आदिवासी-अल्पसंख्यकों के साथ, अब सवर्णों ने भी भाजपा से किया किनारा, नहीं देंगे वोट

जरा कल्पना करिये, जहां का मुख्यमंत्री ब्राह्मणों को फूंटी आंखों भी देखना पसंद नहीं करता हो, वह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को कैसे झेलता होगा? वह पं. दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर चलनेवाली योजनाओं तथा हाल ही में पं. दीन दयाल उपाध्याय के जन्मशतीं पर चलाये जा रहे कार्यक्रमों को कैसे झेला होगा?  वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी ही नहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जन्मदाता केशव बलिराम हेडगेवार के प्रति मन में कितनी नफरत पाल रखा होगा? दरअसल ये मैं इसलिए लिख रहा हूं, क्योंकि बुजुर्ग कहा करते हैं, कि जुबान से वहीं बात निकलती है, जो मनुष्य के दिलों दिमाग पर छायी रहती है।

पिछले दिनों 6 दिसम्बर को, गढ़वा में राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ब्राह्मण समुदाय को निशाना बनाते हुए, जमकर भड़ास निकाला और पूरे ब्राह्मण समुदाय को कटघरे में खड़ा कर दिया। जिसे लेकर केवल पलामू ही नहीं, पूरे झारखण्ड के ब्राह्मण समुदाय में मुख्यमंत्री रघुवर दास और भाजपा के प्रति जमकर आक्रोश है। इसी आक्रोश का परिणाम है, कि राज्य के विभिन्न इलाकों में ब्राह्मण युवाओं द्वारा सीएम रघुवर दास का पुतला दहन तथा सीएम के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। डालटनगंज में ब्राह्मण समाज द्वारा जुड़े लोगों ने रेड़मा चौक पर रघुवर दास का पुतला फूंका और प्रदर्शन किया। इस पुतला दहन कार्यक्रम में भीम तिवारी, राकेश तिवारी, कुणाल तिवारी, राजा पाठक, अजय शुक्ला, मुकेश तिवारी, रवि शर्मा, कमलेश पांडेय, पप्पू दूबे, मंटू पांडे सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

झारखण्ड के विभिन्न शहरों में रघुवर दास के खिलाफ आक्रोश फैला, पुतला दहन और प्रदर्शन जारी

विश्रामपुर के ब्रह्मोरिया मोड़ पर ब्राह्मणों ने नुक्कड़ सभा कर, मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ अपना गुस्सा प्रकट किया और सीएम रघुवर दास का पुतला फूंका। इस अवसर पर इलाके के धनन्जय पांडेय, आलोक पांडेय, दीपक दूबे, गुड्डू विश्वकर्मा, नौशाद अंसारी, सुखारी पंडित, मंगलू पांडेय आदि मौजूद थे।

गढ़वा में केन्द्रीय ब्राह्मण महासभा के प्रवक्ता ब्रजेश पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास को स्वयं द्वारा किये गये कुकृत्यों के लिए ब्राह्मण समाज से माफी मांगनी चाहिए, वे जब तक माफी नहीं मांगेंगे, ब्राह्मणों का आंदोलन जारी रहेगा।

इधर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कृष्णा नंद त्रिपाठी ने भी सीएम रघुवर दास के वक्तव्य की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अपने वक्तव्यों के लिए माफी नहीं मांगी तो वे चरणवद्ध आंदोलन करने के लिए स्वतंत्र हैं।

रघुवर दास के बयान से खफा युवाओं ने लिया संकल्प, नहीं देंगे वोट भाजपा को

इसी बीच मुख्यमंत्री रघुवर दास के जातिगत बयान से दुखी, पलामू के युवाओं ने संकल्प लिया कि वे आनेवाले समय में भाजपा को कभी वोट नहीं देंगे। ये संकल्प लेनेवाले युवा, “युवा पलामू” नामक संस्था के सदस्य है। कल ही युवा पलामू के अध्यक्ष राजु कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई। बैठक में प्रमुख रुप से राकेश तिवारी, कमलेश पांडे, राहुलदेव दूबे, रौशन राज वर्मा, प्रभात रंजन मिश्र ने संयुक्त रुप से रघुवर दास के उस बयान की कड़ी आलोचना की, जो उन्होंने ब्राह्मणों के खिलाफ दी थी। बाद में सभी ने संकल्प लिया कि वे कभी भी भाजपा को वोट नहीं देंगे। इधर ब्राह्मणों के इस आंदोलन को अन्य समुदाय के लोगों का भी समर्थन मिल रहा हैं।

