पाक के खिलाफ त्वरित एक्शन, पर चीन को सबक सिखाने में पसीने छूटने लगते हैं हमारे नेताओं को

जब चिर-परिचित शत्रु पाकिस्तान की आर्थिक रीढ़ तोड़ने के लिए वहां से आनेवाले सामग्रियों पर 200 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाया जा सकता है तो चीन की आर्थिक रीढ़ तोड़ने के लिए हम वहां से आनेवाली वस्तुओं पर 500 प्रतिशत सीमा शुल्क क्यों नहीं लगा सकते? आखिर वो कौन सी वजह है कि चीन ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ता, जिस मौके पर भारत को नीचा नहीं दिखाया जाय, उस चीन को उसी के भाषा में जवाब देने के लिए हमारे पास इच्छाशक्ति का अभाव क्यों हैं?

मानलिया कि हमारी सरकार की कुछ मजबूरियां होंगी, और उस मजबूरी के चलते चीन के खिलाफ कुछ कदम उठाने में भारत सरकार पीछे हट रही होगी, पर आनेवाले भविष्य में हम चीन को उसकी औकात बता सकें, इसके लिए हमारी केन्द्र व राज्य की सरकार योजना क्यों नहीं बनाती और उस पर काम क्यों नहीं करती?

आखिर वह कौन सी वजह हैं, कि झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों व मंत्रियों के साथ चीन की यात्रा करते हैं, सेल्फी लेते हैं, विभिन्न मुद्राओं में फोटो खिंचवाते हैं, चीन की विभिन्न शहरों की यात्रा करते हैं, वहां के प्रतिनिधिमंडल से बात करते हैं, रांची के एक खास इलाके में शंघाई टावर बनाने का सपना देखते हैं? चीन से जब कोई प्रतिनिधिमंडल आता हैं तो उसका भगवान की तरह स्वागत करते हैं?

अरे भाजपाइयों, नेताओं व मंत्रियों कम से कम अपने ही नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी जिनकी आप रट लगाते हो, जरा चीन के मामले में संसद में दिया गया भाषण तो पढ़ लो। पढ़ लो महान समाजवादी चिन्तक राम मनोहर लोहिया के विचार, और अगर उन तक नहीं पहुंच सको, तो कम से कम वर्तमान में आपके घुर-विरोधी रहे नेता मुलायम सिंह यादव का समय-समय पर चीन के खिलाफ दिया गया संसद में भाषण तो सुन लो। पर आपको इन सब पर ध्यान कहां?

वर्तमान जो भारत की स्थिति है। उसका स्थिति यह है कि 70 सालों में हमारे देश के नेताओं ने भारत के युवाओं के अंदर से देशभक्ति और स्वाभिमान को सदा के लिए समाप्त कर दिया, जिसका परिणाम यह है कि चीन कुछ ही सालों में अमरीका को टक्कर दे रहा हैं और हम ले-देकर पाकिस्तान से खुद की तुलना करके श्रेष्ठता के अहं में डूबे रहते हैं, जबकि पाकिस्तान वर्तमान में कंगाली की दौर से गुजर रहा है।

खुशी इस बात की है कि ऐसे दौर में जबकि चीन ने हमें एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र संघ में कश्मीर के मुद्दे पर नीचा दिखाने की कोशिश की, खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रविवार को चीन के सामानों का बहिष्कार करने का आह्वान किया। संगठन ने चीन के सामानों पर 500 प्रतिशत तक सीमा शुल्क लगाने की सरकार से मांग भी की। कैट ने यह मांग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में चीन के द्वारा पाकिस्तान का समर्थन किये जाने को लेकर यह अपील की। कैट का कहना था कि चीन ने ऐसा कर सिद्ध कर दिया कि वह भारत का संभावित दुश्मन है।

कैट ने यह भी कहा कि जब तक चीन के सामग्रियों का हम बहिष्कार नहीं करेंगे, तब तक उसे पाकिस्तान का समर्थन करने के खामियाजे का ऐहसास नहीं होगा। कैट जल्द ही इस मुद्दे पर आगामी 29 अगस्त को सभी राज्य के कारोबारियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में इस बात को लेकर चर्चा करेगा, साथ ही कैट ने एक सितम्बर से चीन के सामानों के बहिष्कार करने के लिए राष्ट्रीय मुहिम शुरु करने की भी घोषणा कर दी है।