हेमन्त सरकार में अब जज भी सुरक्षित नहीं, जज उत्तम आनन्द की मौत से संबंधित सीसीटीवी फूटेज को देख राजनीतिज्ञों-संपादकों ने कहा कि यह दुर्घटना नहीं, हत्या है

ऐसे तो हेमन्त सरकार में कोई सुरक्षित नहीं, कब किसकी हत्या हो जायेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। आज अहले सुबह धनबाद में एक जज के साथ जो घटना घटी हैं, वो तो यही बया कर रहा है। धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनन्द आज सुबह जोगिंग कर रहे थे, तो एक ऑटोचालक ने जान-बूझकर उन्हें टक्कर मार दी। जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के आस-पास की है।

इस घटना को देख व सुन सभी हतप्रभ है। सभी के मुख से यही निकल रहा है कि हेमन्त सरकार में अब कोई सुरक्षित नहीं। पिछले दो हफ्तों में ऐसी-ऐसी घटनाएं घटी हैं, जो लोगों में असुरक्षा की भावना को घर कर दे रही है, अगर आज की घटना का प्रभाव विभिन्न अदालतों में न्याय दिला रहे जजों पर पड़ गया, तो इसके क्या सामाजिक परिणाम समाज को भुगतने पड़ेंगे, यह सोचकर ही व्यक्ति अब कांप जा रहा है, पर झारखण्ड पुलिस (राजदुलारी) को इससे क्या मतलब?

इधर भाजपा विधायक दल के नेता बाबू लाल मरांडी के अनुसार “सीसीटीवी फूटेज से यह स्पष्ट तौर पर हत्या का मामला दिखता है। लगता है झारखण्ड में आम आदमी से लेकर, पत्रकार, वकील, नेता, जज कोई भी सुरक्षित नहीं है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी, बिना विलम्ब इस मामले की जांच एसआइटी से कराने का आदेश दीजिए।”

इधर धनबाद से प्रकाशित प्रभात खबर के संपादक विजय पाठक का कहना है कि धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनन्द सुबह जोगिंग कर रहे थे, तभी ऑटोवाले ने धक्का मारा, जिससे उनकी मौत हो गई। सीसीटीवी फुटेज से लगता है, यह दुर्घटना नहीं, हत्या है… राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इन दिनों झारखण्ड पुलिस का ध्यान कानून व्यवस्था पर कम और अन्य विषयों पर ज्यादा है, जिसका परिणाम सामने दिख रहा है।

हाल ही में गत सोमवार को तमाड़ में सिविल कोर्ट के अधिवक्ता लोअर बाजार थाना क्षेत्र स्थित चर्च रोड निवासी मनोज कुमार झा की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कल ही कांके में जमीन कारोबारी की लाठी-डंडे से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। ऐसे में अंदाजा लगाइये कि कानून व्यवस्था की यहां क्या हालत है, शायद ऐसे ही हालात पर एक लोकोक्ति है – कानून व्यवस्था गई यहां तेल लेने…