धनबाद में CM की सभा के लिए बन रहा मंच क्या धराशायी हुआ, BJP वाले ही मजाक बनाना शुरु कर दिये

16-17 अक्टूबर को राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर धनबाद में रहेंगे। जहां वे अपने पांच साल की उपलब्धियों को जनता के समक्ष रखेंगे। मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम को लेकर आम जनता में कोई उत्साह नहीं दिखता और न ही भाजपा कार्यकर्ताओं में इसे लेकर उत्साह हैं।

उसके बाद भी जिन्हें भाजपा की टिकट की चाह हैं, वे मुख्यमंत्री की इस सभा के लिए एड़ी-चोटी एक किये हुए हैं तथा सभा बेहतर हो, इसके लिए अभी से ही प्रबंध करने में जुट गये हैं, दूसरी ओर कल जिस प्रकार से आंधी-बारिश आई, उस आंधी बारिश में मुख्यमंत्री रघुवर दास के लिए बन रहा मंच उखड़ गया, जो भाजपाइयों में ही बहस का विषय बन गया।

कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसे फेसबुक पर डालकर, मंच के उखड़ने, बांस-बल्ली गिरने को लेकर मजाक बनाना शुरु किया, जिस पर कई लोगों ने टिप्पणियां की, कुछ का कहना था कि मंच का गिरना, बांस-बल्ली का उखड़ना मतलब साफ है कि मुख्यमंत्री के पुनः सत्ता में लौटने के लक्षण नहीं दिख रहे। कुछ का कहना था कि भाजपा का कार्यकर्ता होकर अपने ही पार्टी का मजाक उड़ाना सही नहीं।

कुछ लोगों ने इस प्रकरण को अपने फेसबुक पर डाला और जैसे ही उपर से दबाव आया, बड़ी ही चालाकी से उसे फेसबुक से डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक उनकी इस चालाकी को कई लोगों ने कैद कर लिया था। राजनीतिक पंडितों की मानें तो मुख्यमंत्री के मंच का गिरना और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा ही इसका मजाक बना देना, बतला देता है कि भाजपा कार्यकर्ताओं में अंदर ही अंदर क्या खिचड़ी पक रही हैं?

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि गोधर की घटना बता रही है कि भाजपा पहले वाली भाजपा नहीं, बल्कि अब ये जातिवाद का शत प्रतिशत शिकार हो चुकी है, जिस जाति के लोगों का जहां प्रभाव होगा, उसी की बल्ले-बल्ले होगी, बाकी जातियां या लोग इनके शिकार होते रहेंगे और आपस में ही एक दूसरे का मजाक बनायेंगे, जिसका प्रभाव धनबाद में फिलहाल दिख रहा है।