अपनी बात

संजय सेठ ने की पहल, छोटे स्कूल वैन पर प्रतिबंध समाप्त, रांची के हजारों बच्चें आज नहीं जा सकें स्कूल

रांची में आज हजारों स्कूली बच्चें अपनेअपने स्कूल जाने से वंचित रह गये, क्योंकि उन्हें स्कूल ले जाने के लिए आनेवाले छोटे स्कूली वैन आये ही नहीं, इधर छोटे स्कूली वैन के नहीं आने से इनके अभिभावक भी दिन भर परेशान रहे, उनके सामने चिन्ता इस बात की थी कि जहां उनका घर हैं, वहां बड़ी बसें नहीं सकती और जहां बसे आती हैं, वहां से लेकर उनके घर की दूरी दो से तीन किलोमीटर है, ऐसे में वहां तक उनके बच्चे जायेंगे कैसे?

दूसरी बात ये कि बहुत सारे स्कूली बच्चों के घर में केवल महिलाएं हैं, और पुरुष दूसरे स्थानों में नौकरीपेशा में लगे हैं, ऐसे में बच्चों को सबेरे तैयार करना और फिर दो से तीन किलोमीटर तक उन्हें बस पकड़ाने के लिए ले जाने में काफी दिक्कतों का सामना करने का दौर उनके सामने उपस्थित था, ऐसे में मातापिता बच्चों को पढ़ाएं या स्कूल से नाम कटाएं, ये धर्मसंकट से गुजर रहे थे।

इधर जिला प्रशासन ने छोटे वाहनों से बच्चों को स्कूल छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था, ये प्रतिबंध लगाने का सुंदर विचार किस महापुरुष ने जिला प्रशासन को दिया, ये भगवान ही जानें, पर इस प्रकार के प्रतिबंध ने जिला प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न जरुर लगाकर खड़ा कर दिया। आमतौर पर जिला प्रशासन नागरिकों को सुविधाएं कैसे मिले, इस पर काम करता है, पर यहां तो नागरिकों को कैसे कष्ट प्राप्त हो, इस पर लगता है कि रांची जिला प्रशासन ज्यादा काम कर रहा हैं।

लोग बताते है कि जब इसकी जानकारी सांसद संजय सेठ को मिली तो उन्होंने इस पर पहल करना शुरु किया, तथा रांची एसएसपी अनीश गुप्ता और एसपी हरिलाल चौहान से फोन पर बात की, बातचीत के बाद तुरंत ही समस्या का हल निकला और छोटे स्कूली वाहनों से बच्चों को स्कूल ले जाने पर लगे प्रतिबंध को वापस ले लिया गया।

इधर सांसद संजय सेठ ने सभी छोटे वाहन मालिकों से अनुरोध भी किया कि वे अपनी  हड़ताल समाप्त करें तथा बच्चों को स्कूल ले जाने और उन्हें वापस घर तक लाने में अपनी भूमिका निभाएं, प्रशासन की ओर से अब कोई दिक्कतें नही आने जा रही, माना जा रहा है कि अब कल से छोटे स्कूली वाहनों से बच्चे अब स्कूल जा सकेंगे, तथा उनकी समस्या सदा के लिए समाप्त हो गई।