हे रावड़ी जी, हे सोनिया माता, अब देर मत करिये, कुर्सी कुमार पर कृपा कीजिये, उनके माथे पर अपना हाथ धरिये

हे रावड़ी जी, हे सोनिया माता, पलटू राम और कुर्सी कुमार के नाम से जन-जन में विख्यात नीतीश कुमार ने कौन सा अपराध कर दिया है कि आप उनके उपर हाथ रखने में इतनी देर लगा रहे हैं। अरे नीतीश कुमार कोई दुसरी दुनिया से थोड़े ही आये हैं, वे भी तो इसी दुनिया यानी गोला के आदमी है, जिनका काम अपने हित में निर्णय लेना, स्वयं को मठाधीश बनाना तथा अपने लिये दूसरे को गर्दन तक मरोड़ देना है, इसलिए कल आपको ठेंगा दिखाकर भाजपा का जैसे हाथ पकड़ा, अब बंदा भाजपा को छोड़कर आपको हाथ पकड़ने को उतावला है।

इसलिए उसका हाथ पकड़िये और उद्धार करिये और कल फिर भविष्य में ये आपको ठेंगा दिखाये तो आप उसे नटखट बाल गोपाल समझ कर भविष्य में माफ कर दीजियेगा, क्योंकि आप सभी अवतारी पुरुष-महिलाएं हैं, झट से अभी इसकी पुरानी गलती को माफ कर दीजिये, फिलहाल आप जल्द से जल्द जन-जन में पलटू राम, कुर्सी कुमार के नाम से विख्यात नीतीश कुमार के सर पर हाथ धरकर उसे अपने हृदय से लगा लीजिये, देखिये न बेचारा कितनी बेकरारी-बेचारगी से आपकी ओर निहार रहा है, आपके लिए वो अमित शाह क्या, मोदी जी से भी टकरा जा रहा है, वो मोदी जिससे टकराने की हिम्मत कोई नहीं कर रहा।

हे रावड़ी जी, हे सोनिया जी, देर मत करिये। कल तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को पलटू राम व कुर्सी कुमार से संबोधित कर रहे थे, तो इसे भूल जाइये, उन्हें अब कहिये कि वे नीतीश कुमार को महान धर्मनिरपेक्ष नेता करार दें। सृजन घोटाला और आरसीपी टैक्स को भूल जाये। अरे इस बिहार में कौन ऐसा नेता नहीं हुआ, जो बिहार को नहीं लूटा, कोई चारा के नाम पर लूटा, कोई वर्दी के नाम पर लूटा, बेचारा नीतीश भाई सृजन और आरसीपी टैक्स के नाम पर ही लूट लिया तो क्या हुआ, ऐसा थोड़े ही है कि बिहार बर्बाद हो गया, अरे समुंदर से तीन लोटा पानी ही निकाल लिया तो क्या हो गया?

जरा देखिये तो जदयू के नेता ललन सिंह कितना बढ़िया से रावड़ी-सोनिया स्तुति गा रहे हैं, ये अलग बात है कि कभी ललन सिंह रावड़ी देवी से खफा हो गये थे, केस तक करने की बात कर दिये थे, अरे गलतियां तो अच्छे-अच्छों से हो जाती है, बेचारा ललन को माफ कर दीजिये, बच्चा समझ कर माफ कर दीजिये, भूल जाइये पुरानी घटना को और नीतीश के माथे पर हाथ धर दीजिये।

रावड़ी जी, प्लीज पुत्र मोह छोड़िये, तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाकर क्या कीजियेगा, उसमें तो न पलटी मारने का गुण हैं और न कुछ और करने की। इसलिए लबेद व पलटूपुराण में साफ लिखा है कि नेता वहीं हैं जो पलटी मारने में सबका बाप हो, इसलिए हे रावड़ी जी, सोनिया माता आप दोनों से प्रार्थना है कि सब कुछ भूलकर कुर्सी कुमार को एक मौका और दीजिये। नैतिकता-चरित्रता भाड़ में जाये, इस नैतिकता-चरित्रता का अचार लगाना है क्या? सब मिलकर कुछ दिन के लिए ये लूट शब्द का धातुरुप याद करिये, जोर-जोर से बोलिये…

