पवन ने CM रघुवर और नगर विकास मंत्री सीपी सिंह की नींद उड़ाई, पवन को बैठाने का जिम्मा महेश पोद्दार को

रांची विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में खड़े पवन शर्मा ने राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं नगर विकास मंत्री सी पी सिंह की नींद उड़ा दी हैं, बताया जाता है कि सीएम रघुवर दास और नगर विकास मंत्री सी पी सिंह को इस बात का आभास हो गया है कि पवन शर्मा अगर अंतिम-अंतिम तक चुनाव लड़ जाते हैं तथा अच्छे ढंग से चुनाव प्रचार कर देते हैं, तो रांची सीट भाजपा के हाथों से फिसल सकती है।

इसी घबराहट में पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री रघुवर दास और नगर विकास मंत्री सी पी सिंह की नींद उड़ी हैं, सभी एकस्वर से भाजपा के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार को यह जिम्मेवारी दी है कि वे पवन शर्मा को किसी भी तरह मना लें कि वे चुनाव न लड़ें, ऐसे उनकी जो भी मांगे होगी, भविष्य में सत्ता आने पर भाजपा सरकार जरुर पूरी करेगी। सूत्र बता रहे है कि इन्ही बातों को लेकर आज भाजपा सांसद महेश पोद्दार के घर पर विशेष बैठक हो रही हैं।

इस बैठक में निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में खड़े पवन शर्मा को भी आमंत्रित किया गया हैं, साथ ही चैम्बर ऑफ कॉमर्स से जुड़े अन्य व्यवसायियों को भी आमंत्रित किया गया हैं। सूत्र बताते है कि पिछले कई वर्षों से अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बना रही चैम्बर को कभी भाव नहीं दिया गया, आज भी भाव नहीं दिया जाता, अगर हार की संभावना नहीं रहती, लेकिन ये हार की संभावना ने रघुवर सरकार और भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं की सारी हेकड़ी निकाल दी हैं।

बताया जाता है कि पवन शर्मा एक उम्मीदवार के रुप में सी पी सिंह से काफी बेहतर हैं, उनकी व्यवहार और बातचीत के सभी कायल हैं, तथा उनमें घमंड कही से नहीं दिखता, जबकि सीपी सिंह स्पीकर बनने के बाद नगर विकास मंत्रालय संभालते ही अपने व्यवहार में इस प्रकार का परिवर्तन लाये है कि लोग उनसे दूर होते चले गये, सच्चाई यह है कि आज सी पी सिंह जितना ठेकेदारों के बीच लोकप्रिय हैं, उतना अन्य के बीच नहीं।

सूत्र बताते है कि पवन शर्मा पूर्व में चैंबर के अध्यक्ष भी रह चुके हैं, और उनके साथ भाजपा और संघ का एक बड़ा तबका भी जुड़ा हुआ हैं, जो उन्हें पसन्द करता है, तथा इधर भाजपा यानी रघुवर सरकार के आने के बाद, जो भाजपा विधायकों एवं मंत्रियों में सहजता का भाव समाप्त हुआ हैं, उससे ये लोग ज्यादा खफा है, जिसको लेकर ही सबक सिखाने के लिए पवन शर्मा ने अपने मित्र-मंडलियों से बातचीत कर अपनी उम्मीदवारी ठोक दी, जिसको लेकर भाजपाइयों के हाथ-पांव फूल गये।

अब सवाल उठता है, सूत्र बता रहे हैं कि आज जो महेश पोद्दार के आवास पर, पवन शर्मा को किनारे करने के लिए बैठक बुलाई गई हैं, उन्हें बैठ जाने के लिए दिमाग लगाई जा रही हैं। क्या पवन शर्मा, महेश पोद्दार की बात मान लेंगे, वे भाजपा के आगे नतमस्तक हो जायेंगे, सूत्र बताते है कि अगर वे वैसा करते हैं, तो उनकी जिंदगी भर की कमाई यानी उनके व्यवहार-विश्वास पर ही बट्टा लग जायेगा।

अब ये पवन शर्मा के उपर है कि वे क्या निर्णय लेते हैं, हालांकि जो उनके सहयोगी और जो अन्य लोग हैं, वे आज भी उनके साथ मजबूती से खड़े हैं कि पवन शर्मा को लड़ना चाहिए, हार-जीत अलग बात हैं, हार-जीत कोई मायने नहीं रखता, पर स्वाभिमान भी कोई चीज होती है, अगर स्वाभिमान ही नहीं रहेगा तो फिर जीने से क्या फायदा, फिलहाल सभी की बैठक महेश पोद्दार के आवास पर चल रही बैठक पर हैं, कि पवन शर्मा झूकते हैं, या खड़े रहते हैं।