आये दिन पत्रकारिता की आड़ में तथ्यों से परे जाकर चारित्रिक हनन की जो परम्परा चल पड़ी हैं, उसकी जितनी निन्दा की जाय कम है, क्योंकि पत्रकारिता में किसी भी व्यक्ति विशेष के चरित्र हनन करने के प्रयास करने से जुड़े समाचार का कोई स्थान नहीं हैं, अगर कोई ऐसा करता है तो वह पत्रकारिता के मूल्यों का हनन कर रहा होता है।
कुछ दिन पहले साप्ताहिक अखबार बिरसा टाइम्स द्वारा आइपीआरडी में कार्यरत एक महिला अधिकारी का चरित्र हनन करने का प्रयास इसी श्रेणी में आता है। द रांची प्रेस क्लब इस घटना की कड़ी निन्दा करता है। इस मामले की गंभीरता को समझते हुए गुरुवार को क्लब का एक प्रतिनिधिमंडल आइपीआरडी जाकर उक्त महिला अधिकारी से मुलाकात की और उनके साथ घटी इस घटना पर अफसोस जताया।
रांची प्रेस क्लब ने उम्मीद जतायी कि रांची के सारे पत्रकार, इस प्रकार के समाचार से दूरी बनायेंगे, ताकि भविष्य में कभी भी पत्रकार समाज पर अंगूली न उठ सकें। रांची प्रेस क्लब ने सचिव जावेद अख्तर के माध्यम से एक प्रेस विज्ञप्ति भी आज जारी कर दी। इधर उक्त महिला अधिकारी ने अपने सक्षम पदाधिकारियों को आवेदन देकर, बिरसा टाइम्स के खिलाफ कानूनी लड़ाई प्रारम्भ करने के लिए अनुमति मांगी है। सूत्र बता रहे है कि उक्त महिला अधिकारी इस बार बिरसा टाइम्स के इस गंदी हरकतों को क्षमा करने के मूड में नहीं है।
सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के निदेशक राजीव लोचन बख्शी से जब विद्रोही24 ने इस संबंध में बातचीत की तब उनका कहना था कि बिरसा टाइम्स के इस हरकत को किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं ठहराया जा सकता, उनके पास बिरसा टाइम्स के खिलाफ आवेदन पहुंचा हैं, उन्होंने आगे की प्रक्रिया के लिए उक्त फाइल को अपने वरीय अधिकारियों को अग्रसारित कर दिया है।