लूटति लूटतः लूटन्ति

लूटसि लूटथः लूटथ

लूटामि लूटावः लूटामः

हर प्रकार का तरकस से बाण निकालिये, वो क्या कहते हैं कि जदयू का तीर निकालिये और उस तीर से सारे चरित्रवानों का वध करिये, क्योंकि देश में आज चरित्र की जरुरत नहीं, ललन सिंह-नीतीश कुमार जैसे पलटी मारनेवाले नेताओं की जरुरत है, मौकापरस्त शिवानन्द तिवारी जैसे नेताओं की जरुरत है। वो इसलिए कि देखिये न ललन सिंह ने क्या बयान दिया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जदयू का कोई नेता शामिल नहीं होगा।

पर जदयू कोटे से राज्यसभा में उपसभापति बना हरिवंश को ये नहीं कह रहा, कि हे हरिवंश जल्द से जल्द तुम भी पद छोड़ दो, हद तो ये भी है कि बार-बार चरित्र की दुहाई देनेवाले हरिवंश को भी पद से इतना प्यार है कि ललन सिंह के इस दुहाई के बाद भी वो पद छोड़ने को तैयार ही नहीं, भाई पद होता ही हैं ऐसा, जब नीतीश मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ रहे, तो बेचारा उन्ही के पदचिह्नों पर चलनेवाले हरिवंश इतना बड़ा त्याग कैसे करें?

अब नैतिकता और चरित्रता की बात करनेवाले लोग व पत्रकार कुर्सी कुमार पर वाक् गोला फेकें या कुछ भी कहें, कुर्सी कुमार को क्या फर्क पड़ता है? पूरा सोशल मीडिया, नीतीश कुमार को पलटू राम और कुर्सी कुमार से विभूषित कर रखा है, पर क्या मजाल कि नीतीश कुमार को शर्म लगे। जैसे देखिये, मोतिहारी निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता रमा कांत पांडेय अपने फेसबुक पर क्या लिखते हैं पलटू कुमार की कलाबाजी का इंतजार कीजिये, बिहार के विनाश की नई पटकथा लिखी जा चुकी है। नये विनाश गाथा का एक नया चेहरा भी हो सकता है।

वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेन्द्र नाथ लिखते है – ‘ये बन्दा पलटी मारेगा, ये तो बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है, लेकिन ये मोदी भी कभी नहीं बन सकता, ये पूरा देश जानता है। मोदी से ईर्ष्या ने इसे 2014 में भी इसकी औकात बता दी थी इस बार तो इसने आत्महत्या कर ली।’ अंत में, सात बार कोई मुख्यमंत्री बन जाये या आठ बार, अगर वो पद का लालची है, तो उसे आनेवाले समय में सभी लोग लालची के नाम से ही जानेंगे।

न कि सेवक, न कि रिकार्ड बनानेवाला एक नेता, अरे विधानसभा में जो ये कहें कि हम मिट्टी में मिल जायेंगे, पर आपके (भाजपा के) साथ नहीं जायेंगे, और एक ही साल बाद जीरो परसेन्ट करप्शन टोलरेन्स के नाम पर राजद को छोड़, भाजपा से सट कर सरकार बना लें और फिर कुछ साल बाद भाजपा को छोड़ राजद से मिलकर फेविकॉल साटने का प्रबंध करने लगे तो उसे क्या कहेंगे, वहीं न, जो कभी राजद नेता तेजस्वी यादव कहा करते थे – ये तो पलटू राम है, ये तो कुर्सी कुमार है, नहीं तो कुर्सी कुमार बताये कि क्या राजद व राजद के नेता आज पूरी तरह से गिर गाय के दूध से धुल गये हैं क्या?