देश व राज्य में मजदूरों की दुर्दशा देख वामदलों ने पूरे राज्य भर में मनाया शोक व धिक्कार दिवस, केन्द्र/राज्य को चेताया

प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के दौरान महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुई ट्रेन दुर्घटना में श्रमिकों की मौत, विशाखापट्टनम गैसकांड में दर्जनों मजदूरों की मौत, राज्य सरकारों के द्वारा मजदूरों के साथ की जा रही अमानवीय यातना के खिलाफ वाम दलों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज राज्य भर में शोक एवं धिक्कार दिवस मनाया। कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी, काले झंडे और तख्तियां लेकर धरना-प्रदर्शन आयोजित किया।

भाकपा माले और ऐक्टू ने सभी जिलों में इस कार्यक्रम को आयोजित किया था। लॉकडाउन के कारण कार्यक्रम सार्वजानिक स्थानों के बजाय कार्यकर्ताओं ने अपने गांवों, मुहल्लों और घरों में किया। कार्यक्रम के पूर्व लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन दुर्घटना, विशाखापटनम गैसकांड से लेकर पैदल अपने घर आ रहे उन सभी मजदूरों को श्रद्धांजलि दिया गया जिनकी मौत भूख, बीमारी या दुर्घटनाओं में हुई है।

पार्टी राज्य कार्यालय में नेताओं ने काली पट्टी और तख्तियां लेकर विरोध किया। हरमू मजदूर मैदान में ऐक्टू से जुड़े निर्माण मजदूरों ने शारीरिक दुरी रखते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबजी की। इस मौके पर उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राज्यसचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा कि बिना योजना के लॉकडाउन लगाकर मजदूरों को मरने के लिए विवश कर दिया गया है। केंद्र सरकार अपनी नाकामी छुपाने के बजाय दुर्घटना में मरे मजदूरों की जिम्मेदारी कबुल करें।

उन्होंने कहा कि देश में जो हालत है गरीब कोरोना से बच भी जाये तो भूख से बचना मुश्किल है। निर्माण मजदूरों को संबोधित करते हुए ऐक्टू सचिव भुवनेश्वर केवट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का दावा खोखला साबित हुआ है। 12 घंटे काम का प्रस्ताव लाकर मजदूरों को गुलाम बनाने की साजिश का मुहतोड़ जवाब दिया जायेगा, भाकपा माले, माकपा, भाकपा, मासस समेत वामदलों के द्वारा पुरे राज्य भर में दो सौ से अधिक स्थानों में विरोध कार्यक्रम किया गया।

भाकपा माले राज्य कार्यालय कालीस्थान रोड रांची में कार्यक्रम में शुभेंदु सेन, मोहन दत्ता भुवनेश्वर केवट, सोहेल अंसारी, तरुण कूमार, अविनाश रंजन, आयति तिर्की आदि उपस्थित रहे,  हरमू में राजकुमार लोहार, राजु लोहरा, विजय राम, रजिया खातून, मंजू, कोकर में भीम साहू एवं टिंकू साव आदि मुख्यरूप से उपस्थित थे।