अपनी बात

राज्य के होनहार CM रघुवर ने खुद को PM मोदी की तरह प्रोजेक्ट करना किया शुरु, कार्यकर्ता नाराज

लोकसभा-विधानसभा तो दूर, एक नगरपालिका की सीट जीतवाने की औकात नहीं इनकी, पर आज ये खुद को पीएम नरेन्द्र मोदी और अमित शाह से कम नहीं समझ रहे, यही नहीं जनाब मोदीशाह के तर्ज पर रांची के सीएम हाउस में एक कार्यक्रम का आयोजन भी करवाते हैं, नाम रखते हैं – कार्यकर्ता अभिनन्दन समारोह, जिसमें ये सांसदों और कार्यकर्ताओं को अपना घमंड भी दिखाते हैं, और ये सारा कार्यक्रम, ठीक उस तर्ज पर आयोजित होता है, जिस तर्ज पर हाल ही में संसद के सेन्ट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम को पीएम मोदी ने संबोधित किया था, यहां पीएम मोदी के रुप में राज्य के मुख्यमंत्री सीएम रघुवर दास ने खुद को प्रोजेक्ट किया, जबकि अमित शाह के रुप में लक्ष्मण गिलुआ दिखाई दिये।

कमाल है मंच के पीछे बड़ा सा बैनर लगा है, जिसमें नरेन्द्र मोदी के साथ रघुवर दास है और अमित शाह के साथ लक्ष्मण गिलुआ दिखाई पड़ रहे हैं, जिसे बड़े ही सुनियोजित ढंग से बैनर में उकेरा गया है। उस बैनर में भाजपा के शीर्षस्थ नेता पं. दीन दयाल उपाध्याय, डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी तो दूर, अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी तक को गायब कर दिया गया है, शायद रघुवर दास को लग रहा है कि अब इन नेताओं की आज के परिप्रेक्ष्य में जरुरत ही क्या? अब तो सिर्फ और सिर्फ नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ही चलेंगे, और उनके बाद राज्य में रघुवर दास और लक्ष्मण गिलुआ चलेंगे, बाकी की अब औकात ही क्या?

कमाल है कार्यकर्ता अभिनन्दन समारोह आयोजित हैं, वह भी सीएम हाउस में, और झारखण्ड भाजपा के दो दिग्गज नेता अर्जुन मुंडा और सरयू राय इस कार्यक्रम में दिखाई नहीं दे रहे, शायद वे जानते है कि इस प्रकार के कार्यक्रम क्यों और किसे प्रोजेक्ट करने के लिए और कौन आयोजित कर रहा है? चित्र साफ बता रहा है कि इस लोकसभा में चुनाव जीते भाजपा के कुछ सांसद ही इस कार्यक्रम में मौजूद हैं, और मौजूद है वे मंत्री जिनकी कोई औकात ही नहीं, वे अपनी मजबूरियों के चलते फिलहाल सीएम रघुवर दास के साथ हैं, सूत्र बताते है कि चूंकि भारतीय राजनीति में जातियता एक अहम् रोल अदा करता हैं, और चूंकि पीएम, सीएम और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक ही कैटगरी में आते हैं, तो ऐसे में रघुवर दास से वर्तमान में कौन लड़ाई मोल लें।

स्थिति ऐसी है कि मंच पर बैठे भाजपा सांसदों की हालत पस्त हैं, उन्हें बूके देने के लिए भाजपा के जिलाध्यक्षों को मंच के एक साइड बुलाया जाता है, और उन्हें एक साथ मंच पर बैठे सभी मंत्रियों और सांसदों को बूके देने को कहा जाता है, यानी कौन जिले का जिलाध्यक्ष, उसका क्या नाम हैं, यह भी पता नहीं सांसदों और मंत्रियों को, बूके उनके द्वारा थमा दिया जाता हैं। आम तौर पर ऐसे कार्यक्रमों में जो बूके दे रहा हैं, और जो बूके ले रहा हैं, दोनों के नाम मंच संचालक पुकारता है, पर यहां मंच संचालन कर रहे दीपक प्रकाश को इनसब का नाम लेने को नहीं कहा गया है, इसलिए वे इस बात का ख्याल रखते हैं, और बिना किसी के नाम लिये ही ये काम भी पूरा कर देते हैं, जिसके कारण बूके देनेवाले कार्यकर्ताओं और बूके लेनेवाले मंचस्थ सांसदों और मंत्रियों के चेहरे देखनेलायक थे।

कार्यक्रम में शामिल भाजपा कार्यकर्ता बताते है कि पूरे कार्यक्रम में मात्र तीन लोग ही भाषण दिये, एक संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह, दूसरे लक्ष्मण गिलुआ और तीसरे रघुवर दास, बाकी मंचस्थ स्थित किसी भी सांसद और मंत्रियों को एक शब्द भी बोलने नहीं दिया गया, और यही बात सबको खल गई, किसी ने बड़े ही चुपके से इस कार्यक्रम पर टिप्पणी कर दी, कि सीएम रघुवर दास, खुद को पीएम नरेन्द्र मोदी से कम नहीं समझ रहे, जबकि सच्चाई यह है कि पीएम मोदी बनने के लिए इन्हें दस जन्म लेने पड़ेंगे, फिर भी मोदी बन पायेंगे या नहीं, कुछ कहा नहीं जा सकता।

सूत्र बताते है कि कार्यकर्ता अभिनन्दन समारोह नामक इस कार्यक्रम में एक भी कार्यकर्ता को मंच पर बुलाकर, उनके बेहतर कार्यों के लिए सम्मानित नहीं किया गया, उलटे उन्हें तीन बजे बुलाकर बैठा दिया गया और कार्यक्रम ढाई घंटे बाद यानी साढ़े पांच बजे शुरु किया गया तथा भोजन साढ़े सात बजे दिया गया, कार्यकर्ताओं  का कहना था कि वे झारखण्ड के दूर कोने से आये हैं, और कार्यक्रम इस प्रकार आयोजित होगा, तब तो ऐसे कार्यक्रम में आने के लिए दस बार सोचेंगे। एक कार्यकर्ता ने विद्रोही24.कॉम को बताया कि मोदी जी के कारण लोगों ने 12 सीट भाजपा को थमा दिया, ये रघुवर दास  के नाम पर तो विधानसभा में जनता एक सीट भी नहीं देगी, इसलिए विधानसभा में भी मोदी जी को ही कुछ करना होगा, नहीं तो झारखण्ड में भाजपा का पुनरागमन सब लोग भूल ही जाये।