अपनी बात

होनहार CM रघुवर द्वारा परचून-किराना दुकानों में भी दारु बिक्री के प्रस्ताव पर, पियक्कड़ों में खुशी की लहर

रांची से प्रकाशित एक अखबार में जैसे ही यह खबर प्रकाशित हुई है, कि अब राज्य के सभी शहरी इलाकों कस्बों के परचून या किराना दुकान में राज्य की सबसे होनहार मानी जानेवाली रघुवर सरकार ने दारु बेचने का लाइसेंस देने के प्रस्ताव पर काम करना शुरु कर दिया हैं। सच पूछिये राज्य के पियक्कड़ों में खुशी का माहौल है, पियक्कड़ों का कहना है कि इसे कहते हैं सरकार, जो हर वर्ग का ख्याल रखे। 

आज तक जितनी भी सरकार हुई, वो सिर्फ पियक्कड़ों को छोड़कर, बाकी वर्गों पर ही ध्यान दी, आज पहली बार झारखण्ड में ऐसी सरकार है, जो परचून किराना दुकानों में भी दारु बिके, इसके लिए व्यापक रुप से सोच रही हैं, राज्य की ऐसी सरकार को सार्वजनिक तौर पर अभिनन्दन करना चाहिए।

परचून दुकानों किराना दुकानों पर जब दारुशराब बिकेंगे तो समाज ज्यादा विकसित होगा, आपस में समन्वय बनेगा, प्रेम प्रगाढ़ होगा, क्योंकि सुप्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन ने मधुशाला में जो दारु की प्रशंसा की है, वह आज तक किसी ने नहीं की, शायद लगता है कि इसी के प्रभाव में आकर राज्य के मुख्यमंत्री और उनके अधिकारियों ने राज्य के शहरी इलाकों में परचून किराना दुकानों में भी दारु बिके, इसके लिए दिमाग लगाना शुरु कर दिया है।

अखबार ने बड़ी ही सुंदर हेडिंग दी है, हेडिंग है अब झारखण्ड की किराना दुकानों में भी शराब बेचने का प्रस्ताव अंदर में बड़े ही विस्तार से चर्चा भी की गई है। अखबार ने लिखा है कि उत्पाद विभाग राज्य के छोटे शहरों कस्बों की किराना दुकानों में भी शराब बेचना चाहती है, इसके लिए झारखण्ड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री हेतु दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली 2018 के नियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव बनाया गया है। प्रस्ताव को कैबिनेट में भेजने से पूर्व मुख्यमंत्री की स्वीकृति के लिए भेजा गया था।

मुख्यमंत्री सचिवालय ने नगर पर्षद एवं नगर पंचायतों की किराना दुकानों में शराब बेचने की आवश्यकता की समीक्षा करते हुए फिर से प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया है। ज्ञातव्य है कि उत्पाद विभाग, राज्य के अब तक के होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास ही है।राजनीतिक पंडितों का कहना है कि एक हमारा पड़ोसी राज्य बिहार हैं, जहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, वहां की महिलाओं की चिरप्रतीक्षित मांग को मंजूर करते हुए पूरे बिहार में दारु बंदी करवा दी, और एक झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास है, जो राज्य के छोटेछोटे शहरोकस्बों तक परचून किराना दुकानों में भी दारु बिके, इसके लिए दिमाग लगा रहे हैं।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि हो सकता है कि राज्य के होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास, आगामी तीन महीनों के बाद होनेवाले राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारी में लग गये हो, वे चाहते हो कि दारु की बिक्री सर्वसुलभ होने से दारु जनजन तक पहुंचेगा और इसका लाभ राज्य की भाजपा सरकार को मिलेगा। 

पर जानकार यह भी कहते है कि अगर इस बिक्री से झारखण्ड की महिला वर्ग बिफरी तो रघुवर दास के लेने के देने भी पड़ जायेंगे, क्योंकि कुछ महीने पहले एक जनसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास से एक महिला ने राज्य में दारु की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने को कहा था, जिस पर रघुवर दास ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि जो आपलोग सोचते है कि बिहार में दारु बंद हो गया, वैसा नहीं है, अब वो दारु आराम से घर तक पहुंच रहा है।

इस बयान को लेकर महिलाओं में काफी आक्रोश भी देखा गया था। महिला जान चुकी थी कि मुख्यमंत्री रघुवर दास से दारु पर प्रतिबंध संभव नहीं, और आज अखबार में छपी इस समाचार ने राज्य की महिलाओं उन परिवारों के रोंगटे खड़े कर दिये हैं, जो दारु की वजह से अपना घरपरिवार बर्बाद कर चुके हैं या तबाही के कगार पर हैं, क्योंकि अब परचून किराना दुकानों पर भी जब दारु उपलब्ध होगा, तो कस्बोंपंचायतों की क्या हाल होगी? इसका अभी से अंदाजा लगाया जा सकता है।

ज्ञातव्य है कि राज्य में दिशोम गुरु के नाम से प्रसिद्ध झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन शुरु से ही दारुशराब के विरोध में रहे हैं, और आम लोगों से इस बुराई से दूर रहने को विनती करते रहे हैं, पर भाजपा के रघुवर सरकार द्वारा इस प्लान ने निःसंदेह उनकी भी नींद उड़ा दी होगी, जो झारखण्ड की उन्होंने कल्पना की होगी, कहीं वो झारखण्ड दारु के चक्कर में उड़ता झारखण्ड बन जाये, क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री तो हाथी उड़ाने के लिए भी जाने जाते हैं।