अपनी बात

धनबाद के मेयर का कमाल, आजाद की प्रतिमा के उपर अपना होर्डिंग लगाया, पर शहादत दिवस के दिन दो पुष्प अर्पित करना भूल गया

वो बहुत बड़ा कारोबारी है, वो धनबाद का मेयर  है, वो भाजपा का बहुत बड़ा नेता है, वो भाजपा प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य है, वो गिरिडीह लोकसभा का भाजपा की ओर से प्रभारी है, वो धनबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने का महत्वाकांक्षा रखता है, अगर राज्य के होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास की कृपा हो गई तो जातीयता के आधार पर उसे धनबाद से भाजपा का टिकट भी मिल सकता है, ऐसी संभावनाएं भी हैं। 

वो धनबाद में कई जगहों पर होर्डिंग भी लगा रखा है, वो तो भारत के महान सपूत अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के उपर भी अपना होर्डिंग लगवाकर इठलाता है, पर जिस महान सपूत अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के ठीक उपर होर्डिंग लगवाकर इठला रहा होता हैं, उन्हीं का शहादत दिवस भूल जाता है, उसे फुर्सत नहीं होती कि वह उक्त दिन महान सपूत अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर दो फूल चढ़ा आये, ऐसे है भाजपा के नेता और धनबाद के मेयरचंद्रशेखर अग्रवाल।

आज जब मैंने धनबाद के मेयर और भाजपा के इस बड़े नेता चंद्रशेखर अग्रवाल को उनके चलन्त दूरभाष पर बातचीत करने के क्रम में पूछा कि उन्होंने कल भारत के महान सपूत अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद को श्रद्धांजलि देने के लिए कहांकहां गये, तो उनका कहना था कि कल तो वे इतने बिजी थे कि वे उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण या उन्हें श्रद्धांजलि देने जा ही नहीं सके।

धनबाद का प्रथम नागरिक, अगर अपने शहर में स्थापित महान सपूतों की प्रतिमाओं और उनके जयंती तथा शहादत दिवस को भूल जाये तो फिर सामान्य आदमी की क्या बिसात? कमाल है, आप चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के उपर अपना फोटो समेत होर्डिंग लगा देते हो, और आपके नीचे जिन महापुरुष की प्रतिमा है, उनके शहादत दिवस को भूल जाते हो, ये क्या महापुरुषों का अपमान नहीं है।

सवाल तो मेयर और भाजपा के नेताओं के साथसाथ, धनबाद के नागरिकों से भी है कि क्या देश के महान सपूतों, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी, क्या उनके प्रतिमा के उपर किसी भी व्यक्ति की होर्डिंग लगना जायज हैं, और अगर नहीं तो फिर एक महीने से भी उपर हो गये, ये धनबाद के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल की होर्डिंग धनबाद के बेकार बांध के समीप चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के उपर क्या कर रहा हैं, इसे कौन  हटायेगा और इस अपराध के लिए मेयर को कौन दंडित करेगा?

भूले नहीं, कल यानी 27 फरवरी को भारत के महान सपूत अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद का शहादत दिवस था, जिसे धनबाद के कुछ नागरिकों ने याद रखा, पर जिस मेयर ने चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर खुद का होर्डिंग लगा रखा है, वह ही श्रद्धांजलि के दो पुष्प चढ़ाने तक नहीं आया, जबकि वह कल धनबाद में ही था। शर्मनाक, भाजपाइयों, शर्मनाक, तुम क्या जानो, देश के महान सपूतों का सम्मान करना।  हो सके, तो कम से कम इतना कर दो कि बेकार बांध के पास स्थित चंद्रशेखर आजाद की इस प्रतिमा के उपर लगे मेयर की फोटो वाली होर्डिंग तो उतरवा दो, ताकि लगे कि आपने उन्हें सम्मान देने की कोशिश की।