अपनी बात

“भजो रघुवर दासम्, भजो रघुवर दासम्, ले लो भाजपा टिकटम्, ले लो भाजपा टिकटम्”

कल ताश के 52 पत्तों की तरह भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भाजपा के 52 प्रत्याशियों की सूची जारी की, जैसे ही सूची जारी की, मैंने उन सूची पर सरसरी निगाहें डाली, मैं अचंभित था क्योंकि पहली बार भाजपा में इतने महान-महान लोगों को बतौर विशेष सम्मान भाजपा का टिकट थमा दिया गया था, इसी बीच सोने के लिए चौकी पर गया, और कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला।

नींद के दौरान मैं सपने में चला गया, सपने में मैने देखा कि राज्य के होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास भाजपा प्रदेश मुख्यालय में एक कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, उस कार्यकर्ता सम्मेलन में भाजपा के प्रदेशस्तरीय नेता जैसे अर्जुन मुंडा, सरयू राय आदि भी मौजूद थे, उस सपने में क्या हुआ, सीएम रघुवर क्या कह रहे थे, जरा आप भी सुनिये…

सीएम रघुवर कह रहे थे “तुम यौन शोषक रहो या नग्नता फैलानेवाले, तुम हत्या करानेवाले रहो या तुम दलदबलू, जान लो हम ही तुम्हारे उद्धारक हैं, वक्त अभी हमारा हैं, इसलिए तुम हमारे शरण में आओ, ये जो तुम अर्जुन मुंडा या भाजपा भक्ति या संघ भक्ति दिखा रहे हो न, इससे कुछ नहीं होगा, अंत में तुमको हमारे ही शरण में आना हैं, क्योंकि तुम कोई बहुत बड़ा देशभक्त नहीं हो, तुम ही हमारी तरह हो, ये अलग बात है कि मैं हाथी उड़ा देता हूं, तुम हाथी नहीं उड़ा पाते, पर कुछ न कुछ तो तुम उड़ाते ही हो।”

“देखों कुछ महीने पहले नगर विकास मंत्री बड़ा फूदक रहा था, उसकी सारी फूदकई हमने निकाल दी, तुरन्त वो हमारे शरण में आया, मैंने उसे कहा “घर-घर रघुवर” का जप करो और जाप कराओ, वो नगर विकास मंत्री बिना किन्तु-परन्तु किये, “घर-घर रघुवर” का मंत्र जप करने लगा और देखो जहां उसे टिकट मिलने की नाउम्मीदी शत प्रतिशत थी, आज वह नाउम्मीदी, उम्मीदी में परिवर्तित हो गई, उसे टिकट मिल गया, आज वो प्रसन्न हैं और आनेवाले पांच साल के लिए उसे और जीवनदान मिल गया, फिर क्या हैं, मस्ती करेगा, अल-बल बोलेगा, और उसे कोई नहीं आंख दिखायेगा। भले ही उसके कार्यकाल में फ्लाइओवर बने या न बने, हरमू नदी नाले में ही क्यों न परिवर्तित हो जाये। देखे थे, टिकट बांटनेवाला दिल्ली में जब उसका नाम बोल रहा था, तो कितना गदगद होकर बोला था, ये हैं रघुवर की ताकत।”

“तुम देखा मेरे एक इशारे पर सरयू राय, नीलकंठ सिंह मुंडा, दिनेश उरांव तक की घिग्घी बंध गई हैं, ये लोग हमें चुनौती दे रहे थे और भाजपा भक्ति तथा अर्जुन मुंडा की भक्ति में लीन थे, मैंने क्या किया, ऐसी पट्टी मैंने मोदी, शाह, नड्डा को पढ़ाई कि ये तीनों हमारे आगे नृत्य करने लगे, कल देखा नड्डा कैसे हमारी प्रशंसा कर रहा था, अरे उस नड्डे को ऐसा करना ही था, जायेगा कहां? ये संघ, ये भाजपा क्या हैं? झारखण्ड में सब रघुवर दास की कृपा हैं, इसलिए वक्त को मारो गोली, भजो रघुवर दासम्, भजो रघुवर दासम् और ले लो भाजपा टिकटम्, ले लो भाजपा टिकटम्, क्योंकि फिलहाल यौन शोषकों, नग्नता फैलानेवालों, दवा घोटाले के आरोपियों, छंटे हुए दलबदलूओं व हत्या के आरोपियों को एकमात्र उद्धारकर्ता, भाजपा टिकट दिलावन हम ही हैं, नहीं तो निकलो यहां से, देखते हैं कौन तुम्हारा उद्धारकर्ता हैं, सरयू राय को तो मैंने पानी पिला ही दिया हैं, और आगे देखते हैं कौन हमसे टकराने की हिम्मत करता हैं।”

और लीजिये, इसी बीच हमारी नींद टूट गई, मैं हंसने लगा कि भाई ये सपना था या हकीकत, था तो सपना ही, पर इस सपने की हकीकत को कोई चुनौती भी नहीं दे सकता। फिलहाल स्थिति तो यहीं हैं, जो भाजपा और संघ के प्रति समर्पित थे, वे टकटकी लगा कर दिल्ली की ओर देख रहे हैं और जो दलबदलू थे, जो हत्या के आरोपी हैं, जिन पर यौन शोषण के आरोप हैं, जो नग्नता फैला रहे हैं, वे आज भाजपा का टिकट लेकर उछल रहे हैं, जिनसे जनता नाराज हैं, वे घर-घर रघुवर कहकर टिकट प्राप्त कर चुके हैं और जो स्वाभिमान वाले हैं, जिनकी पूरी जिंदगी ही भाजपा व संघ के विचारधाराओं को आत्मसात् करने में निकल गई, वे फिलहाल रोने को विवश हैं, सचमुच भाजपा में काफी बदलाव आया हैं भाई।