अपनी बात

सड़क दुर्घटना को कम करने के लिए सभी संबंधित विभागों को करना होगा बेहतर काम, लोगों को रोड सेफ्टी के नियमों से कराना होगा अवगत

लोगों को सड़क सुरक्षा के उपायों से अवगत कराकर सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है और लोगों की जान बचाई जा सकती है। इस राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सेमिनार 2024 का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं एवं उससे होने वाली मृत्यु को कम करना है। उक्त बातें परिवहन विभाग के सचिव कृपानंद झा ने होटल बीएनआर में आयोजित राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सेमिनार 2024 में कही।

विभागीय सचिव कृपानंद झा ने कहा कि सड़क के डिज़ाइन पर ध्यान देने की ज़रूरत है। कभी- कभी सड़क की डिज़ाइन दुर्घटना का कारण बनती है। इसलिए डीपीआर के अनुसार ही सड़कें बनाई जायें। सड़कों पर प्रॉपर साइन एज होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना को कम करने के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। गाड़ियों की सभी जाँच के बाद ही फिटनेस सर्टिफिकेट देना चाहिए। ड्राइविंग लाइसेंस देने से पहले सभी प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए।

सचिव कृपानंद झा ने कहा कि सड़क दुर्घटना में कमी आए और जानमाल का नुक़सान कम से कम हो, इसके लिए लोगों को जागरूक करना होना। ड्राइविंग के समय सीट बेल्ट लगाना, हेलमेट पहनना, ट्रिपल राइडिंग नहीं करना, साथ ही सड़क सुरक्षा के सभी नियमों से लोगों को जागरूक करना होगा और नियम तोड़ने वालों को सजा और फाइन भी देनी होगी। इसे सख़्ती के साथ लागू करना होगा।

सड़क दुर्घटना में पुलिस विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। ट्रामा सेंटर सक्रिय रहे, ताकि दुर्घटना के बाद के गोल्डन आवर में घायलों की जान बचायी जा सके। एडीजी झारखंड पुलिस संजय आनंद लाटकर ने कहा कि रोड सेफ्टी में इंजीनियरिंग, एजुकेशन और एनफोर्समेंट महत्वपूर्ण होता है। इंजीनियरिंग के तहत सड़क की गुणवत्ता, वाहनों की फिटनेस की जाँच, एजुकेशन के तहत लोगों को जागरूक करना एवं एनफोर्समेंट के तहत इन सभी पहलुओं को लागू करने की ज़रूरत है।

उन्होंने कहा कि सड़क के ब्लैक स्पॉट का आकलन कर उसे घटाने की आवश्यकता है, साथ ही नये ब्लैक स्पॉट की पहचान की जानी चाहिए, तो निश्चित तौर पर झारखंड में सड़क दुर्घटनाओं एवं इससे होने वाली मृत्युदर में कमी आएगी। रोड सेफ्टी सेल के डीआईजी धनंजय सिंह ने कहा कि रोड सेफ्टी सेल से जुड़े सभी डिपार्टमेंट को बेहतर तरीके से कार्य करना होगा। सभी थानों को एम्बुलेंस, हॉस्पिटल आदि का फ़ोन नंबर रखना होगा, ताकि समय रहते दुर्घटना में घायल लोगों को अस्पताल पहुँचाया जा सके।

इस अवसर पर सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टिट्यूट के सुभाष चंद्रा, सेंट्रल फॉर रोड सेफ्टी मैनेजमेंट, निर्वाण यूनिवर्सिटी, जयपुर के डॉ प्रेरणा अरोड़ा सिंह, रोड ट्रैफिक सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम लीड ऑडिटर हरप्रीत सिंह ने तकनीकी सत्र में सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी पहलुओं की जानकारी विस्तार से दी। सेमिनार में सभी ज़िलों से आये ज़िला परिवहन पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, पुलिस एवम् परिवहन विभाग के पदाधिकारी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।