अपनी बात

खूंटी में हेमन्त की बदलाव यात्रा में भारी वर्षा के बावजूद जुटी भारी भीड़ ने बताया जनता का मिजाज

खूंटी लोकसभा और विधानसभा दोनों में भाजपा के प्रत्याशी चुनाव जीते हैं, उसके बावजूद जो खूंटी का मिजाज आज दिखा, वो भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। इन दिनों राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास जन आशीर्वाद यात्रा पर निकले हैं, वहीं नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन बदलाव यात्रा पर निकले हैं, दोनों के समर्थकों का दावा है कि दोनों की सभा में भारी भीड़ जुट रही हैं, पर जो राजनीति के जानकार है, वे साफ कह रहे हैं कि एक ओर सत्ता की धमक की भीड़ हैं तो दूसरे ओर सत्ता को बदलने के लिए जनता में जगी चेतना की भीड़ हैं। रघुवर दास की सभा में भीड़ लाई जा रही हैं, जबकि हेमन्त की सभा में लोग स्वयं पहुंचते जा रहे हैं।

जरा आज की दो घटना देखिये, मुख्यमंत्री रघुवर दास बहरागोरा में थे, वहां से एक वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि उक्त सभा में मात्र एक हजार लोगों की ही भीड़ थी, जबकि चाकुलिया में एक तरह से कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के अनुरुप भीड़ थी, जबकि अन्य जगहों पर अपेक्षाकृत लोग कम नजर आये, जबकि दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष हेमन्त ने सरकार का सारा नशा ही फाड़ दिया है, वे जहां जा रहे हैं, लोग उनको सुनने पहुंच रहे हैं, लोग जानना चाहते है कि मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष में क्या अंतर हैं? जानकार बताते है कि हेमन्त और रघुवर में आकाश जमीन का अंतर है, हेमन्त सोरेन की बातों में मिठास और तमीज झलकती है, जबकि रघुवर की बातों में ये दोनों चीजें गायब है।

आज खूंटी में जैसे ही लोगों को पता चला कि झामुमो नेता हेमन्त सोरेन रहे हैं, लोगों ने इसमें रुचि दिखाई, तथा अब तक के सारे रिकार्डों को ध्वस्त कर दिया।  इधर वर्षा हो रही थी, और उधर पूरे मैदान में छाते ही छाते नजर रहे थे, जानकार बताते है कि उक्त आज की सभा को अगर पैमाना माना जाये, हेमन्त सोरेन, फिलहाल रघुवर दास पर भारी पड़ते नजर रहे हैं, क्योंकि रघुवर की सभा और हेमन्त की सभा बहुत कुछ कह दे रही हैं।

आज की भारी बारिश और उसके बावजूद जुटी लोगों की भीड़ देख हेमन्त गद्गद दिखे। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास को कोट करते हुए कहा कि उन्हें जितना जहर हेमन्त सोरेन के खिलाफ उगलना है, उगल लें, पर वो राज्य की जनता को बता देना चाहते है कि उन्होंने राज्य के लिए क्या सोचा है? वे लोगों को बताते है कि वे हर युवा को रोजगार उपलब्ध करायेंगे, नहीं तो बेरोजगारी भत्ता देंगे।

उनकी सरकार 25 करोड़ के टेंडर सिर्फ झारखण्डियों को देगी। लैंड बैंक में जबरन शामिल  21 लाख एकड़ को वापस कर उनके मालिकों को वापस सौंपा जायेगा। 27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़ों, 28 प्रतिशत आदिवासी और 12 प्रतिशत आरक्षण दलितों को दिया जायेगा। 75 प्रतिशत आरक्षण निजी सेवाओं में उपलब्ध कराई जायेगी। बंद स्कूलों को पुनः खोला जायेगा तथा महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध कराया जायेगा ताकि वे भी अपनी भूमिका तय कर सकें।

उन्होंने कहा कि राज्य में जिस प्रकार मीडिया कार्य कर रही हैं, उससे लोकतंत्र को खतरा उत्पन्न हो रहा हैं, उन्होंने सभी से कहा कि उनकी लड़ाई सिर्फ झारखण्ड और झारखण्डियत के लिए हैं, आप सभी सहयोग करें, हम आपको बेहतर झारखण्ड देंगे, उन्होंने सभी से झारखण्ड को सामने रख, भविष्य तय करने की बात कही