राजनीति

राम टहल ने कहा कि हमको कौन फंसायेगा? जो खुद डूबे हैं, वे क्या हमारी जांच करायेंगे, BJP से खुद को किया किनारा

राम टहल को जो फंसाने की कोशिश करेगा, वो खुद फंस जायेगा, क्योंकि हमने जीवन में कोई गलत काम नहीं किया, चोरी नहीं किया, ईमानदारी से काम किया, यही हमारी पूंजी है, जो खुद अपने डूबे हैं, वो क्या हमारी जांच करायेंगे? ये बोल है रांची के निवर्तमान सांसद राम टहल चौधरी के, जिसे इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया और वे निर्दलीय चुनाव लड़ने का मूड बना लिये है, हालांकि भाजपा के लोगों ने मनाने की इन्हें कोशिश की, खुद भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ उनसे मिले और आशीर्वाद मांगा, पर राम टहल चौधरी ने आखिरकार भाजपा से बगावत कर दी और अपना इस्तीफा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को भेज दिया।

इधर गंगा आश्रम में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में राम टहल चौधरी ने साफ कहा कि चूंकि वे हमेशा सत्य के पक्षधर रहे, गलत को गलत तथा सही को सही कहा, जिसके कारण भाजपा में एक ऐसा वर्ग पनपा जो उनके खिलाफ हो गया, उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर भी अपनी भड़ास निकाली। उनका कहना था कि पारा टीचर का मामला हो, या स्थानीय नीति का, या स्थानीय बेरोजगारों की नियुक्ति का ही मामला क्यों न हो, हमने सत्य का साथ दिया, जो राज्य सरकार और उनके विरोधियों को अच्छा नहीं लगा। जिसका परिणाम सामने है कि हमेशा भाजपा के साथ रहनेवाला राम टहल चौधरी को भाजपा ने टिकट ही नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि वे निर्दलीय ताल ठोंकेंगे, रांची से ही चुनाव लड़ेंगे और अपनी विजय सुनिश्चित करेंगे। राम टहल चौधरी के प्रेस कांफ्रेस में आज जरुरत से ज्यादा पत्रकार भी दीखे, चूंकि चुनाव का माहौल है, ऐसा अभी हर जगह दीखेगा। संवाददाताओं की भारी भीड़ देख रामटहल चौधरी गदगद दीखे और पत्रकार भी यहां भोज-भात की अच्छी व्यवस्था देख, परमानन्दित थे।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि रामटहल चौधरी जीतेंगे तो नहीं, पर वोट काटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे, चूंकि वे भाजपा से पूर्व में प्रत्याशी रहे हैं, इसलिए नुकसान भाजपा का ही होगा, भाजपा को चाहिए कि इसका विकल्प तलाशें। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि चूंकि सिल्ली तथा रांची के ओरमांझी के कुछ इलाकों में राम टहल चौधरी का प्रभाव माना जाता है, साथ ही चूंकि वे कुर्मी समुदाय से आते है, तो उनके समाज के लोगों पर इसका प्रभाव दीखेगा, हो सकता है कि इनके समुदाय के लोग भाजपा से खीझ कर, कांग्रेस के समर्थन में आ धमके, अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस के लिए यह लाभकारी हो जायेगा।

हालांकि जैसे ही रामटहल चौधरी का भाजपा से अलग होने का पत्र भाजपा कार्यकर्ताओं को मिला, ज्यादातर भाजपाइयों में निराशा के भाव जग गये, कई ने इस पत्र को सोशल साइट पर वायरल किया तथा इसे भाजपा के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया, कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से अपील की कि वे इस मुद्दे को लाइटली न लें, इसे गंभीरता से लें तथा रामटहल चौधरी को मनाने का कार्य करें, क्योंकि उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता, उन्होंने हमेशा से ही भाजपा को मजबूत करने में अपनी भूमिका का निर्वहण किया है।