अपनी बात

मुख्यमंत्री रघुवर की बात हवा में, नहीं मिला पारा शिक्षकों को मानदेय

मुख्यमंत्री रघुवर दास की बात हवा में उड़ गई। आखिर नहीं मिला, पारा शिक्षकों को होली के पूर्व दो माह का मानदेय, जबकि मुख्यमंत्री ने पारा शिक्षकों को भरोसा दिलाया था कि उन्हें बकाये में से दो माह का मानदेय होली के पूर्व कर दिया जायेगा, पर आज होलिकादहन हो गई, कल होली है, सारे विभागों में होली का अवकाश हो गया, पर राज्य के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत पारा शिक्षकों को होली के इस अवसर पर भी खाली हाथ रहना पड़ गया और वे तथा उनका परिवार होली मनाने से वंचित रह गये।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक सप्ताह पहले राज्य के लगभग 68 हजार पारा शिक्षकों को दो माह का मानदेय होली से पहले भुगतान का आदेश दिया था। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने मानदेय भुगतान की प्रक्रिया शुरु कर दी थी। विभाग के प्रधान सचिव ए पी सिंह ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों व जिला शिक्षा अधीक्षकों को निर्देश जारी किया था।

पारा शिक्षकों के मानदेय भुगतान को लेकर झारखण्ड शिक्षा परियोजना को भी पत्र भेजा गया था। सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को निर्देश दिया गया था कि वे इस संबंध में झारखण्ड शिक्षा परियोजना के प्रशासी पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर कम से कम दो माह के मानदेय का भुगतान सुनिश्चित करें।

बताया जाता है पिछले साल अक्टूबर-नवम्बर से पारा शिक्षकों का मानदेय का भुगतान लंबित है, और लीजिये यह होली भी खत्म, पर पारा शिक्षकों को दो माह का भी मानदेय नहीं मिला। जब मुख्यमंत्री के आदेश की जिस राज्य में हवा निकल जाती हो, उस राज्य की जनता या लोग किस पर विश्वास करें?

झारखण्ड राज्य पारा शिक्षक संघ के संरक्षक विक्रांत ज्योति ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के आदेश की भी यहां हवा निकल गई और अब पारा शिक्षक किस पर विश्वास करें? इधर हजारीबाग के बरही में होली के पूर्व भी मानदेय नहीं मिलने से खफा पारा शिक्षकों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास और राज्य के अन्य प्रशासनिक अधिकारियों का पुतला फूंक डाला।