CAA को रवीश की नजरों से अच्छा है कि आप वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र किशोर की नजरों से देखें, यह जरुरी भी है
मैं भी 53 वर्ष पूरे करने जा रहा हूं। पत्रकारिता की उम्र मेरी भी 33 वर्ष से कम नहीं हैं। इस पत्रकारिता के दौरान पत्रकार के वेश में कई लुच्चे-लफंगे, चिरकूट टाइप के प्रतिभावान पत्रकार भी मिले। कई तो मुख्यमंत्रियों के चरण स्पर्श करते नजर आये, तो कुछ मुख्यमंत्री के चरणारविन्द को प्राप्त कर राज्यसभा ही नहीं, बल्कि उसके अंदर भी जहां तक हो सकें, उच्च पद को प्राप्त कर लिये।
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