राजनीति

बाबू लाल की एक PC ने झामुमो, राजदुलारी व हेमन्त सरकार की नींद उड़ाई, हालत पस्त देख सुप्रियो ने पहले बाबू लाल के खिलाफ अनाप-शनाप कहे और अंत में गोलगप्पे परोसे

भाई ये तो शत प्रतिशत क्लियर हो गया, कि कल यानी रविवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में बाबू लाल मरांडी की प्रेस वार्ता ने क्रमानुसार झारखण्ड मुक्ति मोर्चा, झारखण्ड पुलिस उर्फ राजदुलारी व हेमन्त सरकार की नींद उड़ा दी हैं, तभी तो आज झामुमो के केन्द्रीय  महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य की प्रेस वार्ता ने वो सब कुछ कह दिया, जो यह बताने के लिए काफी है कि बाबू लाल मरांडी की कल की प्रेस वार्ता से ये तीनों कितने डरे हुए हैं।

नहीं तो सुप्रियो अपनी पीसी की शुरुआत में जिस प्रकार बाबूलाल मरांडी पर बरस रहे थे, वो अंत में आकर मिमियाने नहीं लगते, गोलगप्पे थमाने नहीं लगते। अब ये गोलगप्पे  बाबू लाल मरांडी को भायेंगे अथवा नहीं ये तो बाबू लाल मरांडी बतायेगें, पर विद्रोही24 का मानना है कि बाबू लाल मरांडी ने झामुमो के ही तीर-धनुष को लेकर ऐसी प्रत्यंचा चढ़ाई है कि झामुमो, झारखण्ड पुलिस यानी राजदुलारी और हेमन्त सरकार सब के हालत पस्त है।

जरा देखिये, सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज कहा क्या है? बाबू लाल मरांडी ने जिन तीन लोगो को राजदुलारी द्वारा गिरफ्तार करने पर आक्रोश व्यक्त किया गया था, सुप्रियो ने कह डाला कि इन तीनों से बाबू लाल मरांडी के अंतरंग संबंध है। सोशल साइट पर पकड़े गये लोगो को देखकर ये नहीं लगता कि तीनों की मांली हालत खराब है, जैसा कि कल बाबू लाल मरांडी ने कहा था, सारे लोगों का मुंबई से संबंध था।

अब तो कई मीडिया हाउसों ने किन-किन राजनीतिज्ञों के साथ उन सब के कैसे संबंध थे, वो छाप चुकी है। लेकिन ये कहने से सुप्रियो भट्टाचार्य चूक गये कि ऐसे फोटो को मीडिया हाउसों तक पहुंचाया किसने? और इसे पहुचांने का राज क्या था? सुप्रियो संविधान का हवाला देते हुए राज्यपाल से इस पर स्वतः संज्ञान लेते हुए बाबू लाल मरांडी को सदन से बर्खास्त करने की मांग उठाते हैं, पर बाबू लाल मरांडी का अपराध क्या है?

यही न कि उन्होंने कहा कि पुलिस झामुमो का टूल न बनें, सरकारें आती है, जाती रहती है, वो अपना काम करें, नहीं तो रिटायर्ड होने के बाद भी नहीं छुटेंगे। ये बातें धमकी कैसे हो गई? झारखण्ड पुलिस कुछ भी करें, राजदुलारी कुछ भी करें और कोई इस अत्याचार के खिलाफ बोले भी नहीं, यानी आप लोकतंत्र का हवाला देकर कुछ भी बोलो जायज, और दूसरा बोले तो नाजायज। भाई ये बातें कहा से लाते हैं।

आज भी बीस मिनट के पीसी में आपने उन तीनों विधायकों का नाम नहीं लिया कि वे तीनों विधायक कौन थे, जो बिकने को तैयार थे, किस पार्टी के थे, न तो आप बोल रहे हैं और न ही पुलिस (राजदुलारी) बोल रही हैं। आप कहना क्या चाहते है कि जब तक आपकी सरकार रहें, पुलिस कुछ भी करें, कुछ भी नहीं बोले। आपके शासन में पुलिस क्या कर रही हैं, क्या राज्य की जनता नहीं जानती या न्यायालय नहीं जान रहा। अगर न्यायालय नहीं जानता तो फिर निशिकांत दूबे के मामले में ही न्यायालय आपकी पुलिस के खिलाफ फैसले कैसे दे दी। मामला देवघर थाने से संबंधित था।

दरअसल ये पूरा मामला ही बचकानी हरकतों का हैं। जिसमें कांग्रेस का आपने बड़ी ही सुनियोजित ढंग से जनाजा निकाल दिया। उनकी सारी बकबक खत्म कर दी। अगर कांग्रेस के पास थोड़ी सी भी शर्म होगी तो वो इसका बदला आपसे जरुर लेगी, लेकिन उस पार्टी में भी इतने छेद और इतने नेता हैं कि उसकी हालत ज्यादा जोगी मठ उजाड़ वाली बात है।

फिर भी इस प्रकार की घटना से छह महीने तक आप बेहतर स्थिति में हो सकते है, लेकिन छह महीने के बाद आपको च्यवनप्राश खाने को मिलेगा, ऐसा कहना मुश्किल है, क्योंकि मैं स्वयं देख रहा हूं कि कांग्रेस के साथ-साथ आपकी पार्टी में भी बहुत सारी अनसूलझी पहेलियां हैं, जो बवंडर का रुप धारण कर रही हैं, ऐसे में आप जितना देर रहेंगे, भाजपा का कोई नुकसान नहीं।

क्योंकि अब जब भी चुनाव होंगे, भाजपा ही आयेगी। आपकी इमेज आपके भी कनफूंकवें और राजदुलारियों ने समाप्त कर दी। एक लाइन में कह देता हूं कि आपने ऐसे-ऐसे लोगों की हाय ले ली हैं कि वो हाय आपके उपर पड़ने जा रहा हैं, रघुवर दास तो पांच साल शासन किये, आप तो ढाई साल भी नहीं पूरा कर पायेंगे।