अपनी बात

अगर आप धनबाद जा रहे हैं, तो धनबाद जं. की बाहरी दिवारों पर नजर दौड़ाना मत भूलिये

धनबाद जंक्शन, जगमग कर रहा है। इसकी खुबसुरती इन दिनों बढ़ सी गई है, अगर आप धनबाद में हैं, तो धनबाद जंक्शन पर उकेरी गई, कलाकृतियों को देख, आप ये कहना नहीं भूलेंगे – अरे वाह धनबाद। धनबाद जंक्शन की इस खुबसुरती पर चार चांद लगा हैं, उसके बाहरी दीवारों पर की गई सोहराई पेंटिंग से और इस सोहराई पेंटिंग को मूर्त्तरुप दे रही हैं जयश्री इंदवार और उनकी टीम ने।

ये वहीं जयश्री इंदवार हैं, जिनकी टीम ने पूरी रांची को सुंदर बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इनकी टीम में शामिल महिलाओं की हाथों में वह जादू हैं, जिसके जादू से कोई भी दीवार सुंदर दीखने से बच ही नहीं सकता, बस उन दीवारों पर इनकी टीम के हाथों के सिर्फ स्पर्श की जरुरत है।

कुछ दिन पहले धनबाद जंक्शन मैं गया और धनबाद जंक्शन की बाहरी दीवारों पर उकेरी गई उनकी टीम के हाथों से बनाई गई जादूई सोहराई कला को देखता रह गया, जयश्री इंदवार की इन कलाकृतियों को देख हमें आज से ठीक पन्द्रह-सोलह साल पहले गोमो में ही रह रहे एक रौशन कुमार नामक युवा की याद आ गई। ये वह लड़का था, जो अपने पैसे से, वहीं कार्यरत एक रेलवे चिकित्सक की मदद से गोमो जंक्शन के बाहरी दीवारों तथा अन्य पेंटिंग के द्वारा गोमो जंक्शन की खुबसुरती बढ़ा दिया करता था।

एक दिन जब पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक का धनबाद रेल मंडल में दौरा हुआ, तब उन्होंने गोमो जंक्शन में बने कलाकृतियों को देख बहुत ही आह्लादित हुए, उन्होंने तुरंत सवाल किया, ये कलाकृतियां किसने बनाई है?  जवाब मिला – रौशन ने। उन्होंने तुरंत रौशन को इसका इनाम दिया और आज रौशन रेलवे में नौकरी कर रहा है और उसकी जिंदगी बदल गई है, पर रौशन की जिंदगी तो बदल गई, पर गोमो जंक्शन उसके बाद से फिर कभी सुंदर नहीं लगा, क्योंकि रौशन के पास अब पेंटिंग करने तथा रौशन के अंदर छुपी इस प्रतिभा को किसी रेलवे पदाधिकारी ने पुनः प्रयोग करने के लिए दिलचस्पी नहीं दिखाई। ये कहानी उस वक्त की हैं, जब मैं धनबाद में ईटीवी को योगदान दे रहा था।

इधर धनबाद को पेंटिंग के माध्यम से जगमगाता देख, हमें वहीं आनन्द की अनुभूति हो रही हैं, जिस रेलवे पदाधिकारी ने यह निर्णय लिया और जिस भाव से जयश्री इंदवार और उनकी टीम ने धनबाद जंक्शन की खुबसुरती को बढ़ाया हैं, वह काबिले तारीफ हैं, एक बार फिर हम उन सभी का अभिनन्दन करते हैं, जिनके प्रयास से एक बेहतर काम यहां देखने को मिल रहा है।