राजनीति

झारखण्ड में पुलिस अधिकारी भाजपा कार्यकर्ता के रुप में कर रहे काम, स्थिति गंभीर, EC संज्ञान लें – JMM

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज रांची में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश व राज्य में भाजपा की सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा को तार-तारकर के रख दिया है, ऐसे में यहां भयमुक्त व निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराना संभव नहीं है। उन्होंने अपनी बातों के पक्ष में कई उदाहरण दिये। उन्होंने कहा कि कल रांची विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में स्नातक/स्नातकोत्तर में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को डिग्रियां लेने के दौरान जो गाउन पहनाने गये, पगड़ियां पहनाई गई, वह किसी भी दृष्टिकोण से ठीक नहीं था।

उन्होंने कहा कि इस दीक्षांत समारोह में भाषण के दौरान कुलपति रमेश कुमार पांडेय ने यह कहा की “मैं भी चौकीदार हूं”। विद्यार्थियों के अभिभावक होने के अनुसार उन्होंने छात्र-छात्राओं से चौकीदार बनने की सलाह दे डाली, मतलब अब स्नातक/स्नातकोत्तर की डिग्रियां लेने के बाद बच्चों को सलाह दी गई कि वे चौकीदार बने, वह भी उस राज्य में जहां पिछले चार महीनों से चौकादारों को वेतन तक नहीं मिले हैं, जहां मुख्यमंत्री स्तर तक प्रताड़ित करने की श्रृंखला है।

जिस राज्य में थानों में घुसकर थानेदारों को हड़काया जाता है, उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। जहां भाजपाई नेता चौकीदारों से उलझ पड़ते हैं। जहां चौकीदारों को बेरहमी से पीटा जाता है। वह भी इसलिए कि वह राज्य का मूलवासी है, पिछड़े वर्ग से आता है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर किस आधार पर भाजपा कार्यालय में सुरक्षा के लिए सिपाहियों को तैनात करवाया गया, आम तौर पर अगर वहां कोई वीवीआइपी मूवमेंट होता हैं, और वहां सुरक्षा के लिए ऐसा किया जाता तो ठीक हैं, पर बिना किसी वीवीआइपी मूवमेंट के भाजपा कार्यालय में सिपाहियों की तैनाती, आखिर ये सब क्या है? इससे साफ पता लग जाता है कि यहां निष्पक्ष चुनाव कराना संभव नहीं।

आंध्र प्रदेश में वहां के एडीजीपी को दो दिनों के अंदर हटा दिया गया पर झारखण्ड में ऐसा क्यों नहीं?

उन्होंने यह भी कहा कि 2016 में  राज्यसभा चुनाव के दौरान हुई गड़बड़ियों पर स्वयं चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया तथा राज्य के तत्कालीन एडीजीपी को चुनाव कार्य से दूर रखने का आदेश राज्य सरकार को दिया था, पर यहां हो क्या रहा है, चुनाव आयोग के आदेश की ही अवहेलना कर दी जा रही है, बार-बार शिकायत करने के बाद भी उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, पुलिस अधीक्षकों को उनके गृह जिला में स्थानांतरित किया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर 23 मार्च को आंध्र प्रदेश की वाइएसआर की पार्टी चुनाव आयोग को वहां के चंद्र बाबू नायडू की सरकार के खिलाफ शिकायत करती हैं, और 25 मार्च को वहां अमल भी  हो जाता है, आंध्र प्रदेश के एडीजीपी जो इंटेलिजेस में थे, को हटा दिया जाता है, पर यहां के एडीजीपी आज भी अपने पद पर विद्यमान है, आंध्र प्रदेश के दो जिलों के एसपी का तबादला कर दिया जाता है, पर झारखण्ड में ऐसा देखने को नहीं मिल रहा।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले चार साल से डी के पांडेय पुलिस महानिदेशक पर विद्ममान है, पर उनका स्थानान्तरण नहीं किया गया, यानी यहां कोई बोलनेवाला नहीं, कोई रोकनेवाला नहीं, हमलोग इस पूरे मामले को लेकर कई बार शिकायत दर्ज कराने के बाद एक बार फिर आज चुनाव आयोग से मिले, और कहा कि जिस प्रकार की यहां स्थितियां परिस्थितियां हैं, यहां निष्पक्ष चुनाव कराना संभव नहीं, क्योंकि ये सभी पुलिस पदाधिकारी भाजपा कार्यकर्ता के रुप में काम कर रहे हैं, जो बहुत ही गंभीर मामला है।

उन्होंने यह भी कहा कि कल भाजपा का नया कार्यक्रम होनेवाला है, दिल्ली में बैठकर प्रधानमंत्री मोदी यहां के लोगों से बात करेंगे, इसके लिए बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाये गये है। झामुमो सवाल पूछना चाहता है कि प्रधानमंत्री बताएं, देश के युवाओं का रोजगार कहां है? नौकरियां कहां गई? महिलाओं की सुरक्षा का क्या हुआ? किसानों की समस्याओं का क्या हुआ? आखिर जिस राज्य सरकार ने रांची को ओडीएफ घोषित किया, उसी रांची में प्रातः समय में एक किशोरी के साथ शौच जाने के क्रम में दुष्कर्म कैसे हो जाता है?

“मैं भी चौकीदार हूं” नहीं दरअसल “चोर मचाए शोर” की भूमिका में हैं पीएम मोदी

उन्होंने कहा कि हमारे पीएम मोदी दरअसल चौकीदार की भूमिका में नहीं बल्कि ‘चोर मचाए शोर’ की मुद्रा में है। ये शत् प्रतिशत ‘चोर मचाए शोर’ वाली बात है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वे इन सारी मुद्दों पर किसी को छोड़ने नहीं जा रहे, वे रांची विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले को दर्ज करायेंगे। साथ ही साथ रांची पुलिस प्रशासन से मांग करते है कि जिस शिवपूजन यादव की भाजपा कार्यकर्ताओं ने पिटाई की, उस प्राथमिकी में धारा 307 भी जोड़े, क्योंकि उसकी हत्या करने का भी प्रयास किया गया। सीसीटीवी को खंगालकर दोषियों को दंडित किया जाय, उनकी तुरंत गिरफ्तारी हो, सुनने में आया है कि इस मामले में मुख्य अभियुक्त संथाल परगना का ही है, और आज संथाल परगना में सीएम रघुवर दास का कार्यक्रम भी।