अपनी बात

कुख्यात BJP MLA ढुलू के अत्याचारों के खिलाफ लड़ रहे विजय को मिला समाज के हर वर्ग का साथ

बाघमारा का भाजपा विधायक एवं राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास का चहेता ढुलू का अत्याचार पूरे बाघमारा में इन दिनों सर चढ़ कर बोल रहा हैं। उसके अत्याचार से हर अच्छा आदमी एवं गरीबलाचार तबाही के कगार पर पहुंच गया है, पर धनबाद की पुलिस को इससे कोई मतलब नहीं, वह खुद को ढुलू पुलिस कहलाने में ही ज्यादा फक्र समझती है। कमाल है, यहां ढुलू के इशारे पर किसी के भी खिलाफ केस हो जाता है, पर ढुलू के खिलाफ अगर केस करने की बात आती है, तो धनबाद पुलिस (जिसे वहां की जनता ढुलू पुलिस के नाम से जानती है) के हाथपांव फूलने लगते है।

कमाल हैं, जो भी व्यक्ति ढुलू के आतंक अत्याचार के खिलाफ बिगुल फूंकता हैं, ढुलू उसके बेटेबेटियों, पत्नीपरिवार पर झूठे केस ठोकवा देता हैं, और वह झूठे केस करनेवाले और कोई नहीं, बल्कि उसके टूकड़े पर पलनेवाले गैंग हैं, रैकेट हैं, जिसके बारे में सभी को पता है। इन दिनों सुप्रसिद्ध समाजसेवी विजय झा को उसने अपने रैकटों के द्वारा झूठे केस में फंसवा दिया है, पहले तो ढुलू ने अपने गैंग के लोगों से बुलवाकर विजय झा के बेटे बिट्टू झा के कैरियर से खेल गया, तथा बिट्टु पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगवा दिया। 

जबकि पुलिस को अच्छी तरह मालूम है, खुद विजय झा ने पुलिस को बुलवाकर सारे सबूत दिखा दिये, कि आरोपी महिला के द्वारा जो आरोप लगाया है, वह पूरी तरह गलत है, उसके बावजूद सत्य को नकार कर धनबाद पुलिस यानी ढुलू पुलिस ने विजय झा के बेटे के खिलाफ झूठी प्राथमिकी दर्ज कर विभिन्न प्रकार की धाराएं लगा दी। अभी बिट्टू का मामला चल ही रहा था, कि ढुलू के लोगों ने विजय झा के पुश्तैनी जमीन पर कब्जा करने की तैयारी शुरु कर दी, और अंत में उन पर एससीएसटी का झूठा केस करवा दिया, और इन सबके बारे में स्थानीय पुलिस को मालूम है, पर उसकी हिम्मत नहीं कि वह ढुलू के खिलाफ कुछ कर सकें, वो तो ढुलू के खिलाफ कुछ सुनने को भी तैयार नहीं होती।

इधर ढुलू के आतंक तथा स्थानीय पुलिस द्वारा न्याय नहीं मिलने के कारण, विजय झा ने आज गांधी के सत्याग्रह को चूना, तथा उनसे शक्ति प्राप्त करनी चाही, इसके लिए वे अपने सपरिवार के साथ वे धनबाद स्थित गांधी सेवा सदन पहुंचे, वहां गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और देखते ही देखते समाज के हर वर्ग के लोग विजय झा तथा उनके परिवार के साथ खड़े हो गये। सूत्र बताते है कि एक समय ऐसा लगा कि कुख्यात ढुलू महतो के कारनामों के कारण उसके भय से शायद लोग विजय झा का साथ देने से चूकें, पर यहां तो विपरीत धाराएं दिखाई दे गई।

बड़ी संख्या में समाज के हर वर्ग के लोग विजय झा के साथ बैठ गये तथा विजय झा तथा उनके परिवारों के क्रियाकलापों, उनके आचरणों तथा उनके द्वारा अब तक किये गये समाजोपयोगी कार्य की भूरिभूरि प्रशंसा की तथा उनका हर समय साथ देने का प्रण भी लिया। आश्चर्य की बात हैं, जब विजय झा और उनके परिवार के लोग गांधी सेवा सदन में बैठे थे, उसी वक्त भारी वर्षा होने लगी, पर भारी वर्षा के बावजूद कोई वहां से टस से मस नहीं हुआ, लोग भारी वर्षा के बीच भी डटे रहे, जैसे वे भाजपा के कुख्यात एमएलए ढुलू महतो को चुनौती दे रहे हो कि तुम कुछ भी कर लो, तुम्हारे अत्याचारों के आगे कल झूके थे और ही आज झूकेंगे।