भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री राम लाल ने नहीं दिया पुराने भाजपा कार्यकर्ताओं को सम्मान

एक समय था, भाजपा का कार्यकर्ता होना गर्व की बात होती थी, भाजपा के शीर्षस्थ नेता हो या सामान्य कार्यकर्ता दोनों में चरित्र कूट-कूट कर भरा होता था, यहीं कारण था कि आम जनता भी पूर्व में जनसंघ व बाद में भाजपा नाम से जानी जानेवाली नेताओं व कार्यकर्ताओं का बड़ा सम्मान करती थी। समय बदला, भाजपा बदली, शीर्षस्थ नेता बदले और उसका प्रभाव यह दिखा कि आज के कार्यकर्ता भी बदल गये, आज का शीर्षस्थ नेतृत्व, अपने पुराने कार्यकर्ता, जिन्होंने विकट समय में पार्टी को खड़ा किया, जनता में पहचान कराई, उन्हें वह पूरी तरह से भूल गई है।

अब वह उन्हें याद करना नहीं चाहती, उनके नजरों में ये लोग आउटडेटेड हो चुके हैं, जो पार्टी के लिए उपयोगी नहीं हैं, तभी तो राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल पिछले तीन दिनों से झारखण्ड में डेरा डंडा डाले हुए हैं, भाजपा के पंचसितारा होटल यानी भाजपा कार्यालय में जमें हुए हैं, उन्होंने भाजपा से जुड़े सभी इकाइयों से बातचीत की हैं, रघुवर परिक्रमा किया हैं, पर उन पुराने कार्यकर्ताओं को याद नहीं किया, जिन्होंने अपने खून-पसीने से पार्टी को खड़ा किया, अगर ये चाहते तो इन पुराने कार्यकर्ताओं को अलग से बुलाकर एक बैठक अवश्य कर सकते थे, तथा उनसे पार्टी की मजबूती के लिए राय अवश्य ले सकते थे, पर राम लाल ने शायद इसकी जरुरत नहीं समझी।

ऐसे भी राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल पिछले तीन सालों के बाद पहली बार रांची आये है तथा इस प्रकार की बैठक उन्होंने आयोजित कराई, रघुवर परिक्रमा किया, ऐसे भी न तो इन्हें कोई झारखण्ड का भाजपा कार्यकर्ता जानता हैं और न ही वे खुद यहां के किसी जमीनी स्तर के नेता व कार्यकर्ता को जानते हैं,  इसलिए रघुवर परिक्रमा के सिवा, इन्हें कुछ आया भी नहीं।

एक समय था, जब पार्टी, संगठन को मजबूत बनाने के लिए झारखण्ड में कैलाशपति मिश्र, संजय जोशी, गोविन्दाचार्य, देवदास आप्टे, अश्विनी कुमार, सरयू राय आदि नेताओं का दौरा हुआ करता था, ये सारे के सारे नेता संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए, एक-एक कार्यकर्ता से मिला करते, वे उनके घरों में जाकर भोजन करते, उनसे मेल-जोल बढ़ाते, पर अब ये भाजपा का कल्चर समाप्त हो चुका है, आज वे पुराने नेता अपने-अपने घरों में कैद रहे, पर रामलाल ने इन पुराने नेताओं से मिलने में रुचि नहीं दिखाई।

पुराने नेताओं व कार्यकर्ताओं के इस अपमान को देखकर एक भाजपा नेता ने क्रुद्ध होकर कहा कि एक ओर राम लाल बतौर जुमला कहते हैं कि “कांग्रेस इज ए फैमिली पार्टी, बीजेपी इज ए फैमिलियर पार्टी”, पर ये जुमला कहीं से भी भाजपा में आज देखने को नहीं मिला, इसलिए आज भाजपा कार्यकर्ताओं का मन टूट चुका है, कल के संगठन मंत्री भाजपा कार्यकर्ताओं को लाठी से नहीं हांका करते थे, पर आज कार्यकर्तांओं को लाठी से हांका जा रहा हैं, जो गलत है, ऐसे में एक-एक भाजपा कार्यकर्ता, भाजपा को बद्दुआ दे रहा हैं, शाप दे रहा हैं।

आज भाजपा शापित पार्टी हो गई है, ऐसे में यह लोकसभा की 14 सीट और विधानसभा की 81 सीटों पर ये सफलता प्राप्त करेगी, ये दिवास्वप्न देखना भाजपा जितनी जल्दी भूल जाये, उतना ही ठीक रहेगा, क्योंकि आनेवाले समय में भाजपा को एक-एक सीट के लिए नाक रगड़ना पड़ेगा और ये सीट उसे नसीब तक नहीं होगी, यानी भाजपा “पुनर्मूषिको भव” की स्थिति में आ गई हैं, अब इसे भगवान भी नहीं बचा सकते।