अपनी बात

राहुल जी, आपकी कांग्रेस ने यह पोस्ट डालकर, हनुमान की पूंछ में आग लगा दी, अब आपकी लंका को दहन करने से कोई रोक नहीं सकता

ये कांग्रेसी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। ये भारत को कितना जोड़ेंगे वो तो भारत के नागरिक ही जानते हैं, जिन्होंने 1984 के सिक्ख दंगे, पंजाब व असम समस्या, साथ ही श्रीलंका में जाकर अपने ही भाई-बंधुओं पर गोलियों की बौछार होते देखी है। अभी ये दक्षिण में ही हैं, लेकिन उनके सोशल साइट में जिस प्रकार की आज तस्वीर जारी की गई और भाजपा-संघ को टारगेट करते हुए एक हाफ पैंट को प्रतीक के रुप में जलते हुए दिखाया गया।

जो साफ बताता है कि कांग्रेसियों के खून में ही नफरत की ज्वाला भरी हुई है, इनसे प्रेम व एकता की बात ही बेमानी है, इनकी यात्रा जैसे-जैसे उत्तर की ओर बढ़ेगी, ये हिंसा व टकराव का सहारा लेंगे, गुंडागर्दी करेंगे और जब इनकी गुंडागर्दी पर सरकार एक्शन लेंगी तो ये सरकार को बदनाम कर झूठी सहानुभूति लेने का प्रयास करेंगे, पर हमें नहीं लगता कि मोदी सरकार या जिन राज्यों से होकर इनकी भारत जोड़ो यात्रा निकलेगी, उन भाजपा शासित राज्यों की सरकारें इन्हें सहानुभूति लेने का कोई मौका देगी।

आज की इनकी पोस्ट ने साफ कर दिया कि ये लाल बहादुर शास्त्री, राजेन्द्र प्रसाद, सरोजिनी नायडू जैसे महान देशभक्तों की पार्टी नहीं, बल्कि विशुद्ध राहुल, प्रियंका, सोनिया की पार्टी हैं, जिसके सोशल मीडिया को जेएनयू से प्रशिक्षित वामपंथियों का समूह हैंडल कर रहा हैं, क्योंकि आज की पोस्ट ये बताने के लिए काफी है कि यह सब किसके इशारे पर हो रहा है।

खुद उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक पूरी तरह से सिमट जानेवाली व मृतप्रायः कांग्रेस में जीवन का संचार करने के बजाय पुनः उसे सदा के लिए मृत्यु का आवरण पहनाने की ये कोशिश कांग्रेस को ही भारी पड़ने जा रही है। आम तौर पर कांग्रेस को चिन्तन करना चाहिए कि आखिर क्या वजह रही कि जिस देश की जनता ने 1984 में अपार बहुमत से नवाजा, वही जनता उसके बाद से उन्हें टूकड़ों में लाकर क्यों खड़ा कर दी।

लेकिन ये कर क्या रहे हैं, वे भाजपा और आरएसएस को सदा के लिए जलाकर खत्म कर देने की बात कर रहे हैं, आखिर ये हिंसावादी विचार किस गांधी ने इन कांग्रेसियों को सिखाया? – महात्मा गांधी या इन्दिरा गांधी। हमें लगता है कि ये आग लगानेवाली सुंदर विचार जरुर इनके परिवार ने ही सिखाया होगा, भला महात्मा गांधी के विचार से इन कांग्रेसियों को क्या मतलब?

