CAA पर कार्यशाला के बहाने झारखण्ड में एक बार फिर सशक्त होने में लगी भाजपा, पाकिस्तान के ननकाना साहिब में हुए हमले ने BJP को दी ताकत

कल पाकिस्तान में जिस प्रकार से सिक्खों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव के जन्मस्थान ननकाना साहिब में गुरुद्वारा को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घंटों घेर कर रखा, पत्थरबाजी की, ननकाना साहिब का नाम तक बदल देने की बात की, सिक्ख विरोधी नारे लगाये और जिस प्रकार से घंटों गुरुद्वारे में बंद होकर सिक्ख समुदाय के लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए गुहार लगाई, उससे भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सभी सिक्ख बंधुओं तथा उन्हें चाहनेवालों को गहरा आघात लगा है। भारत की सभी प्रमुख पार्टियों ने एक स्वर से पाकिस्तान के ननकाना साहिब में हुए इस घटना की तीव्र निन्दा की है।

ऐसे तो पाकिस्तान में हिन्दूओं, सिक्खों, इसाइयों, बौद्धों आदि समुदाय पर हमले सामान्य सी बात है। ईश निन्दा का आरोप लगाकर उनके साथ क्रूरता से पेश आना, इनकी बहू-बेटियों की इज्जत लूट लेना, उनका अपहरण कर लेना, जबर्दस्ती धर्मान्तरण कर उनसे शादी कर लेना सामान्य सा प्रचलन हो गया है, इसीलिए वहां के अल्पसंख्यकों को जैसे ही मौका मिलता है, वे भारत आने को इच्छुक रहते हैं, ताकि उनका धर्म व संस्कृति अक्षुण्ण रहे, साथ ही इज्जत की जिंदगी जी सकें।

हाल ही में पाकिस्तानी क्रिकेटर दिनेश कनेरिया द्वारा किया गया रहस्योद्घाटन पूरे पाकिस्तान की पोल खोलकर रख देता है, हालांकि इसके बावजूद पाकिस्तान सरकार अपने गलतियों पर पर्दा डालने का कोई मौका नहीं छोड़ती, लेकिन कल की घटना ने पूरे विश्व में पाकिस्तान को नंगा करके रख दिया।

ये हाल केवल पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि जिस बांगलादेश को भारत ने पाकिस्तान से मुक्त कराया, वहां भी कुछ ऐसा ही हाल है, पर लोग करे क्या? भारत में पाकिस्तान, बांगलादेश और अफगानिस्तान से आये ऐसे लोगों की संख्या लाखों में हैं, पर उन्हे भारत में अब तक इज्जत की रोटी नहीं मिलती थी, शरणार्थी बनकर भटकते थे, भारत की नरेन्द्र मोदी सरकार ने ऐसे लोगों को इज्जत की रोटी मिले, इसके लिए नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 लाया।

जिसे भारत की बहुत सारी राजनीतिक दलों ने समर्थन किया और यह अधिनियम भारी मतों से लोकसभा व राज्यसभा से पारित हुआ, जो कानून का रुप भी ले चुका है, पर कुछ अतिवादी मुस्लिम संगठनों, कांग्रेस व वामपंथियों के लोगों को इसमें खामियां नजर आती हैं, जिसको लेकर वे हिंसक आंदोलन चला रहे हैं, जिससे देश को जान-माल की भारी क्षति पहुंच रही हैं, पर भाजपा सरकार इस अधिनियम के पक्ष में चट्टान की तरह अडिग है, साथ ही वह चेतावनी भी दे रही हैं कि कांग्रेस में इतनी हिम्मत हैं तो बताये कि वह पाकिस्तान के लोगों को भारतीयता की नागरिक देगी।

इसी बीच एक चैनल ने इस CAA पर सर्वेक्षण भी कराया, जिसमें भारत की करीब 62 प्रतिशत आबादी ने CAA के पक्ष में अपनी बाते रखी, इस सर्वेक्षण से प्रसन्न भाजपा ने इस मुद्दे को हथियार के रुप में उपयोग कर पूरे देश में इसको लेकर आंदोलन खड़ा करने का मन बना चुकी है।

जिसको लेकर झारखण्ड की भाजपा भी सजग हो चुकी है। झारखण्ड में करारी हार के बाद CAA के माध्यम से फिर भाजपा को यहां मजबूत बनाने के लिए भाजपा की टीम सक्रिय हो गई है, इसको लेकर कल भाजपा प्रदेश कार्यशाला में एक कार्यशाला भी आयोजित हो रहा है, जिसमें केन्द्रीय मंत्री महेन्द्र पांडेय मुख्य रुप से शामिल होंगे। इस कार्यशाला में शामिल होने के लिए भाजपा के सभी सांसदों (लोकसभा एवं राज्यसभा), विधायकों, जिलाध्यक्षों, पूर्व जिलाध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है।

भाजपाइयों का कहना है कि जिस प्रकार से विपक्षी दलों ने कानून का रुप ले चुके नागरिक संशोधन अधिनियम को लेकर जनता को बेवकूफ बनाने का कार्य प्रारम्भ किया, उसे उसी भाषा में जवाब देने तथा जनता को जागरुक बनाने का ये कार्य प्रारम्भ किया गया है, ऐसे भी इस अधिनियम को जनता पसन्द कर रही हैं, यही कारण है कि इसका विरोध आम जनता ने नहीं किया, बल्कि एक खास ग्रुप के लोगों ने, एक खास राजनीतिक संगठनों ने किया, जिसका जवाब देने का अब वक्त आ चुका है।

इधर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, कल तक विपक्षी दल सड़कों पर थे, अब भाजपा की बारी है, ऐसे भी अब CAA का मुद्दा ठंडा पड़ता जा रहा है, क्योंकि कल पाकिस्तान में ननकाना साहिब में हुई घटना और आज पूरे देश में सिक्खों का ननकाना साहिब में हुई घटना के खिलाफ आंदोलन बता देता है कि देश को ये कानून कितना जरुरी है, कम से कम पाकिस्तान और बांगलादेश जो धर्म के नाम पर ही भारत से अलग हुए, वहां आज भी अल्पसंख्यक प्रताड़ित हैं, तो वे आखिर कहां जायेंगे? उन्हें कौन शरण देगा, मुस्लिमों के तो बहुत सारे देश हैं, वे कहीं भी चले जायेंगे, पर जो मुस्लिम नहीं हैं, हिन्दू, बौद्ध, जैनी, इसाई, सिक्ख हैं, वे कहां जायेंगे?

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि जिस प्रकार से CAA के विरोध के नाम पर देश भर में हिंसक गतिविधियां चलाई गई, वाहन जलाये गये, रेलों पर पथराव किये गये, पटरियां उखाड़ी गई, पूरे देश में दहशत फैलाने का काम हुआ, उसे सही नहीं ठहराया जा सकता, केन्द्र व सभी राज्य सरकारों को चाहिए कि देश में कानून का राज स्थापित हो, इसका प्रबन्ध करें, रही बात नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 की, तो वह कानून का रुप ले चुका है,  उसे अब कोई चुनौती भी नहीं दे सकता, क्योंकि भारत, बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा रचित संविधान से चलता है, न कि गुंडागर्दी करने से।