मुंबई हमले के लिए RSS को दोषी ठहरानेवाले कांग्रेसियों की नींद, पाकिस्तानी नवाज शरीफ ने उड़ाई

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा पाकिस्तान के द डॉन अखबार को मुंबई हमले पर दिये गये बयान ने पूरे पाकिस्तान और भारत में बवाल मचा कर रख दिया है। नवाज शरीफ के बयान से पूरे विश्व में पाकिस्तान की इमेज को जहां धक्का लगा है, वहीं भारत में कांग्रेस पार्टी बैकफूट पर नजर आ रही हैं। कल तक मुंबई हमले को लेकर आरएसएस पर बरस रही कांग्रेस को अब समझ में ही नहीं आ रहा कि अब क्या बयान देकर, इस बवाल से पिंड छुड़ाएं।

सर्वविदित है कि 26 नवम्बर 2008 को मुंबई में हुए आंतकी हमले में 150 से भी ज्यादा लोग मारे गये थे। दरअसल दो दिन पूर्व पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा था कि पाकिस्तान में कई आतंकियों के समूह सक्रिय है और मुबंई हमले में पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ था। नवाज शरीफ के इस बयान से पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल आ गई। पाकिस्तान के कई राजनीतिज्ञों ने जैसा कि सर्वविदित था, नवाज शरीफ की कड़ी आलोचना की, और इधर नवाज के इस बयान के बाद आज पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना एक उच्चस्तरीय मीटिंग कर रही है, जिसमें सिविलियन भी शामिल हो रहे हैं।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस बयान के बाद भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो टूक कहा कि नवाज शरीफ की मुंबई हमले में स्वीकारोक्ति यह बताता है कि भारत का पक्ष सही है, कि मुंबई हमले में पाकिस्तान का हाथ था, जहां आतंकी बैठकर मुंबई हमले का षडयंत्र रच रहा था। नवाज शरीफ के इस बयान ने कई भारतीय राजनीतिज्ञों और खुद को बहुत बड़े लेखक कहलानेवाले भारतीय लेखकों की भी नींद उड़ा दी है।

मुंबई हमले के बाद बार-बार हिंदू आतंक, भगवा आतंक की दुहाई देनेवाली कांग्रेस के हाथ-पांव फूलते नजर आ रहे है। मुंबई पर हुए आतंकी हमले पर अजीज बर्नी ने 26.11 आरएसएस की साजिश नाम से एक पुस्तक लिखी, जिसका लोकार्पण कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके दिग्विजय सिंह ने की थी। अब सवाल उठता है कि अजीज बर्नी जैसे लेखक, अब्दुल रहमान अंतुले और दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेसियों का समूह मुंबई हमले के लिए जब आरएसएस को जिम्मेवार ठहरा रहे थे, ऐसे में अब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस बयान के बाद वे क्या कहेंगे? उनके पास क्या जवाब है?

क्या इससे ये साबित नहीं होता कि अपनी क्षुद्र एवं स्वार्थ राजनीतिकपरक के लिए ये लोग अब सांप्रदायिकता की खेती करने में लग गये तथा देश के बहुसंख्यक समाज को पूरे विश्व के सामने गलत ठहराने का प्रयास किया।

कभी-कभी सोचता हूं कि हाल ही में कर्नाटक विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए है, अगर ये पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का यह बयान और पहले आता तो क्या होता? निश्चित था कि भाजपा इस बयान को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भुनाती, पर जो हो, इतना तय है कि हमारे देश के नेता अपनी क्षुद्र-स्वार्थ के लिए देश को दांव पर लगा सकते है, जैसा कि मुंबई  हमले में कांग्रेस पार्टी के वरीय कांग्रेसियों ने किया।