CM के PRO अजय नाथ झा ने नहीं दिया विभागीय कारण बताओ नोटिस का जवाब

तो क्या मुख्यमंत्री के पीआरओ अजय नाथ झा ने बिना सीएम के बोले ही न्यूज बना दिया था? क्या कोई भी पीआरओ सीएम का झूठा वक्तव्य, जो सीएम ने दिये नहीं हो, अखबारों में प्रकाशित करा सकता हैं?  ऐसी हरकत तो वहीं कर सकता है, जो सीएम का इमेज खराब करना चाहता हो। फिलहाल झारखण्ड में यहीं हो रहा हैं, यहीं कारण है कि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार ने मुख्यमंत्री के पीआरओ अजय नाथ झा को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। आश्चर्य इस बात की भी है कि एक महीने बीतने को आये पर अजय नाथ झा ने इस कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया हैं।

सीएस ने दुमका से रांची स्थानांतरित कराया था अजय को

सूत्र बताते है कि अजय नाथ झा पर मुख्य सचिव राजबाला वर्मा की कृपा बरसती है। मुख्य सचिव राजबाला वर्मा की कृपा पर ही, अजय नाथ झा को दुमका से रांची लाया गया था और इन्हें सीएम का पीआरओ बनाया गया था। अजय नाथ झा, सीएम के पीआरओ बन तो गये, पर सीएम के लिए जी का जंजाल ही साबित हुए।

नो इंट्री पर सीएम द्वारा दिये गये बयान पर हुआ था बवाल

गत 27 अक्टूबर को जब सीएम जमशेदपुर में ठहरे हुए थे। तब उन्होंने जमशेदपुर और रांची की सड़कों पर नो इंट्री को लेकर बयान दिया था, जिसको लेकर काफी गहमागहमी हुई। 28 अक्टूबर को सीएम के हवाले से व्हाट्सएप ग्रुप पर पुनः एक मैसेज प्रसारित कराया गया, कि सीएम रघुवर दास ने नो इंट्री से संबंधित कोई बात नहीं की थी, जिससे कई अखबारों और चैनलों ने प्रकाशित कर दिया और स्वयं झूठे बन गये, पर सच्चाई यह थी कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 27 अक्टूबर को नो इंट्री से संबंधित बयान दिया था, जिसका विजूयल सभी के पास है, और उस विजूयल को विद्रोही 24. कॉम ने भी दिखाया था।

इधर बताया जाता है कि अजय नाथ झा ने खुद से ही 28 अक्टूबर को ये बयान व्हाट्सएप ग्रुप पर प्रसारित कर दिया कि सीएम ने ऐसा कुछ नहीं कहा, जिसको लेकर सीएम रघुवर दास ने अजय नाथ झा को बुलाकर कड़ी डांट पिलाई, तथा अपने प्रधान सचिव से इनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था, जिस पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार ने अजय नाथ झा को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया, पर एक महीने बीतने को आये, अजय नाथ झा ने कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया।

सूत्र बताते है कि अजय नाथ झा, वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। सूत्रों का कहना है कि अजय नाथ झा पर जब मुख्य सचिव राजबाला वर्मा की ही कृपा है और जब सीएम रघुवर दास, राजबाला वर्मा के खिलाफ जा नहीं सकते, ऐसे में अजय नाथ झा कारण बताओ नोटिस का जवाब क्यों देंगे?

राज्य में शासन कौन चला रहा – मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव?

इधर अजय नाथ झा को आईएएस में पदोन्नति देने का कार्य भी शुरु कर दिया गया है, जिसमें स्वयं मुख्य सचिव राजबाला वर्मा रुचि ले रही हैं, बताया जाता है कि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग से चार लोगों का नाम आईएएस में पदोन्नति के लिए गया था, पर तीन के नाम काट कर अजय नाथ झा का नाम शामिल किया गया। अब यहां कार्य कर रहे लोगों को ये समझ नहीं आ रहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री अजय नाथ झा का क्लास लेते है, उस पर कार्रवाई करने के लिए अपने प्रधान सचिव को आदेश देते हैं और दूसरी तरफ उसे आईएएस में पदोन्नति देने के लिए मुख्य सचिव तैयार बैठी है, तो फिर ऐसे में राज्य में शासन कौन चला रहा है, मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव।