हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के इंडिया कांफ्रेस में झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा – आदिवासी न हिन्दू था और न हिन्दू है। जैसे ही उन्होंने ये वाक्य कहे, लोग अपने-अपने ढंग से इसका अर्थ निकाल रहे हैं। अर्थ निकालना भी चाहिए, क्योंकि हार्वर्ड के माध्यम से हेमन्त सोरेन ने एक राजनीतिक बयान देकर, विवाद को ही जन्म दिया है। इन दिनों ऐसे भी भारत में कुछ ऐसी कम्यूनिटियां पैदा हो गई हैं, जिन्हें हिन्दू नाम से ही चिढ़ हैं, और ऐसे लोगों को खाद-पानी देने का काम वे वामपंथी व कांग्रेसी करते हैं,
Read Moreसीधा सवाल मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से, प्रभात खबर के कथित प्रख्यात पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा को 2021 के पहले दिशोम गुरु शिबू सोरेन की जन्म तिथि याद क्यों नहीं आई? अनुज के किताबों को छापनेवाले प्रभात प्रकाशन भी बताएं कि प्रख्यात का अर्थ क्या होता है और किसी को भी प्रख्यात बताने का उसका पैमाना क्या है? ये सारे सवाल इसलिए कि सुनने में आया है कि अनुज द्वारा लिखित दिशोम गुरु शिबू सोरेन के जन्म दिन पर रांची के आर्यभट्ट सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है,
Read Moreमुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखण्ड में आप सभी ने सरना कोड की मांग की थी, इतनी सरकारें बनीं, लेकिन किसी ने इसे लागू करने की कोशिश तक नहीं की। उन्होंने चुनावी मंच से ऐलान किया कि वे 2021 में झारखण्ड में सरना कोड लागू कर देंगे। ज्ञातव्य है कि सरना धर्म कोड को लेकर आदिवासी समुदाय बराबर संघर्ष करता रहा है।
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