अपनी बात

झाविमो नेता बंधु तिर्की सलमान खान हो गये, बाबू लाल मरांडी ने ‘टाइगर अभी जिंदा है’ कहकर बंधु का स्वागत किया

भाई हर उस नेता के लिए जिसने एक नई पार्टी को जन्म दिया, जिसका एक अपना अलग इमेज है, जिसने राज्य को कुछ दिया है, जिसके दिल में झारखण्ड धड़कता है, जब उसे एक युवा नेता के रुप में जुझारु, संघर्ष करनेवाला तथा विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी जमीर नहीं बेचनेवाला नेता मिलेगा तो वह यही कहेगा, जो बाबू लाल मरांडी ने बंधु तिर्की के लिए कहा।

झारखण्ड डोमिसाइल आंदोलन की उपज बंधु तिर्की आज झारखण्ड में किसी परिचय के मोहताज नहीं है, आदिवासियों-मूलवासियों में उनकी अच्छी पकड़ हैं, वे विधायक और मंत्री भी रह चुके है, इसलिए वे अपने विरोधी दलों के निशाने पर रहे हैं, कई बार राजनीतिक षडयंत्र के शिकार भी हुए, पर हमें लगता है कि इन सब का बंधु तिर्की पर कोई असर नहीं पड़ता।

हमें याद है कि जब डोमिसाइल आंदोलन चरम पर था, तभी निजी शिक्षकों के एक गुट ने हड़ताल किया, जिसमें बड़ी संख्या महिलाओं की थी, जो अल्पसंख्यक विद्यालयों से जुड़ी थी, जब एक पत्रकार ने उन महिलाओं से बंधु तिर्की को लेकर कुछ सवाल दागे, तो उक्त महिला ने यहीं जवाब दिया कि आप हमारा समाचार चलाये या नहीं चलाये, आपकी मर्जी, पर मैं अपने नेता बंधु तिर्की के खिलाफ एक भी बात नहीं सुन सकती, आप यहां से जा सकते हैं, और उक्त पत्रकार को वहां से घिसकना पड़ा, क्योंकि वह समझ गया था कि अब ज्यादा देर यहां टिकना ठीक नहीं।

खैर, जिस दिन कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव का आगाज हुआ, और कांग्रेस प्रत्याशी को झाविमो ने समर्थन की घोषणा की तथा जैसे ही कोलेबिरा के एक-एक इलाके का परिभ्रमण करना बंधु तिर्की ने शुरु किया, उसी दिन लग गया था कि बंधु तिर्की पर कृपा होनेवाली है, और लीजिये, ये राजनीति षडयंत्र के शिकार हो गये, जल्द ही उन्हें जेल के अंदर घुसा दिया गया, और कहा भी जाता है कि जो नेता खासकर चुनाव के अंदर गया, उसको माइलेज मिलना तय है, बंधु तिर्की को माइलेज मिला, कांग्रेस भारी मतों से विजयी हुई, और भाजपा चारों खाने चित्त।

इधर झारखण्ड उच्च न्यायालय द्वारा बेल मिलते ही, 42 दिन के बाद जेल से निकलने के बाद, जैसे ही बंधु तिर्की झाविमो कार्यालय पहुंचे, उनका झाविमो सुप्रीमो ने शानदार स्वागत किया और कह दिया टाइगर अभी जिंदा है, लीजिये झाविमो सुप्रीमो बाबू लाल मरांडी का ये कहना ही काफी था, कार्यकर्ताओं ने बड़े ही गर्मजोशी के साथ अपने इस युवा नेता का अभिनन्दन किया। हमें लगता है कि महागठबंधन में शामिल झाविमो जब एकता को स्थापित करते हुए चुनाव लड़ेंगी, तो इस बार बंधु तिर्की का झारखण्ड विधानसभा में पहुंचना तय हैं, कोई इन्हें रोक नहीं सकता, बस औपचारिकता बाकी है।