प्रदेश कार्यसमिति की बैठक, एडवांस प्लानिंग की बात, फिर भी जीत के प्रति आशान्वित नहीं भाजपा

एडवांस प्लानिंग से हम झारखण्ड में भाजपा को अजेय बनायेंगे, पर वह एडवांस प्लानिंग क्या होगी?  सीएम रघुवर दास को नहीं पता। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक आज रांची में संपन्न हो गई, पर यह भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक से यह जरुर पता चल गया कि स्वयं भाजपा में ही सब कुछ ठीक-ठाक नहीं हैं। यहां पार्टी एक व्यक्ति विशेष की ओर ज्यादा केन्द्रित हो गई है और बाकी इनसे जुड़े लोग इनकी गणेश परिक्रमा में लगे हैं। जिसका खामियाजा पार्टी को अंततः भुगतना तय है।

रांची का हरमू स्थित स्वागत हाल भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं के कट आउट से पटा है, पर प्रदेश के नेताओं की अगर बात करें तो सिर्फ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ और सीएम रघुवर दास ही नजर आ रहे हैं। बाकी नेताओं के पोस्टर-बैनर व कट आउट सीन से गायब है। झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री व कद्दावर नेता अर्जुन मुंडा जब स्वागत हाल की ओर प्रवेश कर रहे होते है, तो वहां मौजूद कई नेताओं को हमने देखा कि वे अर्जुन मुंडा से मिलने से कतराये, शायद उन्हें डर लग रहा था कि कहीं अर्जुन मुंडा से मिलने की खबर, रघुवर दास के कानों तक न पहुंच जाये, इसके विपरीत भाजपा कार्यकर्ताओं का बड़ा समूह अर्जुन मुंडा के साथ सेल्फी लेने को मचलता दिखा। कुल मिलाकर देखा जाय, तो भाजपा में आज भी अर्जुन मुंडा कार्यकर्ताओं के बीच ज्यादा ग्राह्य दीखे।

जो सांसद व विधायक भाजपा की कृपा पर सांसद व विधायक बने थे, उनके चेहरे ज्यादा लटके हुए दिखाई पड़ रहे थे, शायद उन्हें पता था कि जो सरकार की स्थिति है, कितना भी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक कर, कोई गाल बजा लें, इस बार जनता रघुवर दास को किसी भी हाल में झेलने को तैयार नहीं है, ऐसे में वे पुनः सांसद या विधायक बन ही जायेंगे, कहना मुश्किल है, कुछ तो अभी से ही पाला बदलने की बात करते नजर आये।

भाजपा कार्यकर्ताओं में वो जोश, उत्साह नही दिखा जो आम दिनों में होता हैं, सभी केवल कार्य को संपन्न कराने में ज्यादा दीखे। प्रदेश कार्य समिति की बैठक से यह बात निकल कर जरुर आया कि भाजपा में यहीं स्थिति रही तो आनेवाले समय में भाजपा लोकसभा और विधानसभा दोनों से साफ हो जायेगी। शायद यहीं कारण है कि विपक्षी नेता भी चाहते है कि रघुवर दास पांच सालों तक टिक जाये, ताकि उन्हें सत्ता में आने में ज्यादा जोर लगाने की जरुरत नहीं पड़े, और वे आराम से 2019 की लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कामयाब हो जाये।