अपनी बात

भारी तकलीफों के बीच भी हंसते रहनेवाले का. सुखदेव प्रसाद जी आप बहुत याद आयेंगे

रांची के काली मंदिर रोड स्थित भाकपा माले कार्यालय में बराबर मुस्कुराकर सभी से मिलनेवाले कां. सुखदेव प्रसाद अब इस दुनिया में नहीं है। इस बात की जानकारी मुझे अनिल अंशुमन जी के फेसबुक वॉल से कल मिली और मैं अवाक् रह गया। कुछ दिन पहले ही भाकपा माले कार्यालय गया था, तब जनार्दन प्रसाद जी ने कहा था कि सुखदेव जी की तबियत ठीक नहीं हैं, हमें लगा कि ठंडा मार दिया होगा, जल्द स्वस्थ हो जायेंगे, पर कल फेसबुक वॉल से उनके निधन की सूचना से मैं गमगीन हो गया।

हम आपको बता दें कि मैं भाकपा माले कार्यालय बराबर आता-जाता रहता हूं, क्योंकि वहां हमें वो लोग मिलते हैं, जिनकी कथनी और करनी में अंतर नहीं होता, जो सिर्फ गरीबों-मजलूमों की बात करते तथा उनके लिए निरन्तर संघर्ष करने की बात करते हैं। उन्हीं में से एक थे – सुखदेव प्रसाद।

ये जब भी मिलते मुस्कुराकर स्वागत करते, चाय-पानी पूछते और घर-परिवार का समाचार पूछते, फिर राजनीतिक बातें होती और विदा लेते। मैं हरदम अपनी मोटरसाइकिल उसी कार्यालय परिसर में रखता हूं और सुखदेव जी बराबर कहते कि हेलमेट कही भी रख दीजिये, सुरक्षित रहेगा। अब सोचता हूं कि अब ऐसा कहनेवाला भाकपा माले कार्यालय में कौन होगा?

इतनी आत्मीयता की पूछिये मत। जब रांची से मैं धनबाद पहुंचा, तब वहां पर भी उनके साथ हमारे मधुर संबंध रहे, पर उन्होंने कभी नहीं बताया कि वे कैंसर जैसे गंभीर बिमारी तथा अन्य जानलेवा बिमारी से जूझ रहे हैं, जबकि कई बार मिले, पर कभी अपने कष्ट के बारे में नहीं बताया, लेकिन हमारा सुध-बुध जरुर लेते। पार्टी के प्रति निष्ठा और समर्पण की बात करें तो वे सभी पर भारी पड़ेंगे।

आज उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में उनके चाहनेवालों ने शिरकत किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। सुखदेव प्रसाद जी आप हमें बहुत याद आयेंगे, क्योंकि आपकी वह सर्वसुलभ मुस्कान मैं भूल नहीं सकता, जब भी माले कार्यालय जाउंगा, आप सहज ही याद आयेंगे। आपको मेरी ओर से, मेरे पूरे परिवार की ओर से एवं विद्रोही24.कॉम की ओर से अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि।