अपराध

रांची जिला प्रशासन हिंदपीढ़ी में कानून का शासन स्थापित करेगा या कानून का उल्लंघन करनेवालों का ही वहां बोलबाला रहेगा

जिला प्रशासन, रांची के हिंदपीढ़ी में कानून तोड़नेवालों पर शिकंजा भी कसेगा या उसकी चेतावनी एक बार फिर टांय-टांय फिस्स हो जायेगी। यह मैं इसलिए लिख रहा हूं कि हिंदपीढ़ी में कोरोना पाजिटिव लोगों की संख्या अब एक से दो हो गई। दुसरी ओर इन इलाकों में जो स्वास्थ्यकर्मी काम कर रहे हैं या सफाईकर्मी काम कर रहे हैं, उनके साथ वहां के लोग मारपीट भी कर रहे हैं, साथ ही बदसलूकी भी कर रहे हैं।

जिसके कारण सफाईकर्मी हड़ताल पर भी चले गये, लेकिन उन लोगों पर कार्रवाई नहीं हुआ, जिन्होंने स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया, तथा स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बदसलूकी और सफाइकर्मियों के साथ मारपीट किया। आखिर ये सब माजरा क्या है? क्या राज्य सरकार ने आदेश दे रखा है कि हिंदपीढ़ी में जो भी कुछ लोग करें, उनके साथ सख्ती से पेश नहीं आया जाये।

क्या रांची के हिंदपीढ़ी में देश का कानून लागू नहीं होता। बुद्धिजीवियों की मानें, तो रांची जिला प्रशासन ने रांचीवासियों का विश्वास खुद ही खो दिया है, क्योंकि सभी का यही कहना है कि आखिर वह कौन सी मजबूरियां है कि हिंदपीढ़ी जाते-जाते रांची जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन मौनव्रत धारण कर लेती है। रांची जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ये क्यों नहीं समझता कि कोरोना कोई साधारण वायरस नहीं हैं, वह पूरे इलाके के नागरिकों को अपने चपेट में ले सकती हैं, ऐसे में तो हिंदपीढ़ी के अस्तित्व को ही खतरा हैं।

कुछ लोगों की हठधर्मिता के कारण या कुछ लोगों की गलतियों के कारण, आप पूरे हिंदपीढ़ी को खतरे में नहीं डाल सकते। कुछ लोग तो यह भी कहते है कि जल्द ही हिंदपीढ़ी तक इस कोरोना को सीमित नहीं किया गया तो यह महामारी रांची के दूसरे इलाकों में भी फैल सकती हैं, इसलिए यहां कानून का पालन सख्ती से कराना ही होगा।

इधर आज एक बार फिर रांची के उपायुक्त और एसएसपी ने संयुक्त रुप से प्रेस कांफ्रेस कर संवाददाताओं को बताया कि हिंदपीढ़ी में कोरोना पाजिटिव का एक और संक्रमित व्यक्ति पाया गया। जिसकी वजह से हिंदपीढ़ी का पूरा इलाका 72 घंटे के लिए सील कर दिया गया है। इस दौरान जरुरत के सामान वॉलिन्टियर्स के माध्यम से सभी जगह पहुंचाये जायेंगे। जो बाहर निकलेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।

जो बिना अनुमति के अपने वाहन निकालेगा, उसका वाहन जब्त कर लिया जायेगा, अगर कोई बाहर पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सुंसगत धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई करते हुए जेल भी भेजा जायेगा। ऐसे में जो लोग बीमार है, वे खुद बाहर आ जाये, ताकि उनकी जांच हो सकें, तथा संक्रमण से लोगों को बचाया जा सकें, अब सवाल फिर भी वहीं है कि क्या कानून तोड़नेवालों पर जिला प्रशासन शिकंजा भी कसेगा, या ये खेल इसी तरह चलता रहेगा।