गोमो में कोयला चोरों का आतंक, मालगाड़ी से कोयले को रेलवे ट्रैक पर गिराया, अप लाइन ठप

गोमो जंक्शन के पम्पू तालाब के निकट आज अहले सुबह चार बजे के करीब कोयला चोरों ने कोयले से लदी मालगाड़ी के गेट को खोलकर अप लाइन रेलवे ट्रैक पर भारी मात्रा में कोयला गिरा दिया, और जमकर कोयले की लूटपाट की, कोयला चोरों ने इतना कोयला गिरा दिया कि उससे अपलाइन की रेलवे ट्रैक ही प्रभावित हो गई, कोयला रेलवे ट्रेक पर आ गया, जिससे गोमो गया अपलाइन पर रेल सेवा ठप हो गई। ये घटना गोमो-गया लाइन के पोल संख्या 301/15 के पास घटी।

बताया जाता है कि रेलवे ट्रेक पर इतना कोयला गिर गिया, कि रेलवे ट्रैक से कोयले को हटाने के लिए बड़ी संख्या में ट्रैकमैन को बुलाया गया, तब जाकर रेलवे ट्रेक से कोयला हटा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रेलवे ट्रैक से कोयला हटाने और उस रेलवे ट्रैक को ठीक करने में तीन घंटे से ज्यादा के समय लग गये। इस प्रकार गोमो-गया रेलखंड के अपलाइन में रेल सेवा तीन घंटे बाद बहाल हुई। सच्चाई यह है कि गोमो-गया-धनबाद रेलखंड में कोयला चोरों का एक बहुत बड़ा गिरोह हैं, जो इस लाइन पर हमेशा कोहराम मचाता रहता है, उसका मूल काम आरपीएफ-जीआरपी की मिलीभगत से गलत काम को अंजाम देना होता है, जिस चक्कर में ऐसी घटना होती रहती हैं।

हाल ही में www.vidrohi24.com ने इस पर एक स्टोरी भी छापी थी, कोयला चोरों का आतंक इतना है कि ये मालगाड़ियों से कोयला चोरी कर, उसे बोरों में लाद विभिन्न यात्रियों वाली मेल/एक्सप्रेस/सुपरफास्ट ट्रेनों से अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंचा देते हैं, और इनके खिलाफ न तो रेलकर्मी, न रेल सेवा में लगे उच्चाधिकारी और न ही कोई पुलिसकर्मी बोलते हैं, सूत्र बताते है कि इस धंधे में सभी की मिलीभगत हैं, इससे इनकार नहीं किया जा सकता और आज की घटना उसका मूल प्रमाण है।

कभी-कभी इन कोयला चोरों से रेलयात्रियों की कोयला लादने को लेकर तीखी झड़प भी हो जाती हैं, कभी-कभी ये कोयला चोर रेलयात्रियों को नुकसान भी पहुंचा देते हैं, पर इन रेलयात्रियों की सुरक्षित यात्रा हो, इस पर ध्यान न तो रेल पुलिस का रहता है और न ही जीआरपी का, पर  इन पुलिसकर्मियों को इन कोयला चोरों से विभिन्न स्टेशनों पर एक अच्छी रकम वसूलते देखा जा सकता हैं, शायद यहीं कारण है कि कई रेलयात्री, ये सब देखते हुए, इनके खिलाफ शिकायत करने से बचते हैं, क्योंकि फिर उनकी जान को खतरा बना होता हैं।