अपनी बात

कुर्सी रह गई खाली, शहंशाह-ए-झारखण्ड के भाषण में नहीं बज सकी ताली, धनबाद गोल्फ ग्राउंड का हाल

शहंशाह-ए-झारखण्ड आजकल जन आशीर्वाद यात्रा पर निकले हैं, उनकी यात्रा को विशेष कवरेज मिले, इसके लिए रांची में कंट्रोल रुम बनाया गया है, साथ ही अखबारों व चैनलों और वहां काम कर रहे सारे पत्रकारों पर दबाव हैं कि वे ऐसा कुछ चीज नहीं दिखाये या लिखे, जो जन आशीर्वाद यात्रा पर बुरा असर डालता हो।

शायद यहीं कारण है कि जैसे ही शहंशाह-ए-झारखण्ड मुख्यमंत्री रघुवर दास निरसा पहुंचे, वहां पहुंचे बड़ी संख्या में रघुवर भक्त पत्रकारों ने खुलकर रघुवर दास का यशोगान गाया, कइयों ने फेसबुक लाइभ भी किया, जिससे स्पष्ट पता चल रहा था कि रघुवर भक्ति में धनबाद के ज्यादातर पत्रकारों का दल किस प्रकार अपना हृदय लूटा रहा हैं।

कई अखबारों ने तो आज एक विशेष पेज ही दे डाला, जिसमें धनबाद जिले के भाजपा विधायकों के फोटो समेत समाचार विशेष रुप से जनता को उपलब्ध कराये गये थे, यानी इस कार्यक्रम को इनलोगों ने इस प्रकार से पेश किया, जैसे लगता हो कि धनबाद में लालकृष्ण आडवाणी की रामरथ यात्रा पहुंच गई हो।

इधर दो दिन शहंशाह-ए-झारखण्ड धनबाद में रहेंगे, जिसमें आज का पहला दिन समाप्त हो गया। निरसा में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने शहंशाह का स्वागत किया, तथा उनसे आशीर्वाद प्राप्त किये, हर-हर रघुवर का मंत्र जाप भी किया, जबकि धनबाद की हृदयस्थली कही जानेवाली गोल्फ ग्राउंड का नजारा ही कुछ और था, यहां जो भी कुछ भीड़ थी, वो मुख्यमंत्री के भाषण देने के पहले ही निकलने लगी और जब मुख्यमंत्री भाषण देने लगे तो सभास्थल की खाली कुर्सियां सीएम को मुंह चिढ़ाने में लगी थी।

सूत्र बताते है कि भाजपा में कुछ लोग जो स्थानीय विधायक से चिढ़े हुए थे, उन्होंने इसमें मुख्य भूमिका निभाई तथा भाजपा विधायक को सीएम रघुवर दास के नजरों में गिराने के लिए ऐसा कुचक्र रचा, जबकि राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कोयलांचल की जनता जग रही हैं और धीरे-धीरे उसका भाजपा से मोहभंग हो रहा हैं, और गोल्फ ग्राउंड से जनता का दूरी बनाना, मुख्यमंत्री के भाषण देने के क्रम में सभास्थल में संख्या की कमी हो जाना, ये स्पष्ट करता हैं कि कोयलांचल की जनता मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यों से संतुष्ट नहीं है।

अब भाजपा कार्यकर्ताओं में भी दम नहीं कि वे जनता को अपनी ओर आकर्षित कर, भाजपा के पक्ष में वोट करा दें, क्योंकि लोग अब समझदार होने लगे हैं, उन्हें पता है कि देश में पंजाब एवं महाराष्ट्र बैंक में ताले लग जाने से, इस बैंक के खाताधारकों पर क्या गुजर रही हैं? जनता को यह भी पता लगने लगा है कि हिन्दू-मुसलमान करने से पेट नहीं भरता, बल्कि पेट रोजगार उपलब्ध कराने से होता है।

ऐसे भी धनबाद के जो सांसद हैं, उनकी विकास को लेकर क्या नजरिया रहा है, धनबाद की जनता जानती हैं, ये अलग बात है कि लोकसभा चुनाव में जनता ने पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट गिरा दिये, पर विधानसभा में ऐसा ही होगा, अब संभव नहीं। गोल्फ ग्राउंड में भीड़ का न होना, भीड़ का छंट जाना, बताने के लिए काफी है कि लोग शहंशाह-ए-झारखण्ड को अपना आशीर्वाद देने के मूड में नहीं हैं, इसलिए अब भाजपा के शीर्षस्थ नेता कुछ दूसरा प्रोपेगंडा चलाये, तभी कुछ देखने को मिलेगा, अन्यथा नहीं।