अपनी बात

भास्कर, जागरण, प्रभात खबर मोदी के आगे नतमस्तक, रांची को बताया मोदीमय, हिन्दुस्तान को दिखा मेला

कल रांची में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रोड शो था, सभी की नजर प्रधानमंत्री के रोड शो पर थी, सभी चर्चे कर रहे थे, कैसा रहेगा मोदी का रोड शो, क्योंकि मोदी जहां भी जाते हैं, भीड़ टूट पड़ती है, हाल ही में जब वे दक्षिण भारत के एक शहर में भाषण कर रहे थे, तो वहां का दृश्य ही गजब था, सभी हैरान थे, क्या ऐसा ही दृश्य यहां भी दिखेगा? ये कुछ सवाल रांचीवासियों के जेहन में उठ रहे थे, आखिर इनके जिज्ञासाओं को कौन शांत करेगा?

निश्चय ही अखबार, चैनल पोर्टल में काम कर रहे लोग, ही इनकी जिज्ञासाओं को शांत करेंगे, पर इन अखबारों, चैनलों पोर्टलों में काम कर रहे लोग मोदी की भक्ति में डूब जाये, तो फिर जनता को सही स्थिति का पता कैसे चलेगा? ये विचारणीय प्रश्न है? इसका उत्तर ढूंढा जाना चाहिए? लोकतंत्र में हर दल का अपना महत्व हैं, जितना सत्ता पक्ष का महत्व हैं, उतना ही विपक्ष का भी, पर मैं महसूस कर रहा हूं कि जितना महत्व रांची के विभिन्न अखबारों, चैनलों, पोर्टलों में सत्तापक्ष को मिल रहा हैं, उतना विपक्ष को नहीं। अगर ये स्थिति चलती रही तो लोगों का अखबारों, चैनलों पोर्टलों से निश्चय ही सदा के लिए विश्वास उठ जायेगा।

जरा देखिये रांची से प्रकाशित आज के प्रमुख अखबारों की स्थिति। प्रभात खबर ने कल के प्रधानमंत्री के रोड शो पर तीनतीन पेज मोदी जी को समर्पित कर दिये हैं। दैनिक भास्कर ने तीन पेज हाफ और एक पेज फुल मोदी के आगे परोस दिये हैं। दैनिक जागरण ने तो कमाल ही कर दिया, उसने अपने स्वाभावानुसार छः पेज मोदी जी के चरणकमलों में डालकर स्वयं को कृतार्थ कर लिया हैं, केवल एक ही अखबार हिन्दुस्तान को मैंने देखा कि उसने प्रथम पृष्ठ पर सामान्य समाचारों की तरह पीएम मोदी के रोड शो का खबर दिया और एक पेज वह भी रांची लाइभ में प्रमुख समाचारों को प्रस्तुत कर, इस समाचार की इतिश्री कर ली।

ऐसे भी इस समाचार को इससे ज्यादा स्थान की आवश्यकता ही नहीं थी। मैं इसके लिए हिन्दुस्तान अखबार की प्रशंसा करुंगा, क्योंकि किसी भी समाचार को, उसकी योग्यता के अनुसार, उसके साथ व्यवहार होना या स्थान देना चाहिए, ये नहीं कि व्यक्तिविशेष के आगे नतमस्तक होकर, विज्ञापन की लालच में अपने जमीर को बेच देना चाहिए।

कल पीएम मोदी के रोड शो में एक से एक अखबार, चैनल, पोर्टल से जुड़े संवाददाताओं की टीम, समाचार संकलन करने पहुंची थी, कई तो इसमें मोदी भक्त भी थे, जैसे ही उन्हें पता चला कि पीएम मोदी के विमान की रांची एयर पोर्ट पर लैंडिंग हो गई, उनके हृदय का भाव देखते बन रहा था, जैसे लग रहा था कि साक्षात् देवलोक से कोई देवदूत पहुंच गया हो, किसीकिसी को तो ईश्वर का भी ऐहसास हो रहा था, और जब इनके साक्षात् दर्शन हुए तो इनके आंखे छलछलाती हुई नजर रही थी। अब जरा सोचिये, जिन संवाददाताओं की हालत मोदी को देखकर, ऐसी हो जाती हो, भला वे क्या रिपोर्टिंग करेंगे?

