लालू परिवार के आगे भक्ति प्रदर्शित करने के लिए बिहार के संपादकों-पत्रकारों के बीच मची होड़

लो भाई। बिहार व देश के महान नेता तथा चारा घोटाला में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप और ऐश्वर्या की शादी बिहार की राजधानी पटना में धूमधाम से संपन्न हो गई। देश के बड़े-बड़े नेता, बाबा से उद्योगपति बने रामदेव तथा समाज के प्रबुद्ध वर्गों के साथ-साथ बिहार से छपनेवाले बड़े-छोटे अखबार-चैनल-पोर्टल के लघु-वृहत्त संपादकों-पत्रकारों के समूहों ने भी मस्ती काटी, लालू भक्ति दिखाई। ऐसे भी लालू के घर शादी हो और बिहार के पत्रकार लालू भक्ति न दिखाये, यह कैसे हो सकता है? लालू भक्ति में रमना और प्रभु का आशीर्वाद दोनों इस कलियुग में समान भाव रखता है।

कल कई क्षेत्रीय चैनलों ने लालू के बेटे तेज व ऐश्वर्या की शादी को लाइव दिखाया। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं मोतिहारी निवासी रमाकांत पांडेय इस लाइव रिपोर्टिंग पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपने फेसबुक पर लिखते है कि बिहार के क्षेत्रीय चैनलों द्वारा तेज और ऐश की शादी लाइव दरअसल चारणवृत्ति का बिहारीकरण है। वे दुखी मन से यह भी लिखते है कि शाही शादियों की शान का बखान मीडिया क्यों करता है? यह बेशुमार खर्च जायज तरीके से प्राप्त धन से तो होता नहीं है।

रमाकांत पांडेय के फेसबुक पर ही कमेन्टस में संजीव कुमार पांडेय कहते है कि चूंकि उसी राशि से बखान करनेवाले मीडिया को भी अपना भरण-पोषण करना है तो वह क्यों नहीं करेगा? सचमुच जिस प्रकार से क्षेत्रीय चैनलों ने कई महत्वपूर्ण समाचारों को श्रद्धांजलि देकर एक सामान्य शादी को जिस प्रकार से हाइटेक तरीके से दिखाया, उसकी कड़ी आलोचना होनी चाहिए, क्योंकि ये भटकती पत्रकारिता का नमूना है।

कल ही लालू के बेटे की शादी में इतने लोग जूट गये कि वहां भोजन के लिए लूट मच गई। जिस पर वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र किशोर फेसबुक पर लिखते है कि पूर्व में एक स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी जो बाद में बिहार में कैबिनेट मंत्री भी बने, जब वे सरकार में थे, उनके समय गेस्ट कंट्रोल ऐक्ट बना था, उस कानून के अनुसार अत्यंत सीमित संख्या में ही अतिथियों को बुलाने का नियम था, जब चौधरी जी के यहां एक बार उनकी बेटी की शादी में बारात आयी, तब उतने ही लोगों का खाना बना था, जितने लोग आमंत्रित थे, संयोग से बिना बुलाये लोग भी पहुंचे तो खाना घट गया, खाना घटने के कारण खुद चौधरी जी का परिवार खाना नहीं खा सका, चौधरी जी ने बाद में स्वयं अतिरिक्त भोजन बनवाने से भी इनकार कर दिया, पर जरा यहां देखिये, क्या हो रहा है? आज भी गेस्ट कंट्रोल एक्ट बिहार में लागू है, जिन्हें लागू करना है, वे भी इस एक्ट को टूटता हुआ देखते हैं, पर कोई कार्रवाई नहीं करता, और जिन्हें ये खबर दिखानी है, या खबर छापना है, वे खबर क्या दिखा रहे हैं? क्या छाप रहे है, जरा देखिये –

लालू ने अपने पैरों में आलता लगाया है। रावड़ी देवी पीली साड़ी पहनी हुई है। लालू ने बांधी गुलाबी पगड़ी। शाही अंदाज में निकली तेज प्रताप की बारात, दिग्गज बने बाराती। नीतीश कुमार ने तेजस्वी को अपने पास बिठाया है। उदयोगपति रामदेव तेज प्रताप के गले में सोने का चेन लटकवा रहे है। लालू जी महावर लगाकर खुश हो रहे है। दस महीने बाद तेज प्रताप की शादी में मिले नीतीश तो बड़ी आत्मीयता से लालू ने लपककर हाथ पकड़ लिये। रावड़ी ने बेटियों को नीतीश से मिलवाया, सबने पैर छूए, मुख्यमंत्री के साथ फोटो खिचवाई। रेवती नक्षत्र और कुंभ लगन में हुई शादी। होटलों में नो रुम की स्थिति रही।  

और अब बिहार के पोर्टलों की भी देख लीजिये, कैसे लालू भक्ति में कल लीन रहे – पोर्टलों पर कैसे लालू भक्ति को जन-जन तक पहुंचा रहे है।

  • ऐश्वर्या राय की बहनों ने मांगा एक करोड़, मोल तोल कर पचास हजार में निपटाया तेज प्रताप ने।
  • विदाई के वक्त फूट-फूट कर रोई ऐश्वर्या, मां ने पानी पिला विदा किया दामाद।
  • बहू को विदाकर ले जाने के पहले, हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच लालू यादव ने दी आशीर्वादी।
  • रात 3 बजे तेज प्रताप ने ऐश्वर्या की मांग में भरा सिंदूर और हो गये एक दूजे के लिए।
  • रात ढाई बजे तेज प्रताप ने ऐश्वर्या के साथ ऐसे लगाए सात फेरे और लिए-दिये सात वचन।

यानी हद हो गई लालू भक्ति और हद हो गई पत्रकारिता। एक समय था जब बिहार की पत्रकारिता की तूती बोलती थी और आज एक समय यह है कि बिहार के पत्रकार लालू भक्ति में लगे है, जन सरोकार की खबरों को हवा में उड़ा दे रहे हैं और राजनेताओं के आगे उनके चरणों पर बलिहारी जा रहे है। आज बिहार से छपनेवाले अखबार चाहे वह हिन्दुस्तान हो या प्रभात खबर या देनिक भास्कर सभी ने पत्रकारिता की मर्यादा तोड़ी है, इन सभी ने शादी पर विशेष पेज दे दिये, जैसे लगता हो कि इस शादी से बिहार के लोगों की किस्मत बदलने जा रही है।

बिहार के क्षेत्रीय चैनलों की तो हाल जो हैं, उसका तो भगवान ही मालिक है, ये तो अगर ये न करें तो हमें लगता है कि इनके घर का चुल्हा तक न जले। जब कोई पत्रकार या संस्थान अपना जमीर बेच दें तो वहां की पत्रकारिता से इससे ज्यादा की उम्मीद भी आप नहीं कर सकते, फिलहाल कुछ दिनों तक लालू के बेटे तेज प्रताप और ऐश्वर्या की शादी की खुमारी में डूबिये, क्योंकि बिहार के पत्रकारों और संपादकों को आपको देने के लिए, इसके अलावा कुछ भी नहीं हैं। इधर दुखद समाचार यह भी है आज लालू के बेटे की शादी के बाद अपने घर लौट रहे राजद जिलाध्यक्ष समेत चार लोगों की सड़क हादसे में मौत हो गई।