ये भारत जोड़ने की बात कर रहे हैं, पर जिन्होंने इन्दिरा गांधी की इमरजेंसी देखी हैं, जिन्होंने इनके द्वारा मीडिया को रौंदने की घटनाएं देखी है, जिन्होंने आकाशवाणी और दूरदर्शन पर कौन सा समाचार प्रसारित होगा, कैसे होगा इसके भुक्तभोगी हैं, उन्हें पता है कि आज की मीडिया, जिसे कुछ कांग्रेसी और वामपंथी गोदी मीडिया के नाम से चिढ़ाते हैं, आज तो किसी पर कोई पाबंदी ही नहीं, आज कोई भी प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को कुछ भी बोलकर निकल जाता है।

पर क्या कोई बता सकता है कि जब इन्दिरा गांधी की सत्ता थी तो किसी की हिम्मत थी कि कोई चूं तक बोल दें या 2004 से 2014 तक कोई बताएं कि किस चैनल में बैठकर या वर्तमान में किस चैनल पर बैठकर कांग्रेस नेतृ सोनिया गांधी ने इंटरव्यू दिये हैं? या प्रियंका गांधी ने इंटरव्यू दिये हैं, या मनमोहन सिंह के काल में ही कोई बता दें कि असली प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे या राहुल गांधी या सोनिया गांधी।

क्या इस देश की जनता इतनी मूर्ख है, उसे नहीं पता कि विदेशों में आज भारत का क्या सम्मान है और ये सम्मान कैसे बढ़ा है? भाई आप क्या चाहते है कि जैसे अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने शासनकाल में बोफोर्स मामले को सदा के लिए दबा दिया, वर्तमान में नरेन्द्र मोदी भी आपके सारे कुकर्मों को सदा के लिए दबा दें। आखिर देश के नेताओं को उनके किये कुकर्मों का दंड क्यों नहीं मिलना चाहिए।

आप ये सच क्यों नहीं बोल रहे कि अगर 2024 में फिर से नरेन्द्र मोदी की सरकार आ गई, जो आनी ही हैं, आप जानते है कि आपकी सारी राजनीति को सदा के लिए ग्रहण लग जायेगा, आप ठीक से खड़े नहीं हो पायेंगे, विदेश  जाकर शरण लेना पड़ेगा पर ये मोदी सरकार आपको वहां से भी देश में उठा लायेंगी। आखिर इतनी घटिया सोच, आप किसी के विचारों को आगजनी कर दबायेंगे, तो फिर आपकी इस आगजनी का जवाब क्या होना चाहिए, आप स्वयं बताइये।

क्यों देश को बांगलादेशी-रोहिंग्याओं को सौंप देना चाहिए। क्यों जो हाल झारखण्ड में हैं, जहां बेटियों को स्कूलों व घरों में भी रहने नहीं दिया जा रहा, ऐसा माहौल बना दिया जाये, अरे यहां तो आपकी ही सरकार हैं न, जरा पूछिये अपने झारखण्ड प्रभारी अविनाश पांडेय से की झारखण्ड में आदिवासियों-दलितों का क्या हाल है?

राहुल जी, आपने यह पोस्ट डालकर, हनुमान की पूंछ में आग लगा दी हैं, आपकी लंका को दहन करने से कोई रोक नहीं सकता। संघ और भाजपा के लोग आप पर बारीकी से नजर रख रहे हैं, पूरे देश में इनकी हनुमान सेना विराजमान है, जो केवल एक संदेश पर देश के लिए बलिहारी है। जिस संघ को आपने चुनौती दी हैं, उसके तो आस-पास भी आप नहीं फटक सकते।

हमें लगता है कि देश के करोड़ों स्वयंसेवकों को आपने नींद से जगा दिया, ये स्वयंसेवक जो कल तक भाजपा की सरकार से चिढ़ कर सोच रहे थे कि वे आपको मदद करेंगे, पर लगता है कि उन्हें आपने ऐसा कर ज्ञान दे दिया कि उन्हें 2024 में भाजपा को लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी है, क्योंकि वामपंथियों और कांग्रेसियों ने हाथ मिला लिये हैं, दिमाग वामपंथियों का हैं, और कदमताल कांग्रेसियों का, ऐसे में संघ के सारे आनुषांगिक संगठन आपके इस पोस्ट का जवाब देने के लिए मन बना चुके हैं। परिणाम 350 सीटें अगर भाजपा को न आ गई तो फिर कहियेगा।