एक पत्रकार की बोली देखिये, वह दर्शकों से क्या कह रहा है? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करने के लिए पूरी तरह झारखण्ड तैयार है, लाखों की संख्या में रांचीवासी और झारखण्डवासी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ऐस्तेकबाल करेंगे। अब जरा सोचिये, पीएम मोदी का रोड शो हैं, रांची में, और जनाब बता रहे हैं कि पीएम नरेन्द्र मोदी का स्वागत करने के लिए पूरी तरह झारखण्ड तैयार है, लाखों की संख्या भी बता दी, जबकि आज के वे अखबार जो मोदी के चरणों के आगे लोटपोट कर चुके हैं, वे भी हजारों से उपर नहीं जा सके हैं।

जरा देखिये प्रभात खबर ने प्रथम पृष्ठ पर लिखा है हजारों की भीड़ का प्रधानमंत्री ने किया अभिवादन दैनिक जागरण ने लिखा हजारों की भीड़ के बीच हरहर मोदी घरघर मोदी के नारे लगते रहे आखिर ये पत्रकार झारखण्ड की जनता को इतना मूर्ख क्यों समझ रहे हैं? समझ नहीं रहा। अरे यार, मरोगे तो कौन सा मुंह लेकर, ईश्वर के पास जाओगे? थोड़ा तो शर्म करो, पर शर्म आयेगी कहां से, यहां तो शर्म ही हमने दुकानों में बेच खाई है।

अब जरा देखिये, विज्ञापन धर्म के चक्कर में, हिन्दुस्तान छोड़कर, करीबकरीब सारे अखबारों ने रांची को मोदीमय बता दिया, जबकि मोदी का रोड शो, केवल एयरपोर्ट से लेकर बिरसा चौक तक था। अब इसमें इन्हें पूरी रांची कहा से दिख गई, कौन सा इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप लगाकर आपने पूरे रांची को मोदीमय होता देख लिया। अरे लिखने के पहले, जरा उनलोगों से तो पूछो, जो खूंटी की तरफ से रहे थे, उन्हें रांची जंक्शन ट्रेन पकड़ने के लिए आने में कौनकौन से पापड़ बेलने पड़े, या पीएम मोदी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रांची की जनता को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ा, तब तो पता चलता कि सच्चाई क्या है? उपर से आदेश आया और चल दिये भाजपा कार्यकर्ताओं की तरह मोदीमोदी चिल्लाने।

एक भाजपा के बड़े नेता ने विद्रोही24.कॉम को बताया कि आज की अखबारों को देखकर वो गदगद हैं, क्योंकि उन्होंने हमलोगों की इज्जत बचा ली, नहीं तो दुर्दशा तय था। लाखों की रैली रोड शो में उतरनेवाले मोदी जी का यह रोड शो, हजारों में तब्दील हो गया था, उपर से भाजपा कार्यकर्ताओं को रांची में रोड शो के लिए आदमी बुलाने का उपर से अलग दबाव, आखिर हमलोगों ने जो करना था किया। 

कुल मिलाकर यह रोड शो अगर खराब नहीं, तो अच्छा भी नहीं रहा। मिलाजुलाकर ठीक है, माहौल बना है, भाजपा के लिए संजीवनी का काम यह रोड शो ने किया है, साथ ही संदेश दे दिया है कि आम जनता में भाजपा के प्रति अनुराग बढ़े, इसके लिए और प्रयास करने की  जरुरत हैं, क्योंकि विज्ञापनों अन्यान्य प्रलोभनों से अखबार चैनल में जो मनचाहे चला सकते हैं, माहौल बना सकते हैं, पर वोटरों को आप अपने में कर लेंगे, संभव नहीं।