अखबारों भूलकर भी सच मत लिखो, नहीं तो जान लो, यहां जब जज सुरक्षित नहीं, तो तुम किस खेत की मूली हो, चुपचाप हेमन्त कीर्तन गाओ, ज्यादा जनता को ज्ञान देने की जरुरत नहीं
“तुम सच लिखोगे, उस सच से मेरा नुकसान होगा और फिर मैं तुम्हे अपनी सत्ता का धौंस दिखाकर तुम्हारा विज्ञापन
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