अपनी बात

रांची के बच्चों ने कहा – “जब बीच रोड में रेप होता है तो बीच रोड में ऐसे को फांसी क्यों नहीं”

पूरे देश में बढ़ रही रेप की घटना और खासकर रांची में इन दिनों महिलाओं के साथ हो रहे सामूहिक दुष्कर्म, छेड़खानी से रांची के बच्चे भी बहुत दुखी है, आज इन बच्चों ने इन घटनाओं के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया और जिससे जो बना, वह कागज पर अपने उद्गार को लेकर पिस्का मोड़ के पास आ जुटा।

हालांकि कुछ लोग कह रहे थे कि ये बच्चे हैं, इनकी बात उपर तक कहां पहुंचेगी, पर इन बच्चों न इन सबकी परवाह किये बिना अपने आक्रोश को लेकर सड़कों पर उतर ही गये, जो बताता है कि इस देश में बढ़ती रेप को लेकर आम जनमानस ही नहीं, देश के बच्चे कितने आक्रोशित है।

आकाश, स्वाति, दीक्षा, मीमांसी, काजल, अमृता, शीतल, आदिल, सौरभ, राजा, खुश्बू, सुरेश, सौम्या, साक्षी,सृष्टि कितने बच्चों के नाम गिनाउं, सभी के हाथों में तख्तियां, चेहरे पर आक्रोश के भाव, उनके द्वारा दुष्कर्म की घटनाओं के खिलाफ लगाये गये नारे बहुत कुछ कह दे रहे थे, कुछ लोगों ने इनके मनोबल को भी बढ़ाया तथा इनके अंदर की भावनाओं को बाहर तक लाने की सफल कोशिश की। जिनमें प्रताप मंडल, सानू सिन्हा, चंदन, राहुल, प्रमोद आदि की भूमिका सराहनीय रही। 

इन बच्चों ने अपने तख्तियों पर लिख रखा था, जब बीच रोड पर रेप होता है तो बीच रोड पर फांसी क्यों नहीं? नेताओं को एसपीजी और हम बेटियों को, ENOUGH OF PROTEST, TIME TO PROTEST, प्रज्ञा ठाकुर पर हंगामा और प्रियंका रेड्डी पर सन्नाटा, आज रेप, आज फांसी। करीब एक घंटे तक अपना प्रोटेस्ट मार्च कर ये सारे बच्चे अपने घरों को निकल गये, साथ ही एक मैसेज भी छोड़ गये, कि सरकार जगे और ऐसे लोगों के खिलाफ जल्द एक्शन लें, नहीं तो हालात और बद से बदतर होंगे।