राजनीति

रांची में सरना धर्म कोड की मांग को लेकर दो गुटों में बंटे आदिवासियों ने सभा तथा प्रदर्शन कर सरकार को चेताया

सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासियों की विभिन्न संस्थाएं संगठनों ने दो स्थानों पर अपनेअपने ढंग से धरना प्रदर्शन किया। एक ने मोराबादी मैदान में सभा कर सरकार को शक्ति प्रदर्शन के माध्यम से बताया कि सरना धर्म कोड पर अब टालमटोल ज्यादा दिनों तक बर्दाश्त नहीं, जबकि दूसरे ने राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। दोनों स्थानों पर आदिवासियों की संख्या भारी संख्या में थी।

मोराबादी मैदान में सरना धर्म कोड की मांग करनेवालों का नेतृत्व डा. प्रकाश चंद्र उरांव देव कुमार धान कर रहे थे, जबकि राजभवन के समक्ष इसकी मांग केन्द्रीय सरना समिति के कार्यकारी अध्यक्ष बबलू मुंडा के नेतृत्व में की जा रही थी।

केन्द्रीय सरना समिति ने राजभवन के समक्ष धरना देने के क्रम में राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें सरना धर्म कोड लागू करने, धर्मान्तरित आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र रद्द करने, सरना आदिवासियों को 27 प्रतिशत आरक्षण मिले, इसकी व्यवस्था करने, वन भूमि पट्टा आदिवासियों की दी जाये, इसकी मांग प्रमुखता से की गई थी।

केन्द्रीय सरना समिति के महासचिव संजय तिर्की का कहना था कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई, तो आंदोलन किया जायेगा, तथा आनेवाले चुनाव में इसका जवाब भी दिया जायेगा। सरना धर्म कोड को लेकर पिछले कुछ वर्षों से आदिवासी समुदाय आंदोलनरत है, कुछ को लगता है कि इसके लागू हो जाने से धर्मांतरण पर रोक लगेगी तथा आदिवासियों के अपने धर्म की रक्षा होगी तथा पता भी चलेगा कि सही में आदिवासियों की जनसंख्या तथा उनके धर्म को माननेवालों की संख्या कितनी है। सरना धर्म कोड लागू नहीं होने से इनके माननेवालों की सही संख्या का पता नहीं चल पाता।