प बटोर नहीं सकते। बस अखबार व इलेक्ट्रानिक मीडिया में अपना फोटो दिख जाये, खुब कसरत की। कमल का फूल बनाया। पेटिंग की। मिठाई खाई और खिलाई। पीएम मोदी की भाषण सुनी। लीजिये भाजपा का स्थापना दिवस मन गया। लेकिन सच्चाई क्या है?

भाजपा के जमीनस्तर के नेता इस सारी चोंचलेबाजी से दूर रहें। किसी ने भी अपने घर में भाजपा का झंडा लगाना उचित नहीं समझा। मैंने आप सभी के जानकारी के लिए भाजपा का गढ़ चुटिया के दो फोटो इसी आलेख में पोस्ट कर चुका हूं। आप स्वयं देखे कि ऐसे हालत में, क्या भाजपा 11 अप्रैल को जन-सैलाब ला पायेगी या भाड़े के लोगों को लाकर अपना आंदोलन का इतिश्री करेगी, सवाल तो यहां ये हैं।