भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के खिलाफ झारखण्ड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर

झारखण्ड उच्च न्यायालय में आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर दिया गया। जनहित याचिका दायर करनेवाले व्यक्ति है दानयाल दानिश। दानिश का कहना है कि लक्ष्मण गिलुवा के नक्सलियों के साथ संबंध है, जिसकी जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) कर रही है। दानिश ने यह भी कहा कि लक्ष्मण गिलुवा का जिस नक्सली से संबंध है, उसका नाम है – रमाकांत पांडेय, जो नक्सलियों की ओर से लेवी वसूलने का काम करता है। दानिश ने कहा है कि रमाकांत पांडेय यह लेवी खनन उद्योग से जुड़े लोगों तथा चाईबासा के अन्य उद्योगपतियों से वसूलता है।

दानिश बताते है कि एनआइए का, रमाकांत पांडेय के साथ-साथ लक्ष्मण गिलुवा के गतिविधियों पर भी नजर है। इस संबंध में दानिश ने एक फोटोग्राफ भी उपलब्ध कराये हैं, जिसमें रमाकांत पांडेय और लक्ष्मण गिलुवा एक साथ बैठे हैं। दानिश का कहना है कि एनआईए को चाहिए कि वह रमाकांत पांडेय की कॉल डिटेल्स निकाले, सब पता चल जायेगा कि नक्सलियों के साथ इनके संबंध हैं या नहीं। दानिश ने जनहित याचिका में एक प्राथमिकी की प्रतिलिपि जो एनआइए द्वारा 16 फरवरी 2018 को दर्ज की गई है, उसे अदालत को प्रस्तुत किया है, साथ ही एक फोटो भी कोर्ट को दिया है, जिसमें लक्ष्मण गिलुवा और रमाकांत पांडेय एक साथ बैठे है।

झारखण्ड उच्च न्यायालय में लक्ष्मण गिलुवा के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने के बाद विद्रोही24.कॉम से बातचीत में दानयाल दानिश ने कहा कि चूंकि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बार-बार कहते हैं कि वे चाहते है कि देश नक्सल, आतंक व भ्रष्टाचार से मुक्त हो, ऐसे में जब इनके पार्टी के ही नेता नक्सलियों को सपोर्ट करेंगे तो फिर ये देश नक्सलवाद, आतंकवाद तथा भ्रष्टाचार से मुक्त कैसे होगा।

क्या ये सही नहीं कि सीआरपीएफ के 44 जवान जो पुलवामा में मारे गये, या जो कल ही छिंदवाड़ा में हमारे चार जवान मारे गये, ये सभी उन नेताओं-नक्सलियों-आतंकियों के राजनीतिक गठजोड़ के परिणाम है। यहीं नेता नक्सलियों के साथ मिलकर अपनी राजनीति चमकाते हैं, और फिर जब यही नक्सली किसी जवान की छाती में गोली मारते हैं, तो उनकी मौत पर ये घड़ियाली आंसू बहाने के लिए निकल पड़ते हैं, साथ ही कैंडल मार्च करने लगते है, आखिर ये डबल स्टैंडर्ड नहीं तो क्या है?

दानिश साफ कहते है कि ऐसे लोगों को तो चुनाव लड़ने पर रोक लगा देना चाहिए, पीएम मोदी को चाहिए कि ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से रोके। दानिश ने कहा कि ऐसे लोगों को तो प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और तब तक चुनाव नहीं लड़ने देना चाहिए, जब तक न्यायालय का इस मुद्दे पर आदेश नहीं आ जाता।

इधर लोकसभा चुनाव सर पर है, ऐसे मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा पर जनहित याचिका दायर हो जाना भाजपा के लिए शुभ नहीं माना जा रहा, चूंकि लक्ष्मण गिलुवा चाईबासा से भाजपा के उम्मीदवार भी है, ऐसे में ये मुद्दा विपक्षी दलों के द्वारा लोकसभा चुनाव में उठना लगभग तय है, अब इस जनहित याचिका का मुकाबला लक्ष्मण गिलुवा कैसे करते हैं तथा अपने विपक्षी दलों के नेताओं का इस मुद्दे पर कैसे जवाब देते है, फिलहाल सभी की नजर लक्ष्मण गिलुवा पर टिक गई है।