उधर जमशेदपुर में ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने जुबिली पार्क में बैठक कर, सीएम रघुवर दास द्वारा ब्राह्मणों के खिलाफ दी गई बयान की कड़ी आलोचना की गई तथा सीएम से अपने वक्तव्य पर खेद प्रकट करने की मांग की गई। बैठक में उपायुक्त के माध्यम से एक ज्ञापन सौपने की भी बात कही गई। बैठक में प्रमुख रुप से डी डी त्रिपाठी, सुरेन्द्र नाथ मिश्र, मुन्ना चौबे, धर्मवीर पांडेय, कन्हैया ओझा, पवन बिहारी ओझा, अभिषेक ओझा, अखिल पांडेय, अरुण शुक्ला, सहित कई ब्राह्मण मौजूद थे।

रघुवर को सत्ता से नहीं हटाया तो भाजपा को नुकसान होना तय

सूत्रों का कहना है कि सीएम रघुवर दास ने गढ़वा में ब्राह्मणों के खिलाफ बयान देकर भाजपा का ऐसा गड्ढा खोद दिया है कि ये गड्ढा अब भरनेवाला नहीं, क्योंकि जिस प्रकार युवा ब्राह्मणों की टीम गांव-गांव जाकर लोगों को भाजपा के खिलाफ तैयार कर रही हैं, वह भाजपा के सेहत के लिए नुकसानदेह है। सूत्र ये भी बताते है कि इन ब्राह्मणों को अन्य समुदाय के लोगों का भी समर्थन मिल रहा है, जैसे युवा पलामू कोई ब्राह्मणों का संगठन नहीं, बल्कि पलामू के युवाओं की एक संस्था है, जो सामाजिक कार्यों में लगी रहती है, अगर उससे जुड़े युवा भाजपा को वोट नहीं देने का संकल्प ले रहे हैं तो समझ लीजिये रघुवर दास ने पलामू प्रमंडल ही नहीं, बल्कि पूरे झारखण्ड में भाजपा की कब्र खोद दी।

यहीं नहीं भूमिहार जाति से आनेवाली भद्र महिला तथा वरिष्ठ भाजपा नेतृ सीमा शर्मा और भाजपा के पुराने नेता रवीन्द्र तिवारी को अचानक पार्टी से निलंबित कर देना ये भाजपा के लिए कोढ़ में खाज का काम करेगा और उधर विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष पंचम सिंह के खिलाफ प्राथमिकी का आदेश बताता है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने फारवर्डों को निशाना बनाना शुरु कर दिया है, नहीं तो मुख्यमंत्री रघुवर दास, उन घोटालेबाजों पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश क्यों नहीं दे रहे, जिन्होंने मोमेंटम झारखण्ड में भारी भरकम हाथी को उडव़ा दिया, क्या कोई बता सकता है कि हाथी कभी उड़ा है, ये करोड़ों रुपये विज्ञापन पर क्यों लूटाये जा रहे हैं? किसके झोली में विज्ञापन की राशि जा रही है, सवाल बहुतेरे है।

भाजपा के केन्द्रीय नेताओं को सोचना होगा, वे जल्द सोचेंगे तो ठीक ही होगा, नहीं तो रघुवर के पांव कमाल के हैं, अभी बजट पूर्व परिचर्चा में ये पांव कहां – कहां जाकर क्या कमाल दिखायेंगे, पता नहीं, पर इतना तो तय है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जैसे आदिवासियों को भाजपा से अलग कर दिया, अल्पसंख्यक तो पहले से ही अलग है, सवर्णों के अलग हो जाने से भाजपा की मिट्टी पलीद होनी तय हैं, बस समय का इंतजार करिये।

2 thoughts on “आदिवासी-अल्पसंख्यकों के साथ, अब सवर्णों ने भी भाजपा से किया किनारा, नहीं देंगे वोट

  • December 12, 2017 at 9:44 pm
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    सत्य तथ्य ..
    कब्र खोद ही दिए..
    और यही होगा..

  • December 13, 2017 at 12:09 am
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    Rahuwar jaise maha Jatiwadi jantu ko Bjp hi jhel skti hai ab jharkhand sahit pure bharat se Bjp ka namo nisan mitna tay hai

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