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बड़ी खबर खूंटी से, करिया मुंडा ने रघुवर के मंत्री नीलकंठ को कहा बाय-बाय, मिलने से किया इनकार

सचमुच बहुत बड़ी खबर खूंटी से आ रही हैं। झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के इशारों पर आजकल राजनीति के धुरंधर बन रहे, राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा को करिया मुंडा ने ‘ना’ कह दिया हैं, उन्होंने नीलकंठ सिंह मुंडा से मिलने से साफ इनकार कर दिया हैं। सूत्र बता रहे हैं कि अपराह्न 3.30 के करीब करिया मुंडा को सूचना मिली कि नीलकंठ सिंह मुंडा उनसे मिलना चाहते हैं, करिया मुंडा ने तुरंत ही सूचना देनेवाले व्यक्ति को कहा कि उन्हें उनसे मिलने में कोई रुचि नहीं और इस प्रकार खूंटी से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे और रघुवर कृपा पात्र नीलकंठ सिंह मुंडा को भारी झटका लगा हैं।

राजनीतिक पंडित बताते है कि नीलकंठ सिंह मुंडा को अगर करिया मुंडा का आशीर्वाद नहीं मिला तो समझ लीजिये,नीलकंठ सिंह मुंडा पर शनि,राहु व केतु तीनों का प्रभाव प्रारंभ, चुनाव जीत पायेंगे भी या नहीं, इसको लेकर संशय उत्पन्न हो गई हैं। सूत्र बताते है कि इन दिनों करिया मुंडा भाजपा तथा क्षेत्रीय-राष्ट्रीय भाजपा नेताओं के विचारों से बहुत ही खफा हैं, उनका कहना है कि अब मूल्यों की राजनीति को ताखों पर रखकर, वह सब किया जा रहा हैं, जिसमें कहने को तो राजनीति हैं, पर उस राजनीति से जनता और उनकी समस्याएं ही गायब हैं।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो नीलकंठ सिंह मुंडा को आज मिले झटके ने उन्हें अंदर से जरुर हिला दिया होगा, क्योंकि वे सपने में भी नहीं सोचे होंगे कि करिया मुंडा की ओर से उन्हें ना सुनने को मिलेगा,पर हुआ तो यहीं हैं। उधर जमशेदपुर में सरयू राय का किया जा रहा अपमान और इधर खूंटी में करिया मुंडा को राजनीति से गायब करने का कुत्सित प्रयास निश्चय ही भाजपा के लिए खटिया खड़ी कर देगा।

सूत्र बताते है कि जितनी जानकारी और जितना झारखण्ड के बारे में राजनीतिक अनुभव करिया मुंडा को हैं, उतना किसी के पास नहीं, शायद यहीं कारण रहा कि अर्जुन मुंडा ने लोकसभा चुनाव के समय में सर्वप्रथम करिया मुंडा के आगे सर झूकाया, आशीर्वाद लिया, जो नीलकंठ सिंह मुंडा को प्राप्त नहीं हो रहा।

सूत्र बताते है कि करिया मुंडा इन दिनों नीलकंठ सिंह मुंडा के क्रियाकलापों से अधिक खफा हैं, सूत्र बता रहे हैं कि रघुवर दास के इशारों पर आजकल वो सारा काम कर रहे नीलकंठ सिंह मुंडा को इस बार रघुवर कृपा से वोट नहीं मिलेंगे, ये उन्हें पता हो चुका हैं, इसलिए वर्तमान में खूंटी में करिया मुंडा का गुस्सा होना, कोई नया गुल न खिला दें, इसको लेकर भाजपा में हार की आशंकाओं के बादल पर चर्चाएं शुरु हो गई है।